होली में रंग -बिरंगे रंगों की तरह हीं अनेक प्रकार के पकवानों को बनाने का रिवाज है। वैसे तो सभी भारतीय त्यौहारों में पकवानों का विशेष महत्व होता है। लेकिन यदि कहा जाए कि होली रंगों एवं पकवानों का पर्व है, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कल होलिका दहन होगा और परसों हम सब खेलेंगे गुलाल और अबीर वाली होली। होली के अवसर पर कुछ विशेष प्राकार के व्यंजन बनाये जाते हैं। जिनमें से सात प्रमुख व्यंजन की विशेषताओं का वर्णन इस ल्रेख के माध्यम से प्रस्तुत है :
अगर एक मिठाई है जिसके बगैर होली अधूरी है, तो वो है गुजिया। चलिये आपको बताते हैं गुजिया बनाने की रेसिपी।
चित्र श्रेय: रश्मि का देशी ज़ायका
● मैदे की पूरी बनाने के बाद गुजिया के साँचे में पूरी को रखते हैं।
● फिर मावा में शक्कर का बुरा एवं ड्राई फ्रूट्स मिक्स करके पुरी के अन्दर भरी जाती है।
● अब साँचे को बंद करके अतिरिक्त पूरी के किनारों को निकाल दिया जाता है।
● इसके बाद घी या रिफाइंड तेल में सुनहरा होने तक तल कर गुजिया तैयार किया जाता है।
और गुजिया बनाने की रेसिपी जाननी ही है, तो संजीव कपूर से बेहतर सिक्षक और कौन हो सकता है। विडियो में देखिये और संजीव के साथ आप भी बनाइये मीठे-मीठे गुजिया।
● मैदे और चीनी का घोल दूध की सहायता से तैयार करके 1 घंटे तक छोड़ दिया जाता है।
● इस बीच पानी में शक्कर डालकर शिरा (चाशनी) तैयार कर लेते हैं।
● बनाने से पहले इसमें ड्राई फ्रूट्स एवं नारियल का चुरा मिला लेते हैं।
● फिर कढाई में घी गर्म होने पर घोल को पूरी की शेप में डाल कर गोल्डन होने तक तल कर निकाल लिया जाता है।
● अब सभी पुए को शक्कर की चाशनी में डीप कर देते है।
विडियो में संगीता अगरवाल आपके साथ शेयर कर रहीं हैं अपना राजस्थानी अंदाज़ वाला रबड़ी मालपुवा रेसिपी।
● बेसन में प्याज,हरी मिर्च एवं दो भाँग की पत्तियाँ को पीस कर बैटर तैयार किया जाता है।
● अब तैयार बैटर से पकौड़ियाँ तल कर तैयार करते हैं।
● इसे मीठी चटनी के साथ सर्व करने पर भाँग का असर बना रहता है।
⇓ देखिये यूट्यूब के इस विडियो में भांग के पकौड़े बनाने की एक सरल रेसिपी।
● यह भाँग मिश्रित सौंफ एवं ड्राई फ्रूट्स को पीस कर तैयार किया गया शरबत होता है।
● इस शरबत से शरीर में ठंडक पहुँचती है इसी कारण इसे ठंडाई कहते हैं।
● होली के अवसर इस शरबत को व्यंजनों में अवश्य शामिल किया जाता है।
आपको फिर से ले चलते हैं संजीव कपूर के रसोईघर में। देखते हैं वो कैसे बनाते हैं होली की ठंडाई।
● मैदे में घी एवं पानी मिलाकर खस्ता कचौड़ी का आटा तैयार किया जाता है।
● इस आटे की पूरी के अन्दर उर्द दाल की मसालेदार मिश्रण की स्ट्फिंग की जाती है।
● फिर दाल से भरी हुई पुरियों को घी में गोल्डन ब्राउन होने तक तल कर तैयार किया जाता है।
● मैदे में घी, नमक एवं अजवाइन मिलाकर आटा तैयार कर लेते हैं।
● आटे की बड़ी और आधी ईंच मोटी पूरी बना कर उसे चाक़ू से मनचाहे शेप में काट लेते हैं।
● फिर घी में गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई कर लेते हैं।
नमक पारे, हमारी मानें तो, आप नजदीक किसी हलवाई से खरीद लें। बनाने की झंझट से यह बेहतर और आसान तरीका है!
● ग्रेटेड नारियल को धीमी फ्लेम पर भुन लेते है।
● फिर इसमें मावा एवं दूध मिलाकर भुनने के बाद अच्छी तरह मिक्स होने पर ठंडा होने के लिए रख देते हैं।
● हल्का गर्म रहने पर हीं हाथों से लड्डू का शेप दे दिया जाता है।
➡ होली तो आप हर वर्ष खेलते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा कि होली आखिर मनाई क्यों जाती है?
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