प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में सर्वाधिक प्रशंसनीय और अद्भुत औषधि के रूप में करेले को कईं फायदों की खान माना गया है. हरे रंग के छोटे कच्चे करेले का जूस कईं प्रकार की लाइलाज बीमारियों एवं अन्य स्वास्थ सम्बन्धी रोगों के लिए किसी आयुर्वेदिक औषधि से कम नहीं है. तो आइए, आज हम आपको इस लेख के जरिए करेले के जूस के विभिन्न गुणकारी प्रभावों से अवगत कराते है: करेले का जूस- फ़ायदे की ख़ान.
1. करेले के पत्तों से निर्मित जूस के सेवन से जोड़ों, माशपेशियों आदि में दर्द या जकड़न की समस्या नहीं रहती और शरीर स्फूर्तिदायक एवं स्वस्थ बना रहता है.
2. चौथाई कप करेले के जूस में समान मात्रा में पानी मिलाकर, इसे पानी की मात्रा आधी रहने तक उबालें. इस जूस के नियमित सेवन से त्वचा पर चर्म रोग जैसे- दाद, खाज-खुजली, साँवलापन, घमोरियाँ, फुंसियाँ, कील-मुहाँसे आदि की समस्या पूर्णतया समाप्त हो जाती है.
3. 60 ग्राम करेले की जूस में थोड़ा पानी मिलाकर नित्य सेवन करने से रक्त साफ हो जाता है, जिससे त्वचा में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है. इसके सेवन से शरीर की पाचन शक्ति एवं यकृत की कार्य शक्ति में भी बढ़ोतरी होती है.
4. आधा कप करेले के जूस में एक चम्मच आँवला पाउडर एवं चौथाई कप पानी मिलाकर इसका प्रतिदिन लगभग तीन से चार बार सेवन करने से पेट में गैस, एसिडिटी, कब्ज या दर्द की समस्या नहीं रहती. यदि रोजाना सुबह करेले के रस में एक नींबू निचोड़कर इसे पानी के साथ पिया जाए तो इससे चर्बी काफी हद तक कम हो जाएगी.
5. गले या शरीर के अन्य भागों में होने वाली सूजन एवं जलन से राहत प्राप्त करने के लिए करेले के जूस में सौंठ या सिरके को पीसकर डालें. इस मिश्रण का सेवन रोज़ाना सुबह-शाम करने से सूजन एवं जलन समाप्त हो जाएगी.
6. अर्श रोग की समस्या वाले रोगियों को 5 से 8 ग्राम करेले के जूस में थोड़ी मात्रा में चीनी मिलाकर पीने से अर्श रोग के समय होने वाले रक्त स्त्राव को रोकने में मदद मिलती है. इसके साथ ही पीलिया एवं अस्थमा रोग में भी यह गुणकारी औषधि की भांति कार्य करता है.
7. पथरी की शिकायत होने पर दो करेलों के जूस में एक कप छांछ मिलाकर रोज़ाना दो से तीन बार सेवन करें. इससे पेशाब ज़्यादा आने लगेगा, जिसके साथ धीरे-धीरे शरीर से पथरी समाप्त होने लगेगी.
8. छोटे बच्चों को करेले के जूस में मिश्री या चीनी की थोड़ी मात्रा मिलाकर नियमित सेवन कराएँ. इससे उनका दिमाग तेज होगा एवं उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बने रहने के कारण वह बिमारियों से बचे रहेंगे.
9. मधुमेह रोग से पीड़ित रोगियों के लिए करले का जूस अत्यधिक फायदेमंद एवं गुणकारी सिद्ध होता है. करेला, शरीर में इन्सुलिन के स्त्राव को बढ़ाकर मधुमेह रोग पर नियंत्रण रखता है. 15 मिली. करेले के जूस में दोगुनी मात्रा में पानी मिलाकर लगभग तीन महीने तक प्रतिदिन 3 से 4 बार मधुमेह रोगी को पिलाएँ. इससे मधुमेह की समस्या धीरे-धीरे समाप्त होने लगेगी.
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