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भारत के प्रसिद्ध मंदिरों के अनूठे प्रसाद: जान आप हैरान भी रह जाएँगे और मुस्कुरा भी उठेंगे।

ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में भगवान को छप्पन भोग लगाया जाता है। वहां दर्शन करनेवालों को यही छप्पन भोग प्रसाद के रूप में दिया जाता है। इस मंदिर में भगवान की मूर्ति भी अनोखी है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान की मूर्तियाँ लकड़ी की बनी हुई हैं

मध्य प्रदेश के उज्जैन के भैरव मंदिर में शराब का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

भैरवनाथ शराब सचमुच पीते हैं – ऐसी मान्यता भी है। भक्त चाहें तो इस प्रसाद को चख सकते हैं। मंदिर के बाहर जो छोटी-छोटी दुकानें हैं, उनमें फूल, अगरबत्ती और पूजा के अन्य सामान के साथ-साथ शराब की एक छोटी शीशी भी खरीद सकते हैं।

मदीरापान करते भैरों बाबा का मंदिर आपको नई दिल्ली के कालकाजी स्थित मंदिर में भी दिख जाएगा। नेहरू प्लेस के नजदीक, भारत की राजधानी की एक मुख्य सड़क पर स्थित इस मंदिर के बाहर भी आप उसी तरह से, आराम से, पूजा के सामान के साथ शराब की एक बोत्तल भी खरीद सकते हैं!

केरल के बालसुब्रह्मणयम मंदिर में यहां आनेवालों को चॉकलेट प्रसाद रूप में दी जाती है। माना जाता है ये भगवान का बाल रूप है और इसलिए उन्हें चॉकलेट बहुत पसंद है।

केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रसाद के रूप में अप्पम और खीर दी जाती है।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकता के चाइनीज काली मंदिर में नूडल्स का भोग लगाया जाता है। इस मंदिर को चीनी समुदाय ने बनवाया था, इसलिए यहां नूडल्स चढ़ाए जाते हैं।

कलकत्ता में एक बहुत बड़ा चीनी समुदाय अभी भी रहता है। इसी समुदाय के एक दस वर्ष का बालक अत्यधिक बीमार पड़ गया था। डाक्टरों ने जवाब दे दिया। हताश हो, उन्होनें लड़के को एक पेड़ के नीचे लिटा दिया, जहां पर वहाँ के लोकल लोग सिंदूर लगा पूजा करते थे।

माँ का करिश्मा हुआ, और लड़का फिर से चलने-फिरने लगा। उसी के बाद चीनी समुदाय के लोगों ने ही उस स्थान पर माँ काली का एक मंदिर निर्माण करवाया।

जम्मू के माता वैष्णोदेवी मंदिर में परमल, चिरोंजी, सूखे सेब का प्रसाद मिलता है। गुफा के भीतर ये प्रसाद ले जाना मना है लेकिन भक्त बाहर से यह खरीद सकते हैं।

तिरूपति बालाजी मंदिर में आटे के बने खास लड्डू चढ़ाए जाते हैं। ये लड्डू अलग-अलग साइज में मिलते हैं।

थिसूर के महादेव मंदिर में भगवान का प्रसाद होती हैं किताबें और सी.डी। क्योंकि मंदिर के लोगों का मानना है कि शिक्षा ही सबेस बड़ा प्रसाद है।

राजस्थान के श्रीनाथजी मंदिर में प्रसाद के रूप में मीठी मठरी मिलती हैं।

मदुरै से 21 किमी दूर अजगहर मंदिर में लोग दाल चावल चढ़ाते हैं। और उनके दर्शन करने आने वालों की इसी दाल चावल से बना डोसा प्रसाद के रूप मेें दिया जाता है।

संघमित्रा मिश्रा

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