मुंहासे त्वचा की तेल उत्पादन करने वाली ग्रंथियों की एक सामान्य, पुरानी और दाहक बीमारी है। विश्व की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी अपने जीवन के किसी न किसी दौर में इस समस्या से पीड़ित होती है। मुंहासोंका आक्रमण अधिकतर चेहरे पर होता है, लेकिन कभी कभी ये माथे, सीने, ऊपरी पीठ और कंधों पर भी हो जाते हैं। सामान्यतया मुंहासों का आक्रमण वयःसंधि के दौरान होता है, लेकिन यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है ।
मुंहासे – कारण:
त्वचा के प्रत्येक छिद्र में स्थित तेल ग्रंथि सीबम (तेल) का स्त्राव करती है, जो छिद्र से बाहर त्वचा की सतह को मुलायम और चिकना रखता है।
मुंहासों के पैदा होने की जड़ में निम्न तीन समस्याएं होती हैं:
- जब तेल ग्रंथियां अत्यधिक तेल का उत्पादन करती हैं।
- त्वचा के नन्हे छिद्रों में मृत त्वचा की कोशिकाएं इकट्ठी हो जाती हैं।
- त्वचा के छिद्रों में बैक्टेरिया पनपने लगते हैं। जब भी अत्यधिक तेल एवं मृत त्वचा की कोशिकाओं से अवरुद्ध छिद्र में बैक्टीरिया जन्म लेते हैं और तेल बाहर नहीं निकल पाता, त्वचा पर मुंहासा आ जाता है।
इन कारणों के अतिरिक्त मुंहासे पैदा होने के कुछ अन्य कारण भी होते हैं जैसे:
- गर्भावस्था अथवा वयः संधि में शरीर में आया हॉर्मोंनल परिवर्तन
- कुछ औषधियां यथा गर्भनिरोधक गोली या कॉर्टिकोस्ट्रोयड्स का सेवन
- अनुवांशिकी कारण
- रिफाइंड चीनी अथवा कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध डाइट का अधिक सेवन
अब हम अपनी पाठिकाओं को मुंहासों से निजात पाने के लिए डॉक्टर शालिनी बंसल बोरा, B.A.M.S., M.D.(सिद्धान्त आयुर्वेद) द्वारा बताए गए कुछ आयुर्वेदसम्मत उपचारों का उल्लेख करने जा रहे हैं। डॉक्टर शालिनी के अनुसार आयुर्वेद में मुंहासों के उपचार के कुछ बेहद कारगर उपाय हैं।
मुहांसों से निजात पाने के आयुर्वेदिक तरीके
1. तुलसी:
तुलसी अपनी रोगाणुरोधी, जीवाणुरोधी, प्रदाहनाशी एवं फंगसरोधी विशेषताओं के कारण मुंहासे बनने की प्रक्रिया की रोकथाम करती है।
आवश्यक सामग्री:
- कुछ तुलसी के पत्ते
- कुछ नीम के पत्ते
- गुलाब जल एक बड़ा चम्मच
- नींबू का रस एक छोटी चम्मच
इन सभी चीजों को एक साथ पीस कर मिश्रण बना लें।
उपयोग विधि
इस मिश्रण को मुंहासों से प्रभावित हिस्सों पर लगा लें और सूखने पर अपना चेहरा सादे, साफ पानी से धो लें।
यह फेस पैक चेहरे से गंदगी हटाने के साथ-साथ आपके अवरुद्ध छिद्रों को खोल कर नए मुंहासोंको बनने से रोकेगा और पुराने मुंहासों का उपचार करेगा
2. एलोवेरा:
सूक्ष्मजीवनिवारक, प्रदाहनाशी, वायरस रोधी विशेषताओं से परिपूर्ण एलोवेरा जेल त्वचा के छिद्रों को साफ करने के साथ-साथ उनमें बैक्टेरिया पैदा होने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
आवश्यक सामग्री
- एलोवेरा की पत्तियों से निकाला गया ताजा एलोवेरा जेल एक बड़ा चम्मच
उपयोग विधि
एलोवेरा जेल को पूरे चेहरे पर लगाएं। 10 मिनट बाद चेहरा सादे पानी से धो लें।
3. पपीता:
कच्चे पपीते के गूदे में त्वचा को पोषित करने की विशेषता तो होती ही है, साथ ही यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है और त्वचा को मॉइश्चराइज़ और हाइड्रेट करता है। इसमें मौजूद प्रदाहनाशी एंजाइम मुंहासोंको शांत करने के साथ-साथ त्वचा को एक्सफोलिएट करते हैं।
आवश्यक सामग्री
- कच्चे पपीते की एक बड़ी फांक
इसे बारीक पीस लें।
उपयोग विधि
इस मिश्रण को पूरे चेहरे पर लगा ले। करीब आधे घंटे बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
4. शहद:
अनेक लाभप्रद एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध शहद अपनी सूक्ष्मजीवनिवारक विशेषताओं के चलते त्वचा के छिद्रों में बैक्टेरिया के बनने की प्रक्रिया को रोकते हुए चेहरे के मुंहासे प्रभावी रूप से साफ करता है।
आवश्यक सामग्री
- शुद्ध ऑर्गेनिक शहद एक बड़ा चम्मच
उपयोग विधि:
मुंहासों से प्रभावित हिस्से के साथ-साथ आप शहद को अपने पूरे चेहरे पर लगा सकती हैं। इसे लगाकर 15 से 20 मिनट बाद चेहरा धो लें ।
5. पुदीना:
पुदीना के पत्तों में सैलीसाइक्लिक एसिड होता है जो मुंहासों को सुखाता है, त्वचा के छिद्रों को साफ करता है और नए मुंहासोंको पनपने से रोकता है। नींबू का रस त्वचा के सामान्य होने की प्रक्रिया को गति देता है।
आवश्यक सामग्री
- पुदीना के पत्ते एक मुट्ठी भर
- नींबू का रस एक छोटा चम्मच
- गुलाब जल एक से 2 बड़ा चम्मच
उपरोक्त सभी चीजों को मिलाकर एक मिश्रण बना लें।
उपयोग विधि
इस मिश्रण को अपने चेहरे के मुंहासों से प्रभावित हिस्सों और मुंहासे पनपने के संभावित हिस्सों पर लगा लें। करीब 15 मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह प्रक्रिया रोज़ाना एक बार अपनाएं।
6. मुल्तानी मिट्टी:
मुल्तानी मिट्टी में मौजूद मैग्निशियम क्लोराइड एवं अनेक खनिज तत्व त्वचा के छिद्रों से अतिरिक्त तेल, गंदगी, पसीना और अशुद्धियां हटाकर उन्हें गहराई से साफ करते हैं, जिससे मुंहासे नहीं पनपते।
आवश्यक सामग्री:
- मुल्तानी मिट्टी 2 बड़े चम्मच
- पिसे हुए ताजे नीम के कुछ पत्ते या 1 बड़ा चम्मच सूखे नीम के पत्तों का पाउडर
- गुलाब जल 2 बड़े चम्मच
- नींबू का रस आधा छोटा चम्मच
- हल्दी पाउडर एक चुटकी
इन सभी सामग्री को मिलाकर एक मिश्रण बना लें ।
उपयोग विधि
इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं एवं 15 से 20 मिनट बाद चेहरा धोकर मॉइश्चराइज़र लगा लें।
बेहतरीन परिणामों के लिए आप इस फेस पैक को सप्ताह में दो बार लगा सकती हैं।
7. चंदन:
अपनी जीवाणुरोधी, वायरसरोधी, प्रदाहनाशी एवं सर्वोपरि अपनी एंटीसेप्टिक विशेषताओं और ऐन्टीऑक्सीडेंट से समृद्ध होने की वजह से चंदन मुंहासोंके उपचार की बेहतरीन औषधि है। यह लाली युक्त और सूजे हुए मुंहासोंको सुखाकर उनका त्वरित गति से उपचार करता है। यदि आपको लाल चंदन का पाउडर मिल सके, तो उसका उपयोग करें। लाल चंदन त्वचा के लिए बेहतरीन होता है।
आवश्यक सामग्री
- लाल चंदन पाउडर 1 छोटा चम्मच
- शुद्ध ऑर्गेनिक शहद एक छोटा चम्मच
- गुलाब जल एक छोटा चम्मच
- हल्दी पाउडर एक चुटकी
इन सभी चीजों का मिश्रण बना लें।
उपयोग विधि
इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं। सूखने पर सादे पानी से चेहरा धो लें।
डॉ शालिनी बंसल बोरा ने हमसे कहा कि मुंहासोंकी समस्या से ग्रस्त पाठिकाओं को एक एक कर उपरोक्त सभी फेस पैक 5 से 7 दिनों तक आजमाने चाहिए। इनमें से जो फेस पैक आपको सबसे कारगर लगे, उसका उपयोग लंबे समय तक करें, लेकिन यदि आपको इनमें से एक भी फेस पैक प्रभावी नहीं लगे और आपकी समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जाए, तो उस स्थिति में आपको किसी स्किन स्पेशलिस्ट से अवश्य परामर्श लेना चाहिए।
मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए क्या करें क्या ना करें?
क्या करें?
- रोज विटामिन सी से समृद्ध एक कप ताजा निकाला गया आंवले का रस पियें।
- रोजमर्रा की आपाधापी भरी जिंदगी का तनाव अपने ऊपर हावी न होने दें। तनाव मुक्त रहने के लिए योग, व्यायाम और मेडिटेशन अपनाएं।
- 7 से 8 घंटों की पर्याप्त नींद लें।
- कार्बोहाइड्रेट एवं रिफाइंड चीनी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़, मैदे से बने बिस्किट, केक, कुकीज़, पिज़्ज़ा, बर्गर, ब्रेड, कोल्ड ड्रिंक के सेवन से यथासंभव बचें अथवा सीमित मात्रा में इनका सेवन करें।
- ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज का सेवन भरपूर मात्रा में करें. मसालेदार तथा फ़्राइड भोजन करने से बचें ।
- रात को सोने से पहले मेकअप उतार कर चेहरा अच्छी तरह से साफ करें।
- अपने पेट को हमेशा साफ रखें। कब्ज़ ना होने दें क्योंकि यह दिक्कत मुंहासों की समस्या को गंभीर करती है ।
- अपना चेहरा सदैव मृदु हर्बल, अल्कोहल फ्री फेस वॉश जैसे नीम या तुलसी के फेस वॉश से चेहरा धोएं। यदि संभव हो तो बेसन और दही के मिश्रण से चेहरा धोएं।
- चेहरे पर कम से कम सौंदर्य प्रसाधन का उपयोग करें। जब इनका उपयोग अति आवश्यक हो तो भी देख लें कि आपके स्किन केयर एवं मेकअप ब्यूटी प्रोडक्ट नॉन कोमेडोजेनिक हो, क्योंकि यह त्वचा के छिद्रों को अवरुद्ध नहीं करते । आपके सौंदर्य प्रसाधन फ्रेगरेंसफ़्री भी होने चाहिए। साथ ही चिकने एवं तैलीय सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग बिल्कुल ना करें।
- अपने चेहरे की सफाई का विशेष ध्यान रखें। चेहरे की त्वचा को गंदे तौलिए, तकिए के खोल, मोबाइल, मेकअप स्पंज और ब्रश के संपर्क में आने से बचाएं।
- ज्यादा गर्म पानी के स्थान पर हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धोएं।
- तैलीय त्वचा के लिए अपने स्किन केयर और मेकअप ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदते वक्त ध्यान रखें कि उन पर फॉर ऑइली स्किन अथवा फॉर एक्ने प्रोन स्किन अवश्य लिखा हो।
- चेहरा स्वच्छ रखें। यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो भी नॉन कोमेडोजेनिक मॉइश्चराइज़र का नियमित उपयोग करें अथवा प्राकृतिक मॉइश्चराइज़र जैसे एलोवेरा अथवा जेल शहद का उपयोग करें।
क्या नहीं करें?
- मुंहासों को बार-बार न छूएं, न ही उन्हें नोचें, कुरेदें, फोड़ें या दबाएं। जब भी चेहरा छूएं, आपके हाथ साफ़ होने चाहिए।
- चेहरे को बार-बार ना धोएं। सुबह से रात तक इसे मात्र दो या अधिक से अधिक तीन बार धोएं। चेहरे को आवश्यकता से अधिक धोने से आपकी त्वचा ड्राई होकर मुंहासोंकी समस्या को बढ़ा सकती है।
- धूप में जाने से यथासंभव बचें।
यदि आप मुंहासों की समस्या से पीड़ित हैं तो ऊपरोक्त उपचारों में से अपनी त्वचा के अनुकूल कोई एक उपचार कम से कम 1 माह तक आजमाएं। लेकिन यदि आपकी समस्या गंभीर और लंबे समय से बनी हुई है और ऊपरोक्त उपायों से आप की स्थिति में कोई सुधार नहीं आ रहा, तब आप किसी अच्छे स्किन स्पेशलिस्ट से मिलकर चिकित्सीय उपचार लें।
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