योग क्रियाओं में शारीरिक एवं मानसिक कसरत का योग शामिल होता है। इसका पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए एक कुशल योग प्रशिक्षक की देख -रेख में योग की ट्रेंनिंग लेना अत्यंत आवश्यक है। चूँकि योग क्रियाओं में सांसों की क्रियाओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
जिसके कारण योग क्रियाओं को करने से पूर्व रोगों को ध्यान में रखकर योग आसनों का चुनाव करना चाहिए। इसी प्रकार बच्चों की उम्र के हिसाब से योग आसन का चुनाव करना भी अत्यंत आवश्यक है। आइये जाने बच्चों के लिए योग कितनी फायदेमंद है।
आजकल बच्चे कंप्यूटर, मोबाइल फोन एवं टीवी के द्वारा मनोरंजन से अपने खाली समय का उपयोग करते हैं। जिसके कारण शारीरिक कसरत न के बराबर होती है। परिणामस्वरूप बच्चों में मोटापे की शिकायत आम होती जा रही है।
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इसके अतिरिक्त बचपन में हीं आँख कमजोर होना, एकाग्रता की कमी आदि समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे में बच्चों को बचपन से हीं योग की ट्रेनिंग देना इन सभी समस्याओं का एकमात्र समाधान है।
चूँकि योग आसनों में सांस रोकने एवं छोड़ने का भी अभ्यास किया जाता है। इस कारण 4-7 वर्ष तक के बच्चों को केवल ध्यान केन्द्रित करने की हीं ट्रेनिंग देना उचित है। फिर 8-12 वर्ष तक के बच्चों को प्राणायाम के अंतर्गत कपालभाती जैसी सांसों पर नियंत्रण वाली योग क्रियाओं को सिखाना आवश्यक नहीं है।
बच्चों के लिए योग के फायदे
● बच्चों को सूर्य नमस्कार करवाने से दिमाग तेज होती है।
● ध्यान करवाने से मन पर नियंत्रण रखना की कला का विकास होता है।
● त्राटक करवाने से आँख की रौशनी बढ़ती है।
● वृक्षासन करवाने से शरीर की लम्बाई बढ़ती है।
● प्राणायाम करवाने से सांस से सम्बंधित बीमारी जैसे खाँसी-जुखाम, अस्थमा आदि नहीं होती है।
● विभिन्न योग मुद्राओं को करने में शरीर की सभी माँसपेशियों की कसरत होत्ती है। जिससे शरीर चुस्त एवं निरोगी बनता है।
● आजकल मशीनी युग में दिमाग का ज्यादा उपयोग एवं प्रतियोगिता की होड़ होने के कारण कम उम्र के बच्चों में भी डिप्रेशन, हाई ब्लडप्रेशर आदि की बीमारी होने लगी है। इसका कारण दिमागी असंतुलन है। योग क्रियाओं में ध्यान की क्रियाओं एवं प्राणायाम में साँसों की गति पर नियंत्रण की कला का अभ्यास करवाया जाता है। जिससे मानसिक संतुलन बनाए रखने की क्रिया का सहजता से विकास हो जाता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि योग की सहायता से बच्चों में शारीरिक एवं मानसिक विकास की नीव डाली जा सकती है। बस इसके लिए बच्चों को किसी प्रशिक्षित योग गुरु से हीं ट्रेनिंग दिलवाना सुनिश्चित करना चाहिए।
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