मानव शरीर के पोषण के लिए सभी प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से विटामिन्स भी एक हैं। विटामिन्स कई प्रकार के होते हैं। सभी प्रकार के विटामिनों का शरीर के लिए अपना महत्व है। इन्हीं में से एक है विटामिन के (Vitamin K)। इस विटामिन के भी दो प्रकार होते हैं – विटामिन K1 और विटामिन K2
यह विटामिन शरीर की हड्डियों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है और कैल्शियम को हड्डियों तक पहुँचाने के लिए विटामिन के की मुख्य भूमिका होती है।
ये हीं नहीं, शरीर में मौजूद विटामिन K की मात्रा अंगों में चोट लगने पर निकलने वाले रक्त को जमा कर रोकने में सहायक होती है। इसके अतिरिक्त कई प्रकार के रोगों के खिलाफ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को दृढ करने का काम करती है। तो आइये जाने शरीर के लिए आवश्यक विटामिन के की जानकारी।
• विटामिन के महिलाओं में माहवारी के दौरान अत्याधिक रक्त स्त्राव को रोकने एवं दर्द से राहत पाने के लिए मत्वपूर्ण विटामिन है। इसके अतिरिक्त गुर्दे की पथरी, आस्टियोपोरेसिस, रक्त धमनियों को कठोर होने से रोकने तथा नसों के संवेदन प्रणाली के बेतर क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाती है।
• शरीर की हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को पहुँचाने में सहायक होता है। जो रक्त के स्त्राव के समय रक्त को थक्का बनाकर रोकने के लिए आवश्यक होता है।
• विटामिन के शरीर में रक्त के संचार को नियंत्रित रखता है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
• यह विटामिन पेट, मुँह, नाक के कैन्सर के खिलाफ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है।
• विटामिन K मस्तिष्क की कोशिकाओं में उपस्थित फ्री रेडिकल्स के कारण सेल्स के डैमेज होने के खतरे को कम करता है। इससे पार्किन्सन (Parkinson’s Disease) और अल्जाईमर (Alzheimer) जैसी बिमारियों से बचाव होता है।
• इस विटामिन की आवश्यक मात्रा के शरीर में होने पर इन्सुलिन का उत्पादन उचित मात्रा में होता है। जिससे डायबिटीज रोग होने की संभावना कम रहती है।
• इस विटामिन का मुख्य स्त्रोत हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे – सरसों का शाक,बन्दगोभी, मुली, चुकंदर की पत्तियों में, पालक, गेहूं, जौ, जैतून के तेल, लाल मिर्च, केला, रसदार फल एवं अंकुरित अनाज आदि में पाई जाती है।
• ये विटामिन पालक, करमकल्ला, गोभी एवं गाजर के ऊपरी पार्ट में प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है।
• विटामिन के लहसुन की पत्तियाँ, जौ की घास, चावल के धान के छिलके एवं बकरे के पके हुए जिगर में अधिक मात्रा में पाया जाता है।
मानव शरीर के आँतों में मौजूद जीवाणु भी विटामिन के का निर्माण करते हैं। किन्तु सल्फा मेडिसिन के ज्यादा प्रयोग से विटामिन के का निर्माण करने वाले जीवाणुओं का नाश हो जाता है। जिसके कारण आँतों में इस विटामिन का निर्माण बंद हो जाता है।
हरी सब्जियों के अतिरिक्त एनिमल प्रोडक्ट्स में भी विटामिन के की मात्रा पाई जाती है।
विटामिन K उचित मात्रा शरीर में न होने पर महिलाओं में माहवारी में ज्यादा रक्त स्त्राव की समस्या हो सकती है। इसके अतिरिक्त हड्डियाँ कमजोर होना, नाक एवं मसूड़ों से रक्त का स्त्राव होना भी शरीर में विटामिन के की कमी का संकेत हो सकता है।
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