इन्टरनेट की सुरक्षा हमेशा से एक चिंता का विषय रहा है – अगर आप चौकन्ना नहीं रहेंगे तो शायद आपको एक आध बार धोखा खाना पड़ सकता है | इ कॉमर्स की बढ़त के साथ कई धोखेबाजों ने जाली शौपिंग साईट खोल ली हैं जो असली वेबसाइट से काफी मिलती जुलती हैं |
तो कैसे असली वेबसाइट के बीच नकली वेबसाइट की पहचान करें?
आगे लिखी हैं कुछ तरीके जिनसे आप ऑनलाइन शौपिंग करते समय अपने को धोखे से बचा सकते हैं | ये ध्यान रखें की किसी भी समय अगर आप किसी प्रक्रिया में असफल रहते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है की वेबसाइट नकली है लेकिन अगर साईट कई मापदंडों पर खरी नहीं उतरती है तो ये ज़रूर चिंता का विषय है |
1.अपने ब्राउज़र के एड्रेस बार में सुरक्षित लॉक का चिह्न देखें
वेबसाइट के मालिकों को थोड़ा सा अधिक समय लगाना पड़ता है अपनी साईट के लिए सुरक्षा का प्रमाण खरीदने में | एक नकली शौपिंग साईट इस अधिक सुरक्षा की चिंता नहीं करेगी इसकी सम्भावना काफी ज्यादा है |
असली शौपिंग साईट के एड्रेस हमेशा “http://”. के बजाय https:// से शुरू होंगे| इस अधिक ‘s’ पर ध्यान दें | अमेज़न अपने ब्राउज़र में खोलें और देखिये की वेबसाइट https://amazon.in से खुलेगी | इस वेबसाइट पर भी आप https:// और लॉक का चिन्ह देखेंगे , क्यूंकि वह आपकी सुरक्षा और गोपनीयता के लिए प्रतिबद्ध हैं |
अपने क्रेडिट कार्ड या बैंकिंग की जानकारी किसी ऐसी साईट को न दें जिसके पास पूरा सुरक्षा सर्टिफिकेट न हो |
ऊपर चक्रित किया क्षेत्र देखें | आप हरा लॉक का चिन्ह देख सकते हैं और वेबसाइट का नाम भी https://dusbus.com है |
2. whois देखें
अपने ब्राउज़र पर whois.net नाम की वेबसाइट खोलें यहाँ आप इस वेबसाइट की सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
इन चीज़ों का ध्यान रखें:
- साईट की शुरुआत की तारीख : जितनी पुराणी वेबसाइट, उतनी ही वह सुरक्षित रहेगी
- साईट की एक्सपाइरी की तारीख : प्रतिष्ठित , शौपिंग साईट ने अपने डोमेन को कई बार सक्रीय कराया होगा | पर अगर ये कोई धोखे बाज़ है तो वह अगले साल तक अपने डोमेन को जिंदा नहीं रखेगा | तो अगर वेबसाइट की आखरी तारीख अगले 1 साल के अन्दर है तो ये एक खतरे का संकेत हैं |
बस जिस वेबसाइट की जांच कर रहे हों उस का एड्रेस यहाँ टाइप करें और whois आपको उससे जुडी सभी जानकारी प्रदान करेगा |
3. गूगल सर्च करें
उनके एड्रेस से कुछ गूगल सर्च करें (examplescamsite.com) , सिर्फ उनका नाम बिना डॉट कॉम के |
इसके इलावा आप “फ्रॉड या स्कैम” जैसे शब्द भी उनके नामों के आगे लगा पूर्ण तरह से सर्च कर सकते हैं |
- अगर ये शौपिंग साईट भरोसेमंद है और कुछ सालों से सक्रीय है तो उसका इन्टरनेट की अन्य साईट पर भी ज़िक्र होगा | अगर उसकी बारे में टाइम्स ऑफ़ इंडिया या एन डी टी वी पर कुछ आया है तो ये उसके भरोसेमंद होने का एक प्रमाण है |
- साईट का रिव्यु अन्य जगहों पर देखें | द्सबस.कॉम में हम कोशिश करते है की जिस भी उत्पाद के इस्तेमाल की हम सलाह दे रहे हैं उसकी वेबसाइट सुरक्षित और भरोसेमंद हो | तो किसी शौपिंग साईट का द्सबस या किसी अन्य रिव्यु वेबसाइट पर ज़िक्र इस बात का सबूत है की वह नकली शौपिंग साईट नहीं है |
अगर वह धोखे बाज़ साईट है तो आपको उनके धोखे की जानकारी किसी अन्य उपयोगकर्ता जिसने इस धोखे का पता कर लिया है उसके द्वारा फेसबुक या ट्विटर पर मिल जाएगी |
4. उनके फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल की जांच कर लें
किसी भी असली शौपिंग पोर्टल का एक फेसबुक पेज होगा जिसमें उसके कई हजारों फैन होंगे | पर लाइक्स और समर्थकों की संख्या से ज्यादा इस बात पर गौर करें की कितने लोगों से इस वेबसाइट का किसी तरह का वार्तालाप हुआ है |
गौर तलब बातें:
- ज्यादा संख्या में फेसबुक लाइक्स और ट्विटर समर्थक एक सकरात्मक संकेत है|
- पर नकली फेसबुक लाइक्स और ट्विटर समर्थक आसानी से थोड़ी सी रकम दे खरीदे जा सकते हैं |
- उनकी पोस्ट पर कमेंट करने वालों की संख्या और उन कमेंट्स की गुणवत्ता देखें | क्या पाठक उनके पोस्ट शेयर कर रहे हैं ?
5.उनकी वेबसाइट के अबाउट अस और कांटेक्ट अस पेज की जांच करें
- एक धोखेबाज़ साईट को पहचानने का सबसे आसान तरीका है नदारद कांटेक्ट अस पेज या फिर ऐसा पेज जिसपर कोई पता या नहीं है बस सिर्फ एक कांटेक्ट फॉर्म है |
- क्या उसके अबाउट अस पेज में असली लोगों के बारे में जानकारी है ? या सिर्फ सामान्य जानकारी दी गयी है ? भरोसेमंद साईट में अक्सर संचालक ,उच्च मैनेजमेंट और कम्पनी के मुख्य लोगों की जानकारी दी गयी होगी |
6. गूगल की सेफ ब्राउज़र रिपोर्ट देखें.
कुछ ऐसी वेबसाइट भी हैं जिनका रख रखाव सही रूप से नहीं किया गया है और अब वह हैक हो चुकी हैं और उनमें कई गलत सॉफ्टवेर का वास हो गया है | ऐसी साईट पर जाना खतरनाक हो सकता है – वह फिशिंग का हिस्सा हो सकता है |
यहाँ पर क्लिक कर गूगल सेफ ब्राउज़िंग स्टेटस रिपोर्ट पाएं | गूगल आपको बताएगा की ये साईट किसी मैलवेयर से भरा हुआ तो नहीं हैं |
7.प्राइवेसी पालिसी और नियम और शर्तों को जांच लें
किसी भी प्रतिष्ठित इ-कॉमर्स साईट में उनकी प्राइवेसी पालिसी को जताने वाला एक पेज होगा और नियम और शर्तों और रिटर्न पालिसी के साथ एक और पेज ज़रूर होगा |
हालाँकि इन पेज की मोजूदगी उसके सुरक्षित होने का कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन उनका न होना खतरे का संकेत ज़रूर है |
8.क्या जो डील मिल रही है वो आपको अविश्वसनीय लग रही है ?
पिछले हफ्ते मैं घडी खरीदना चाहता था | कुछ गूगल सर्च करने के बाद मैं ऐसी साईट पर पहुंचा जो मुझे रोलेक्स ,ओमेगा और अन्य महंगी घड़ियों की कीमतों में भरी गिरावट दिखा रहा था |
Gif Source: Funny Junk
मुझे अमेज़न पर 3000$ में मिलने वाली घडी यहाँ पर 1000$ से कम में मिल रही थी | लुभावना अवसर है ना !
पर अगर कोई ऑफर अविश्वसनीय लगे तो हो सकता है वो वही हो | मैंने ऊपर लिखे कुछ तरीके इस्तेमाल किये ये जानने के लिए की ये वेबसाइट नकली है या असली | मुझे सिर्फ 5 मिनट लगे सच तक पहुँचने में | अगर मैं चौकन्ना नहीं होता तो में आसानी से 877$ – वह असंभव कीमत जिसपर ये घडी दी जा रही थी – खो देता!
9.बैंक ट्रान्सफर के लिए साफ़ मना कर दें
अगर वेबसाइट पर ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा नहीं है तो भुगतान न करें | कार्ड के द्वारा भुगतान करने से फिर भी कुछ पैसा वापस मिलने की उम्मीद होती है लेकिन अगर आपने बैंक ट्रान्सफर से पैसा भेजा है तो आप उस पैसे के मिलने की उम्मीद छोड़ दीजिये |
बैंक ट्रान्सफर करने के लिए सिर्फ तब तैयार हों जब आप विक्रेता को निजी तौर पर पहले से जानते हों |
10.साधारण गुणवत्ता के मापदंडों की जांच कर लें
ये स्केम वेबसाइट अक्सर एक रात में चम्पत होने वाले गुट होती हैं , इसलिए वह अपनी वेबसाइट को ग्राहकों के लिए सुविधा जनक बनाने में ज्यादा पैसा और समय बर्बाद नहीं करते हैं |
ऐसे में ध्यान दें:
- क्या वाक्यों के गठन में ग़लतियाँ हैं ? या उनके लेखन में काफी गलतियाँ हैं ?
- तस्वीरों की गुणवत्ता कैसी है ?
- वेबसाइट का पूर्ण रूप किस प्रकार का है ?
ये सूची जैसी दिख रही है उतनी लम्बी नहीं है | आपको सिर्फ कुछ मिनट लगेंगे जांच कर अपने को धोखाधड़ी से बचाने में |
मूल लेखक: अमित बजाज़ | हिन्दी अनुवाद: गरिमा बैस
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