स्वास्थ्य

त्रिफला चूर्ण की खुराक और लेने का सही तरीका जानिये

त्रिफला शब्द से ही लोगों को समझ में आ गया होगा कि यह तीन फलों से बना हुआ है। त्रिफला आंवला, बहेड़ा और हरीतकी के चूर्ण के मिश्रण से तैयार की जाती है। इस चूर्ण की यह विशेषता है कि इस चूर्ण को एक भाग आंवला, दो भाग बहेड़ा और तीन भाग हरीतकी के अंश को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग पारंपरिक तरीके से आज तक चला आ रहा है।

 

यह बिना किसी अतिरिक्त प्रभाव के आपको कई सारे लाभ देता है क्योंकि यह सम्पूर्ण रूप से प्राकृतिक उत्पाद है। आज इस लेख के ज़रिए हम आपको त्रिफला चूर्ण से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे और उसके खुराक की सम्पूर्ण जानकारी देंगे।सबसे पहले हम यहाँ त्रिफला चूर्ण के सेवन से होने वाले लाभों के विषय में बताएंगे।

• एक अच्छे और संतुलित आहार के साथ त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन आप में हृदय रोग, नेत्र रोग, उच्च रक्तचाप, कब्ज़, गैस और पेट से जुडी समस्याओं का संभावना ही समाप्त कर देता है।

• सिर्फ इतना ही नहीं, यह कई तरह के प्रमेह का भी अच्छी तरह से इलाज कर सकता है।

• मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी से आज बहुत से लोग जूझ रहे हैं। यह बीमारी आजकल बहुत आम हो गयी है। त्रिफला चूर्ण के उपयोग से आप बड़ी ही सहजता से इस बीमारी पर अपना नियंत्रण रख सकते हैं।

 त्रिफला का चूर्ण  दूध के साथ पीने से  पेट की जलन शांत होती है।

• त्रिफला चूर्ण का नियमित खुराक कुष्ठरोग एवं विषम ज्वर जैसे रोगों को भी साध सकता है।

• इसके अलावा यह किसी भी वजह से होने वाली सूजन को दूर करता है।

• अस्थियों और केश को मजबूत बना कर फिर से घना और काला भी बना सकता है।

• कमजोर पड़ चुके पाचन तंत्र को फिर से मजबूत बनाने में इसकी अहम भूमिका होती है। त्रिफला चूर्ण के इस्तेमाल से हमें सही और सम्पूर्ण लाभ पाने के लिए उसकी सटीक खुराक जान लेना बहुत ज़रूरी है। आईये, इसके अलग अलग खुराक के बारे में जान लें।

कब्ज की समस्या की स्थिति में रात को सोने से पहले लगभग एक चम्मच यानी पांच ग्राम त्रिफला चूर्ण को एक गिलास हल्के गर्म दूध में मिलाकर पीएं। आप चाहें तो गर्म दूध के एवज में गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

दाद, खाज, खुजली, फ़ोड़े-फुंसियों और तरह तरह के चर्म रोगों के निदान के लिए दिन में दो बार पानी में ६-८ ग्राम त्रिफला चूर्ण सेवन करें।

• एक चम्मच त्रिफला चूर्ण में ५ ग्राम शहद और १० ग्राम गाय का घी मिलाकर सेवन करें। इससे मोतियाबिंद और तमाम नेत्र रोगों से मुक्ति मिलती है। इसका नियमित सेवन ऐसे रोगों की संभावना ही खत्म कर देता है।

• वजन घटाने के लिए भोजन करने के लगभग एक घंटे बाद गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन करें। ऐसा दिन में दो तीन बार कर सकते हैं।

शिवांगी महाराणा

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