शरद ऋतु का आगमन कार्तिक मास शुरू होने से हो जाता हैं। घर में जितनी भी महिलाएँ है, अमूमन इस मास से पहले घर के सारे बिस्तर को धूप दिखा देती है और रज़ाई, स्वेटर की व्यवस्था पहले से करके रखती हैं। ठण्ड में शरीर को गर्म रखना एक बड़ी चुनौती होती हैं।
इसके लिए बहुत सारे जतन करने पड़ते हैं। इसमें से एक सस्ता और सुंदर उपाय है च्यवनप्राश।
च्यवनप्राश खाने से निम्नलिखित फायदे हैं, खासकर ठण्ड के मौसम में :
1. च्यवनप्राश खाने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे हमारा शरीर बीमारियों से ज्यादा लड़ सकें।
2. च्यवनप्राश बहुत सारी जड़ी-बूटियाँ से बनता है जिससे आपकी काम करने की क्षमता बढ़ती हैं और संभोग करने की प्रक्रिया में इजाफा होता हैं।
3. जैसा कि मैंने ऊपर बताया है च्यवनप्राश च्यवनप्राश खाने से बीमारियों से बचा जा सकता है। सर्दी में दिन और रात इसका सेवन करने से खाँसी, जुकाम और कफ जैसी बीमारियाँ शरीर में नहीं आती हैं।
4. छोटे बच्चों को च्यवनप्राश का सेवन कराने से सर्दी में होने वाली समस्याओं से निजात पा सकते हैं। इसका नियमित सेवन करने से बच्चों के अंदर शक्ति और स्फूर्ति प्रदान होती हैं।
5. सफेद बालों को काला करने के लिए च्यवनप्राश का नियमित सेवन करें, आपको कुछ दिनों बाद ही इसका परिणाम देखने को मिल जाएगा।
6. इसके सेवन करने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है और नाखूनों को भी मजबूती मिलती है।
7. जो महिलाएँ नियमित माहवारी नहीं आने से पीड़ित है अगर वो च्यवनप्राश का नियमित सेवन करें तो मासिक धर्म से जुड़ी बीमारियों से निजात पा सकती हैं।
8. बच्चों से लेकर बुड्ढों तक अगर सर्दी में च्यवनप्राश का नियमित सेवन करें तो उनकी एकाग्रता और सक्रियता बढ़ जाती हैं। एक नयी स्फूर्ति और गर्माहट का अहसास होता हैं।
9. च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी राहत मिलती है। अगर कोई तनाव से जूझ रहा हैं तो उनको च्यवनप्राश खाने की सलाह दे, जिससे उनको तनाव से थोड़ी राहत प्रदान हो।
10. अगर किसी का रक्तचाप बढ़ या घट रहा हो तो उसे नियंत्रित करने के लिए च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने की सलाह दे।ये सारे च्यवनप्राश का सेवन करने से होने वाले फ़ायदों की सूची थी।
इनके अलावा भी बहुत सारे फायदे नजर आते हैं। च्यवनप्राश खाने से जो कम उम्र में ही बुड्ढे दिखते है वो जवान दिखने लग जाते हैं।उम्मीद करता हूँ की आप सब को ये लेख पसंद आया होगा। आप सभी के सुझाव और टिप्पणियों की प्रतीक्षा रहेगी। इसी के साथ मैं अपनी कलम को विश्राम देता हूँ।
च्यवनप्राश खाने की विधि: सही तरीका, उपयुक्त समय – संपूर्ण जानकारी
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