निपाह वायरस अब तक 13 जानें ले चुका है, और इसका संकर्मण, फिलहाल तो बढ़ रहा है। कलकत्ता से भी अभी-अभी सेना के एक जवान के मृत्यु की खबर आई है – और संकेत तो यही है कि वो निपाह वायरस का शिकार हुआ है।
भारत में केवल एक ही संस्थान है जहां इस वायरस के मौजूदगी की पुष्टि की जाती है – पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलोजी (National Institute of Virology)। मृतक सैनी के सेंपल वहाँ पुष्टि के लिए भेजे गए हैं।
निपाह वायरस के लक्षण
संकर्मण होने के पश्चात लक्षण नजर आने में 4 दिन से दो हफ्ते तक लग सकते हैं। मस्तिस्क को ग्रसित करने वाला यह जानलेवा वायरस अक्सर एक लंबे बुखार के साथ शुरू होता है। यह निपाह वायरस के कुछ लक्षण हैं:
1) सरदर्द
2) बुखार
3) जी मचलाना
4) तंद्रा (हल्की नींद) (Drowsiness)
5) मानसिक उलझन: क्योंकि यह मस्तिस्क को प्रभावित करता है
6) उल्टी आना
7) मान्श्पेशियों में दर्द
8) गले में खराश
कई मामलों में तो इसे इतनी जल्दी मरीज के अंदर फैलते देखा गया है, कि 48 घंटे के अंदर ही मरीज कोमा में चला गया।
ऊपर दिये लक्षण कई सामान्य बीमारियों में भी होते हैं, इसलिए कृपया आतंकित न हो और अपने नजदीकी किसी डॉक्टर या अस्पताल में जांच करवाएँ।
निपाह वायरस फैलता कैसे है?
यह वायरस केवल इन्सानों में ही नहीं, कुछ जानवरों में भी पाया गया है। वायरस से ग्रसित किसी इंसान, सूअर या चमगादड़ के नजदीक या संपर्क में आने से इस वायरस से संक्रामण हो सकता है। यह हवा के माध्यम से फैलता है। ऐसा कोई फल जो निपाह वायरस से ग्रसित किसी चमगादड़ ने खाया हो, उस फल के सेवन से भी यह वायरस फैलता है।
निपाह वायरस से बचने के तरीके
1) अभी तक इस वायरस के खिलाफ कोई टीका नहीं बना है।
2) चमगादड़ के संपर्क में आए खजूर या अन्य कोई फल खाने से यह फैला है। तो अभी कुछ दिनों के लिए तो खजूर से दूर ही रहें।
3) फल खरीदते वक्त ध्यान दें कि फल पर किसी पक्षी के चोंच का या अन्य कोई निशान नहीं है।
कोई भी फल या सब्जी खाने या पकाने से पहले, उसे अच्छे से धो लीजिये।
4) ऐसी कोई जगह जहां सूअर या चमगादड़ हों, वैसी जगह से दूर रहें।
अन्य कोई स्थान, जैसे कि को जंगल-झाड़, जहां जानवर आदि पाये जाते हैं, अगर हो सके, तो इन जगहों के नजदीक न जाएँ।
5) हाथ को नियमित रूप से साबुन पानी से साफ करें। कम से कम 15-20 सेकंड लगाकर अपने हाथ अच्छे से साफ करें।
बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
अभी तक तो इस वायरस के फैलने की खबर दक्षिण भारत में केरल और पूर्वी भारत में पश्चिम बंगाल तक ही सीमित रही है। लेकिन इसके भारत के अन्य राज्यों में फैलने की आशंका है। समझदारी इसी में है कि हम कुछ चीजों पर ध्यान रखकर इस जानलेवा बीमारी को फैलने न दें।
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