औषधियों के मामले में च्यवनप्राश हर एक भारतीय घर की पहली पसंद होती है। यह आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कुदरती तरीके से बढ़ा कर आपको हर तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखती है। इसके अलावा भी च्यवनप्राश के फ़ायदों की सूची काफी लंबी है।
च्यवनप्राश में पायी जाने वाली जड़ी बूटियों का ही यही जादू है कि इसके नियमित सेवन से हम कई तरह की बीमारियों के चपेट में आने से बच जाते हैं। आइए, आज इस लेख के जरिये हम आपको बताएँगे कि च्यवनप्राश के विभिन्न घटक क्या-क्या हैं और उनके गुण हमें कौन-कौन से फायदे पहुंचाते हैं।
• आंवला
आंवला में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पायी जाती है। साथ ही साथ यह हामारी दृष्टि सुधारने में भी बहुत उपयोगी है। इसकी मदद से बालों के झड़ने की समस्या से छुटकारा भी मिल जाता है और बाल फिर से काले और घने हो जाते है।
• गिलोय
यह हमारी सर्दी, जुकाम और ज्वर जैसी बीमारियों से रक्षा करता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि करने में बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
• वंशलोचन
यह दमे जैसी गंभीर और दीर्घकालीन बीमारी में काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह कमजोरी, श्वेत प्रदर जैसे स्त्री रोगों में भी काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है।
• छोटी इलायची
इसका इस्तेमाल अकसर खांसी को दूर करने में किया जाता है। यह दमा (अस्थमा) और एलर्जी जैसी स्थिति में काफी आराम पहुंचाता है। आपकी अरुचि को भी दूर करने में ये काफी फायदेमंद साबित होता है।
• द्राक्षा
यह आपकी पाचन क्रिया में वृद्धि करता है और आपके हाज़मे को बढ़ाता है। यह हमारे लिवर की कार्य प्रणाली में भी सहायक है। यह भी एक प्रकार से आपकी अरुचि को दूर करता है। सर्दी खांसी में भी यह काफी गुणकारी है।
• शहद
शहद आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ साथ सुखी खांसी में काफी आराम पहुंचाता है। इसके अलावा यह आपकी त्वचा पर एक नयी चमक ले आता है।
• पिप्पली
सर्दी-जुकाम, खांसी और श्वास रोग के अलावा यह जीर्ण ज्वर में भी लाभदायक है।
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• हरीतकी
यह आपके कमजोर पड़े पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज़ और बवासीर जैसी बीमारियों से आपको दूर रखता है। यह मोटापे और गैस जैसी समस्याओं में अत्यंत फायदेमंद है रामबाण की तरह काम करता है।
• पुष्कर मूल
यह दमा, खांसी जैसी बीमारियों का इलाज करता है। लंबे समय से छती में जमे बलगम को भी निकालकर बाहर करने में भी यह सक्षम है।
• पुनर्नवा
यह आपकी युवावस्था को लंबा करता है और बुढ़ापे को टालता है।
• दालचीनी
यह एक पाचक की तरह अपना कार्य करता है। यह श्वास संबंधी रोगों के लिए भी काफी कारगर सिद्ध हुआ है।
• वसा
यह रक्तपित्त और लंबे समय से चली आ रही खांसी को दूर कर आराम पहुंचाने में काफी हद तक कारगर साबित हुआ है।
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