अगर आपके दिन की शुरुआत एक स्वादिस्ट और सेहतमंद पेय से हो तो ?जी है आप सही सोच रहे हैं , यहाँ बात हो रही है ग्रीन टी की ,जो आपको दिन भर तरोताज़ा भी रखती है और आपके शरीर को कई रोगों से भी बचाती है। चाहे फिर वो मोटापा हो, मधुमेह या कैंसर ये सभी रोगों को रोकने की क्षमता है इस हरी चाय में।
लेकिन इसके पीने से आपको पूरा फ़ायदा तभी होगा जब आप इसे सही तरीक़े से बनाये और सही मात्रा में ले। कहते है “ अति सर्वत्र वर्जयते” किसी भी चीज का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक ही होता है। तो आप इसका इस्तेमाल एक निर्धारित मात्रा में ही करें। इस आर्टिकल में आपको ग्रीन टी बनाने की दो विधियाँ बतायी जा रही है। एक ग्रीन टी टीबैग से कैसे बनाई जाए और साधरण ग्रीन टी की पत्तियों से कैसे?
टी बैग द्वारा
टी बैग द्वारा ग्रीन टी बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में एक कप पानी ले और इसे गैस पर गर्म होने के लिए रख दे। जब इसमें उबाल आ जाये तो इसे कप में डाल ले। फिर उसमें एक टी बैग डाल दे । ध्यान रखे के एक या दो मिनट के लिए ही उसमें रहने दे वरना उसका स्वाद कड़वा हो जाएगा।अब इसमें स्वादानुसार शक्कर या शहद मिला दे।आपकी ग्रीन टी तैयार है।
ग्रीन टी की पत्तियों द्वारा
सबसे पहले एक बर्तन में एक कप पानी डाले और उसमें एक चम्मच हरी चाय की पत्तियों को डाल दे। अब इसमें उबाल आने दें । जब यह अच्छी तरीक़े से उबल जाये तो इसे कप में छान लें । अब इसमें अपने अनुसार शक्कर या शहद मिला लें।
कुछ ज़रूरी टिप्स :
1. ग्रीन टी को कभी भी सुबह उठते ही या खली पेट नहीं लिया जाना चाहिए|
2. इसमें अगर आप तुलसी के पत्ते डाल देंगे तो इसका स्वाद और अधिक बढ़ जायेगा और यह ज़्यादा स्वास्थवर्धक भी बन जायेगी।
3. कभी भी अपनी औषधियां ग्रीन टी के साथ न लें। उन्हें हमेशा सादे पानी के साथ लें। चाहे तो बाद में ग्रीन टी पी सकते लें।
4. ग्रीन टी बनाते वक़्त उसमें दूध नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि इससे उसकी कैलोरी बढ़ जाएंगी और उसका लाभ उतना नहीं मिल पायेगा।
5. ग्रीन टी में हमेशा शक्कर के बजाये अगर आप शहद इस्तेमाल करेंगे तो यह ज़्यादा फ़ायदेमंद होगी।
6. ग्रीन टी हमेशा ही एक निर्धारित मात्रा में लेनी चाहिये क्योंकि, इसका ज़्यादा सेवन सेहत पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।
7. जिन लोगों की तासीर गर्म हो उन्हें एक बार डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करना चाहिये।
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