दस-पंद्रह साल पहले तक की बात करें तो, भारत में रसोईघर में उपयोग में लाए जाने वाला तेल काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता था कि आप किस प्रदेश में रहते हो, या फिर आप मूलतः किस प्रदेश के निवासी हैं। केरल में नारियल का तेल, आंध्र और राजस्थान में तिल का तेल, पूर्व में सरसों के तेल का, तथा गुजरात और मध्य भारत में मूंगफली के तेल का उपयोग पारंपरिक तौर पर रसोई घर में किया जाता है।
पर यह सारी बातें ८० के दशक में बदल गई जब कोलेस्ट्रोल और हृदय रोग का संबंध घी और तेल से जोड़ा गया। रिफाइन ऑइल के कई ब्राण्ड्स ने स्वास्थ्य का मुद्दा बनाते हुए विज्ञापन निकाले। कुछ रिफाइन ऑइल ब्राण्ड देश भर में इस्तेमाल किए जाने लगे।
क्यूंकी हम सभी की रसोई में कूकिंग ऑइल या तेल का नियमित इस्तेमाल होता है, और इसका सीधा संबंध आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य से है, यही सोच दसबस पर हमने इस बात पर शोध करने का फैसला किया कि भारत में उपलब्ध कई कूकिंग ऑइल ब्रांड में से कौन सा आपके स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर है।
इसके लिए हमने कई न्यूट्रीशनिस्ट्स और डाइटीसियनों से बातचीत की, और यह छह कूकिंग ऑइल श्रेष्ठ निकल कर आए।
सनड्रॉप सनफ्लोवर ऑयल का एक श्रेष्ठ ब्रांड है। सनफ्लोवर यानी सूरजमुखी। सनड्रॉप लाईट ऑयल में 80% रिफाइंड सूरजमुखी का तेल व 20% सोयाबीन का तेल है। सूरजमुखी का तेल ओमेगा 6 फैटी एसिड में समृद्ध है। इसलिए उसे ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ संतुलित करने के लिए उसमें सोयाबीन तेल का मिश्रण किया गया है।
यह तेल आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन चॉइस है। इसका मतलब जो लोग ह्रदय रोग से ग्रसित हैं, उनके लिए यह तेल अच्छा है। विटामिन ए, विटामिन इ, तथा विटामिन डी से भरपूर सनड्रॉप लाईट सनफ्लावर ऑयल खाना बनाने के लिए वाजिब दाम के तेलों में एक अच्छा चुनाव है।
नागपूर की न्यूट्रीशनीस्ट डॉ. मेघना दामले कहती हैं, “आज बाजार में उपलब्ध रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल में सनड्रॉप लाइट ऑयल सबसे बेहतरीन है। बाकी तेलों की तरह यह तेल खाने में ज्यादा सोखा नहीं जाता जिससे आपका खाना कम ऑइली बनता है.”
वह आगे कहती हैं कि सनड्रॉप लाइट सूरजमुखी का तेल आप के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को और सुदृढ़ करता है। आपके पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है।
इस तेल की 1 लीटर की बोतल की कीमत है ₹117। बाज़ार में उपलब्ध सभी प्रमुख ब्रांड के रीफाइन्ड ऑइल लगभग इसी रेंज में हैं, या इससे थोड़ी अधिक कीमत के।
प्योर एंड श्योर, यह मूंगफली का ऑर्गेनिक तेल है। मूंगफली का तेल, भारत में एक अर्से से इस्तेमाल किया जा रहा है। खाने के साथ-साथ इसे श्रृंगार से संबंधित सामानों के उत्पादन में भी प्रयोग किया जाता है। मूंगफली के तेल से थायराइड की प्रॉब्लम कम होती है क्योंकि इससे शरीर का तापमान और पाचन शक्ति बढ़ती है। इसी के साथ मूंगफली का तेल लेने से त्वचा में झुर्रियां कम पड़ती हैं।
नासिक की न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. निशिगंधा आदित्य प्योर एंड श्योर ऑर्गेनिक मूंगफली तेल के बारे में कहती हैं: “सबसे अच्छी बात यह है कि यह ऑर्गेनिक तेल है यानी इसमें किसी भी प्रकार की रासायनिक मिलावट नहीं है। अक्सर बाकी कई तेलों में हानिकारक रसायन मिलाए जाते हैं, जिनसे अपनी पाचन शक्ति, ह्रदय तथा त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। इस तेल की एक और खूबी यह है कि यह कोल्ड प्रेस किया गया है। इससे तेल में मौजूद पौष्टिक पदार्थ सारे ज्यों के त्यों मौजूद रहते हैं, और यह खाने में ज्यादा स्वादिष्ट लगता है।”
प्योर एंड श्योर ऑर्गेनिक मूंगफली के तेल के लिए उपयोग में लाए जाने वाली मूंगफली रसायनों और कीटनाशकों से मुक्त होती है। इसीलिए यह बच्चों के लिए भी हानिकारक नहीं है।
जब कुकिंग ऑयल की बात चल रही हो, तब फॉर्चून का नाम ना आए ऐसा हो नहीं सकता। फॉर्चून भारत में बिक्री होने वाले कुकिंग ऑयल ब्रांड्स में से एक जानामाना ब्रांड है। फॉर्चून का सोया हेल्थ रिफाइंड सोयाबीन ऑयल ह्रदय रोग से परेशान और सामान्य तौर पर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने वाले लोग उपयोग में लाने का सलाह देते हैं।
रांची से न्यूट्रीशनिस्ट भूमिका देव फॉर्चून सोया हेल्थ रिफाइंड सोयाबीन ऑयल के विषय में कहती है, “इस ऑयल में विटामिन के और ओमेगा 6 फैटी एसिड है। यह दोनों चीजें नजर सधारती हैं और मोतियाबिंद को प्रतिबंध करती है। और तो और, फॉर्चून का यह सोयाबीन ऑयल बैड कोलेस्ट्रोल भी कम करने में मदद करता है।”
भूमिका आगे कहती है कि अक्सर लोगों को ऐसे लगता है कि सोयाबीन तेल से अच्छी खुशबू नहीं आती। लेकिन फॉर्चून का यह तेल अलग है और इसमें किसी भी प्रकार की कोई बांस नहीं है। वह खुद हर रोज अपनी रसोई घर में इस तेल का उपयोग करती हैं। उनके स्पेशल टिप के अनुसार यह तेल रोटी के आटे में मिलाने से रोटियां मुलायम और ज्यादा हेल्दी बनती है।
फॉर्चून सोया हेल्थ रिफाइंड सोयाबीन ऑयल में शून्य कोलेस्ट्रोल है और यह ट्रांस फैट से भी मुक्त है। जिससे इसे हेल्थी ऑयल भी कहा जाता है। आप यह तेल फ्लिपकार्ट पर खरीद सकती हो। इसके 1 लीटर के पाउच की कीमत है महज ₹98.
ऑलिव ऑयल के चार प्रकार होते हैं। उनमें से एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल सबसे बेहतर माना जाता है. यह पीले-हरे रंग का तेल आमतौर पर सलाद के साथ या सब्जियों को मैरीनेट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है.
बाहरके देशों में काफी सालों से ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन इसके गुण जानने के बाद हाल ही में कई सारी हेल्थ कॉन्शियस भारतीय महिलाएं भी खाना बनाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही हैं।
तमिलनाडु से मेरी एक दोस्त डॉ. राधा अय्यर, जो कि न्यूट्रीशनिस्ट है, बोर्जेस ओलिव ऑयल एक्स्ट्रा लाइट फ्लेवर के बारे में कहती हैं, ” भारत में महिलाएं सर्वसामान्य रूप में रसोई में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करते हुए नहीं दिखाई देती क्योंकि ऑलिव ऑयल का स्वाद बाकी तेलों से काफी अलग और तीव्र होता है।
लेकिन बोर्जेस का यह एक्स्ट्रा लाइट ओलिव ऑयल खासतौर पर भारतीय परिवारों की पसंद-नापसंद को ध्यान में रखकर बनाया है। इसे बहुत ही हल्का स्वाद और काफी हल्की जैतून की सौगंध है, इसलिए भोजन में इससे कोई भी अलग फ्लेवर नहीं आता।”
राधा के साथ-साथ और भी कई न्यूट्रीशनिस्ट ऑलिव ऑयल अपनाने की सलाह देते हैं। क्योंकि यह कोलेस्ट्रोल और हृदय रोगको प्रतिबंध करता है तथा कैंसर भी दूर रखता है। इसके अलावा, ऑलिव ऑयल डायबिटीज और ब्लड प्रेशर कम करने के लिए भी उपयुक्त साबित हो चुका है। ऑलिव ऑयल में गुड फैट्स होते हैं, इसीलिए यह वजन कम करने में भी काम आता है।
➡ क्यों ऑलिव ऑइल खाना बनाने के लिए बेस्ट माना जाता है। विस्तार से पढ़िये।
बाजार में मिलने वाले बाकी तेलों के मुक़ाबले ऑलिव ऑयल ज्यादा महंगा तो जरूर होता है, लेकिन इसके फायदे भी कई सारे है।
MRP: ₹ 4995
Discount: 45%
Today’s Selling Price: ₹3030
वैसे तो काफी सालों से हेल्थ कॉन्शियस लोग ऑलिव ऑयल, सोया ऑयल और बाकी ऑर्गेनिक तेल अपनाते आए हैं, लेकिन चावल के धान से निकाला गया राइस ब्रान ऑयल आजकल स्वास्थ्य की ओर जागरूक लोगों में काफी लोकप्रिय हो रहा है। इस तेल के कई सारे फायदे होते हैं और यह डीप फ्राइंग के लिए भी अच्छा है।
नागपुर से न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. प्रजक्ता शास्त्री कहती हैं, “न्यूट्रीशनिस्ट होने से मुझे सभी कुकिंग ऑयल के विषय में काफी जानकारी है। हाल ही में मैंने पतंजलि राइस ब्रान ऑयल अपनाना शुरू किया है। यह तेल फिजिकल रिफायनिंग टेक्नोलॉजी से बना है।
इसका मतलब है कि इसमें चावल की धान से मिलने वाले नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद है। बाकी तेल केमिकल का उपयोग करके रिफाइन किये जाते हैं। न्यूट्रीशनल वैल्यू कम होती है। लेकिन यह तेल अलग है। इसके नेचुरल बैलेंस फैटी एसिड कंपोजिशन इसे हर रोज रसोई घरमें अपनाने के लिए उपयुक्त बनाते हैं। सुनहरे रंग के इस ऑयल में किसी भी प्रकार का स्वाद नहीं है जो इसे भारतीय खाना बनाने के लिए अनुकूल बनाता है।”
पतंजलि राइस ब्रान ऑयल के बारे में प्रजक्ता आगे कहती हैं कि राइस ब्रान ऑयल का स्मोक प्वाइंट काफी ज्यादा होता है। “स्मोक प्वाइंट” या “बर्निंग प्वाइंट” यह तेल की ऐसी अवस्था होती है जब इसमें से हानिकारक धुआं तथा फ्री रेडिकल्स निकलने लगते हैं।
ऊंचे बर्निंग प्वाइंट वाला राइस ब्रान ऑयल डीप फ्राइंग के लिए भी अच्छा है और इससे कैंसर होने की संभावना कम होती है। इसी के साथ पतंजलि का राइस ब्रान ऑयल कोलेस्ट्रोल पर नियंत्रण करता है, इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है और शरीर में जल्दी से सोख लिया जाता है।
भारत के कई प्रान्तों में पारंपरिक तौर पर मस्टर्ड ऑयल यानी सरसों का तेल खाने के लिए अपनाया जाता है। सरसों के बीज से निकाला गया यह तेल अक्सर पीले-भूरे या लाल-भूरे रंग का होता है।
गुड़गांव से मेरी सहेली डॉ. पल्लवी खुराना, जो कि एक न्यूट्रीशनिस्ट हैं, कहती हैं, “राइस ब्रान ऑयल, ऑलिव ऑयल और बाकी सारे नए ऑइल्स की तरह यह तेल ओडर फ्री (सुगंध मुक्त) और टेस्ट फ्री (स्वाद रहित) तो नहीं है, लेकिन इसमें कुछ ऐसा है जो बाकी के ऑयल्स में मुझे नहीं दिखा।
इमामी हेल्दी एंड टेस्टी कच्ची घनी मस्टर्ड ऑयल में 60% मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड (monosaturated fatty acids) है। जिससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है और ह्रदय रोग से बचाव करता है। सरसों का तेल एक उत्कृष्ट जीवाणु विरोधी (anti-bacterial) तेल है जो शरीर में मौजूद विषाणु का नाश करके पाचन शक्ति सुधारता है। इसी के साथ शरीर पर ज़ख्म होने पर इसे लगाया जाए तो वह जल्दी ठीक हो जाती है।”
सरसों के तेल से रक्त प्रवाह को भी बढ़ावा मिलता है – जिससे त्वचा चमकदार बनती है। तनाव भी कम होता है। इमामी हेल्दी एंड टेस्टी कच्ची घनी मस्टर्ड ऑयल की 1 लीटर की बोतल आप फ्लिपकार्ट से ₹105 में खरीद सकते हैं। वैसे यह तेल आपको आसानी से आपके किसी नजदीकी किराने की दुकान पर भी मिल जाएगी।
हमें पता है, यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आप जरूर रसोई घर में जाकर अपने कुकिंग ऑयल के घटक देखेंगे। अगर आप भी इनमें से कोई ऑयल अपनाती हो और आप को उसके फायदे दिखाई दिए हैं तो हमारे साथ कमेंट में जरूर शेयर कीजिए और यह आर्टिकल अपने हेल्थ कॉन्शियस दोस्तों के साथ शेयर भी कीजिए।
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