गुरूद्वारा जिसका शाब्दिक अर्थ होता है गुरु का द्वार। यह द्वार भक्तों के लिए हमेशा खुला रहता है। चाहे दिन हो या रात हो कैसा भी मौसम हो गुरूद्वारे के द्वार हमेशा सब के लिए खुले रहते हैं। यहाँ पर सिखों के 11 वे गुरु श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का निवास रहता है जिसे बहुत ही शानदार पालकी या एक स्थान पर पूरे आदर और सम्मान के साथ विराजमान किया जाता है। सिर्फ हमारे देश में ही नहीं परंतु पूरे विश्व में आपको सिख धर्म के अनुयायी मिल जायेंगे। इसलिए अलग अलग जगह पर गुरुद्वारों का निर्माण हुआ है। इनमें से कुछ बहुप्रसिद्ध गुरूद्वारे ये हैं –
1. श्री हरमंदिर साहिब
श्री हरमंदिर साहिब सिखों का सबसे बड़ा धर्मस्थल माना जाता है। यह स्वर्ण मंदिर के नाम से विख्यात है।श्री गुरु राम दास जी का यह गुरुद्वारा साढ़े चार सौ वर्ष पुराना है। यह सरोवर के एक दम बीचोबीच बना हुआ है और यहाँ का सुप्रसिद्ध स्वादिष्ट लंगर 24 घंटे सबके लिए खुला रहता है। यहाँ पर हर रोज हजारो की गिनती में पर्यटक आते हैं और गुरु घर में अपना शीश झुकाते है।
2. गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब सिख धर्म के लोगों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह 4632 मीटर की ऊँचाई पर है और बद्रीनाथ के रास्ते गोबिंद घाट से होते हुए पैदल चल कर ही यहाँ पहुँचा जा सकता है। मान्यता यह है की दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने यहाँ तप किया था।
3. केशगढ़ साहिब
केशगढ़ साहिब व् आनंदपुर साहिब पंजाब में है। यह स्थान खालसा पंथ के जन्म के लिए भी जाना जाता है। यह शहर सिखों के 9 वे गुरु श्री तेग बहादुर जी द्वारा बसाया गया था।
4. बंगला साहिब गुरुद्वारा
दिल्ली के सबसे सुप्रसिद्ध गुरुद्वारों में से एक है कनॉट प्लेस स्थित बंगला साहिब गुरुद्वारा। सोने से बना हुआ गुम्बद दूर से ही पहचाना जा सकता है। यह जयपुर के महाराज जय सिंह का बंगला था फिर उन्होंने इसे सिखों के आठवें गुरु श्री हरी कृष्ण सिंह जी को भेंट कर दिया था।
5. गुरुद्वारा पंजा साहिब
यह गुरुद्वारा हसन अबल पाकिस्तान में स्थित है। यहाँ पर सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के हाथो के निशान एक पतथर पर उभरे हुए हैं। यहाँ पर सिर्फ सिख धर्म के अनुयायी ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं।
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