मंदिरों एवं भगवान में हिन्दुओं की अटूट आस्था होती है. इसी आस्था एवं विश्वास पर विश्वभर में अनेक स्थानों पर विशाल हिन्दू मंदिरों की स्थापना की गई. इनमें से कई मंदिर भारत में ही स्थित हैं तो कई विदेशों में भी हैं. यहाँ तक कि दुनिया का सबसे विशालतम हिन्दू मंदिर ‘अंकोरवाट’ भारत में नहीं बल्कि विदेश में है. दसबस पर आज हम आपको दुनिया के 10 सबसे विशाल मंदिरों के बारे में बताएँगे:
अंकोरवाट मंदिर – यह विश्व का सबसे विशाल हिन्दू मंदिर है, जो कम्बोडिया में ‘अंकोर’ नामक स्थान पर स्थित है. यह विष्णु मंदिर सम्राट सूर्यवर्मन के शासनकाल में बना था. यह सैंकड़ों वर्गमील में फैला हुआ है और यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है. इसका मूल शिखर एवं अन्य आठों शिखर क्रमशः 64 एवं 54 मीटर ऊँचे हैं. यह मंदिर 7,20,000 वर्गमीटर (500 एकड़) के क्षेत्र में स्थित है.
कंबोडिया के इतिहास में इस मंदिर का इतना महत्व है की कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज तक पर अंकोरवाट मंदिर का चित्र अंकित है!
यह भारत का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है, जो तमिलनाडु के त्रिची नामक स्थान पर स्थित है. यह विष्णु मंदिर लगभग 6,31,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में स्थित है. यह इतना विशाल है कि एक पूरा शहर इसमें बसा हुआ है.
आधुनिक काल में भारत की राजधानी दिल्ली में बनाया गया यह अक्षरधाम (स्वामीनारायण) मंदिर एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. यह लगभग 2,40,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में स्थित है. यहाँ वर्षभर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है.
तमिलनाडु के चिदंबरम में स्थित यह शिव मंदिर जिसे ‘चिदंबरम मंदिर’ भी कहा जाता है, बहुत विशाल है. इसी कारण यह एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल बन गया है. इसका क्षेत्रफल लगभग 1,60,000 वर्गमीटर है.
यह मठ कलकत्ता में हुगली नदी के किनारे स्वामी विवेकानंद द्वारा बनवाया गया था. यहाँ माँ आद्याकाली की पूजा होती है. यह 1,60,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है.
यह शिव मंदिर तमिलनाडु के थंजावुर में लगभग 10,24,00 वर्गमीटर के क्षेत्र में स्थित है. इसके सबसे बड़े स्तम्भ ‘विमानम’ की ऊँचाई 198 फ़ीट है जो कि विश्व की सबसे ऊँची मानव निर्मित मीनारों में से एक है. इसके साथ ही यहाँ और भी कई ऊँचे व बड़े स्तम्भ बने हुए हैं.
मान्यता के अनुसार इस विमानम की परछाई कभी भी जमीन पर नहीं पड़ती – लेकिन इस तथ्य को कई लोगों ने नकारा है.
द्रविड़ वास्तुकला का एक बेहतर नमूना, इस मंदिर का निर्माण चोला शासन के दौरान किया गया था. राजाराजा चोला १ द्वारा निर्मित वृहदेश्वर मंदिर का निर्माण सं १०१० में हुआ था – यानी की यह मंदिर १००० वर्ष से भी अधिक पुराना है.
यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में स्थित है। यह शिव मंदिर अनेक ऊँचे स्तम्भों के कारण प्रसिद्ध है। यह १०११७१ वर्गमीटर में फैला हुआ है।
यह मंदिर दक्षिणी भारत में कांचीपुरम नामक स्थान पर स्थित है. इस शिव मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 92,860 वर्गमीटर है. यह पांच महाशिव मंदिरों एवं पंचभूत स्थलों में से एक है.
तमिलनाडु के त्रिची नामक स्थान पर स्थित इस प्रसिद्ध शिव मंदिर का निर्माण 1800 वर्ष पूर्व ‘राजा कोसंगनन’ ने करवाया था. यह लगभग 72,843 वर्गमीटर में स्थापित है.
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली शहर में स्थित यह मंदिर लगभग 2000 वर्ष पुराना है. यह लगभग 71,000 वर्गमीटर में फैला हुआ है. यहाँ श्री अरुलथारुम कंथीमती जी का मंदिर विध्यमान है.
हिन्दू धर्म की गौरव गाथा के गौरव प्रतीक ये मंदिर धार्मिक आस्था के साथ ही पर्यटन के भी बड़े केंद्र हैं.
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बहुत खूब लेकिन हिन्दू की सबसे बड़ी आबादी भारत में रहती है और सबसे बड़ा मंदिर कोम्बोडीया में है, काश भारत में होता