गुरूद्वारा जिसका शाब्दिक अर्थ होता है गुरु का द्वार। यह द्वार भक्तों के लिए हमेशा खुला रहता है। चाहे दिन हो या रात हो कैसा भी मौसम हो गुरूद्वारे के द्वार हमेशा सब के लिए खुले रहते हैं। यहाँ पर सिखों के 11 वे गुरु श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का निवास रहता है जिसे […]
राजस्थान के करणी माता मंदिर में इतने चूहे होने का क्या रहस्य है?
सामान्यतया चूहे आम जनता के लिए खतरनाक एवं प्लेग जैसी जानलेवा बीमारी का कारण होते है| यह एक आश्चर्यजनक बात है कि भारत में स्थित करणी माता मंदिर में लगभग 20000 से भी अधिक चूहे पाए जाते है| इतना ही नहीं बल्कि यहाँ आने वाले भक्तों को चूहों का झूठा प्रसाद दिया जाता है| यह […]
विवाहित हिन्दू महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं?
प्राचीनकाल से ही सुहागन स्त्रियों के लिए मांग में सिन्दूर भरने की परम्परा चली आ रही है। सिन्दूर को स्त्री के 16 सिंगरों में से एक माना गया है। सुहाग के प्रतीक के तौर पर हर सुहागन महिला द्वारा इसे अपनी मांग में भरा जाता है। मांग में सिन्दूर लगाने के हिन्दू धर्म एवं वैज्ञानिकों […]
क्या तानसेन राग मल्हार का आलाप कर सच में वर्षा करवा देते थे?
संगीत का संबंध आत्मा से उसी प्रकार से जुड़ा है जैसे शरीर का भोजन से जुड़ा है। संगीत का जिक्र आए तो तानसेन का नाम लेना लाजिमी ही है। बचपन में शेर की दहाड़ से लोगों को डराने वाला बालक संगीत सम्राट बन गया। संगीत के गगन को तानसेन ने असंख्य राग-रागिनियों से सजाया है। […]
गाय का पूरा शरीर देव भूमि है जहाँ 33 कोटी देवी-देवता निवास करते हैं।
भारत देश हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है और इसी कारण वो सभी साधन जिसमें गाय भी प्रमुख है, कृषि कार्य में सहायक रहे, पूजनीय माने गए। वैदिक समय से गाय को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना गया था। गाय के आर्थिक, चिकित्सकीय और वैज्ञानिक लाभ देखते हुए , यह बहुत जरूरी था की इस […]
क्या भगवान बुद्ध मांसाहारी थे?
बुद्ध जिसका अर्थ है वो “जो जाग रहा है” इस अर्थ में कि जो “वास्तविकता के लिए जगा” हो, यह पहला शीर्षक भगवान बुद्ध को दिया गया था लगभग 2500 साल पहले जब राजकुमार सिद्धार्थ गौतम ने जीवन की वास्तविकता प्राप्त करने के लिए सभी सांसारिक सुखों को छोड़ दिया और बुद्ध बन गये।घर त्यागने के […]