चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। विशेष रूप से गर्मियों के समय में यह आपके शरीर में विटामिन सी को बढ़ावा देने में मदद करता है। हालांकि इसका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। आज हम आपको चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे।
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) के फायदे
1. मधुमेह :
मधुमेह के रोगी चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इससे शरीर में स्टार्च के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) का सेवन मधुमेह के रोगी के शरीर में शर्करा के प्रवाह को भी विनियमित करता है, जो रोग को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है।
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2. कैंसर :
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) एंटीऑक्सिडेंट जैसे विटामिन-सी का समृद्ध स्रोत है। यह कैंसर के कारण हो रहे मुक्त कणों के गठन से निपटने में मदद करता है। चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) में मौजूद लाइकोपीन का सेवन कई अध्ययनों में प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने से जुड़ा हुआ है|
3. पाचन :
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) में मौजूद पानी और फाइबर कब्ज को रोकने और स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी सिद्ध होता है।
4. वजन :
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) फैट मुक्त होता है। इसमें फैट को जलाने वाली एंजाइम की उच्च संख्या होती है| कुछ अधययनों में बताया गया है कि चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) ब्लड प्रेसर और लिपिड स्तरों के प्रदर्शन में सुधार करता है।
5. थकान :
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) थकान के उपचार में फायदेमंद होता है। यह आपके उबाऊ काम और आपकी दिनभर की थकान को दूर करने में आपकी सहायता कर सकता है। इसका रस पीने से शरीर में ऊर्जा का स्तर तेज हो जाता है।
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) के नुकसान
1. स्तन कैंसर :
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) का रस कुछ दवाओं और होर्मोन के लिए जरूरी एंजाइम को रोकता है। कुछ अध्ययनों में यह अनुमान लगाया गया है कि चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) का रस स्तन कैंसर के विकास में अप्रत्यक्ष भूमिका निभा सकता है। रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि रोजाना एक चौथाई चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) खाने से महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे की 30% तक वृद्धि हो सकती है।
2. पेट संबंधी परेशानी :
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) में विटामिन सी की मात्रा उच्च स्तर पर पाई जाती है। इस फल के अत्यधिक सेवन से पेट दर्द और अपच जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं| इसका सेवन खाने के बाद उचित मात्रा में ही करना चाहिए।
3. त्वचा :
चकोतरा (ग्रेपफ्रूट) त्वचा को अधिक संवेदनशील बना देता है। इसके खट्टे रस का समान्य रूप से उपयोग करें और इसका सेवन करने के बाद सूर्य की किरणों से बच कर रहें।
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