महिलाएं पुरुषों से पीरियड्स के संबंध में बात करने में झिझक महसूस करती हैं। कई बार महिलाएँ पीरियड्स के समय होने वाली परेशानियों और दर्द को पुरुषों से छुपाती हैं और शर्म सी महसूस करती हैं। यहाँ तक कि अपने पति से भी, जिसके साथ वो और अपने सभी दुख-सुख बांटती है।
महिलाओं में हर महीने महावारी की प्रक्रिया निरंतर रूप से चलती है। परन्तु कई प्राचीन प्रचलित भ्रांतियों के कारण आज भी महिलाओं को पीरियड्स के समय दूषित माना जाता है, जो कि पूरी तरह से गलत है। महिलाओं में पीरियड्स मात्र खून की सफाई का एक तरीका है। इसके माध्यम से हर महीने शरीर में प्रवाहित अशुद्ध रक्त शरीर के बाहर निकल जाता है।
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महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी पीरियड्स के संबंध में पूर्ण जानकारी होना जरूरी है। इससे पुरुष महिलाओं को समझ पाएंगे और महिलाएं पूरे आत्मविश्वास से उनसे पीरियड्स के बारे में बात कर सकेंगी। अगर आपको थोड़ी सी प्रेरणा चाहिए तो अक्षय कुमार की फिल्म ‘पेड मेन’ देख लीजिये।
फिल्म में अक्षय कुमार की पत्नी अपने पीरियड के विषय में बात करने से संकोच करती हैं। यहाँ तक कि पति के लाख बोलने पर भी, वो नहीं मानती। पर आखिरकार फिल्म यह संदेश देने में सफल देने में सफल रहती है कि पीरियड और सेनीटरी नेपकिन के विषय में बात करने में ही समझदारी है।
यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है। ( मिलिये उस व्यक्ति से जिसने लाखों महिलाओं के स्वास्थ के लिए यह कमाल का काम किया)।
इसके अतिरिक्त किताबों और अन्य स्त्रोतों के जरिए भी पुरुषों को पीरियड्स होने के कारण और उनके लक्षणों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए, जिससे वे प्रचलित भ्रांतियों को भुलाकर वास्तविकता से परिचित हो सकें। पुरुष और महिलाओं दोनों को पुरानी रूढ़िवादी सोच छोड़ यह समझना ज़रूरी है कि पीरियड्स एक सामान्य शारीरिक क्रिया है और इसमें छिपाने या संकोच करने वाली कोई चीज नहीं।
महिलाओं को चाहिए कि वे ऐसे समय में होने वाली कोई भी परेशानी, समस्या या दर्द को पुरुषों से छुपाने के स्थान पर उनके साथ इस बारे में बात करें। इससे पुरुष उनकी समस्या को समझेंगे और यदि किसी तरह की चिकित्सीय सलाह या जाँच की आवश्यकता होगी तो उसे लेने में मदद करेंगे।
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पुरुषों को पीरियड्स के बारे सम्पूर्ण जानकारी नहीं होने के कारण या फैली हुई भ्रांतियों के कारण महिलाएं उनसे पूर्ण आत्मविश्वास के साथ इस संबंध में बात करने में झिझक महसूस करती हैं। पीरियड्स के बारे में बात न कर पाने की वज़ह से कई बार महिलाओं को उचित चिकित्सीय मदद नहीं मिलती। यह कभी-कभी सेहत के लिए खतरनाक भी सबित हो जाता है।
अतः यह जरूरी है कि महिलाएं, पुरुषों को पीरियड्स के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दें और खुद भी पीरियड्स के कारणों और प्रभावों को समझें। तभी वह आसानी से पुरुषों से इस संबंध में बात कर पाएंगी और झिझक महसूस नहीं करेंगी।
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