सर्दियों का मौसम की नरम नरम सी धूप और गरम गरम सी बिरयानी हो तो क्या बात। खाने का पूरा आनन्द आ जाता है।
शेफ कुनाल कपूर जाने-माने शेफ हैं। उनकी रेसिपी के अनुसार बनी वेज बिरयानी में स्वाद और सेहत का बढ़िया तालमेल है। कहते हैं कि अच्छा खाना अच्छे मूड के बराबर होता है। कुनाल जी कहते हैं कि अक्सर उनसे पूछा जाता है कि बिरयानी, क्या बिरयानी को वेज बिरयानी कहा जा सकता है । वो कहते हैं बिल्कुल कहा जा सकता है।
बिरयानी बिरयां कारदां से आया जिसका अर्थ होता है तलना भूनना। यह फारसी का शब्द है।बिरयानी हिंदुस्तान का ईजाद है। पुलाव बाहर से आया है।
फिर इन तीनों को असैम्बल अर्थात मिक्स(मिलाया)किया जाता है।
दो कटोरी कच्चे चावल
कढ़ाई में थोड़ा सा तेल डाल दिया। अब तेल गर्म होने पर इसमें तेजपत्ता डालकर निकाल लेते हैं।
जीरा डालकर ब्राउन होने पर प्याज डाल कर भूनते हैं। प्याज को मीडियम फ्लेम पर अच्छी गोल्डन ब्राउन होने तक भूनना है। प्याज के अच्छी तरह भुनने से फ्लेवर बहुत अच्छा आता है। प्याज ब्राउन होने पर इसमें लाल मिर्च, धनिया, लहसुन का पेस्ट, अदरक का पेस्ट डालकर अच्छी तरह भूनना है। अब इसमें थोड़ा सा दही डालकर तेज आँच पर पकाना है। दही डालने से मसाले का रंग खिल जाता है। दही मसाले की लाइटनिंग अर्थात रंग को हल्का करने का काम करता है। दही को एक उबाल आने तक भूनना है, इसको मसाले के जैसा देर तक नहीं भूनते। अब इसमें थोड़ी टमाटर प्यूरी डाल कर भूनते हैं। टमाटर प्यूरी से टेस्ट बहुत अच्छा आता है। अब इसमें हरी मिर्च, नमक, कसूरी मेथी डालकर हल्का सा भून लेते हैं। कसूरी मेथी साबुत ही लेनी है, इसका पावडर नहीं करना है। अब इस मसाले को तब तक भूनेंगे जब तक तेल ऊपर न आ जाये।
अब इसमें थोड़ा पानी, गुलाब जल और केवड़ा मिला देते हैं। हमारा बिरयानी का झोल तैयार है।
पनीर पर नमक, हल्दी और धनिया डालकर प्लेट में रख देते हैं। पनीर पर सिर्फ यह मसाले छिड़कने हैं। मिक्स नहीं करने नहीं पनीर टूट जायेगा।
आधा घंटा तक ऐसे ही छोड़ देते हैं। पनीर को सबसे पहले मैरीनेट करते हैं जिससे यह मसाले अच्छे से सोख ले।
अब मैरीनेट हुए पनीर को कढ़ाई में तेल लेकर शैलो फ्राई (कम देर तक कम तेल में धीमी आँच पर सेंकना) कर लेते हैं। फ्राई बहुत सावधानी से करते हैं जिससे पनीर टूटे न। हल्का ब्राउन होने पर पनीर प्लेट में वापस निकाल लेते हैं।
सबसे पहले बड़े से बर्तन में पानी उबलने रख देते हैं। इसमें नमक डालते हैं। ध्यान रहे नमक थोड़ी ज़्यादा मात्रा में डालते हैं। कम नमक डालने से चावल फीके रह जायेंगे। अब इस उबलते पानी में हरी इलायची, केवड़ा, तेजपत्ता , गुलाबजल डाल देते हैं। पाँच मिनट तक उबालते हैं फिर यह साबुत मसाले निकाल लेते हैं। पहले से आधे घंटे तक भिगोये गये चावल को डालकर चलाते रहें। इस बात का ध्यान रखें कि चावल नीचे बैठे नहीं। हाफ पके चावल को चलनी में डाल लें। पानी निकल जायेगा। चावल हाफ पके ही लेने चाहिए। चलनी में निकालते तक गरम पानी में यह तीन चौथाई तक पक जाते हैं।
अब एक बड़े पतीले में तैयार मसाला, फ्राईड पनीर और आधे पके चावल , गरम मसाला, बारीक कटा धनिया पत्ती और थोड़े पुदीने के पत्ते डालकर इसमें थोड़ा घी या बटर डाल देते हैं। अब थोड़ा गुँथा आटा लेकर पतीले के ढक्कन पर लगा इसे सील कर देते हैं। दो मिनट आँच तेज कर फिर धीमी आँच पर दस से पन्द्रह मिनट के लिए दम पर रख देते हैं।
आपकी बिरयानी तैयार है। लेकिन बिरयानी पकाना भी एक कला है, बिरयानी खोलना भी एक कला है और बिरयानी परोसना भी एक कला है। पतले स्पेचुला(करछली) से धीरे से ढक्कन खोल किनारे से बिरयानी निकाल कर प्लेट में परोस दें।
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