चिलचिलाती गर्मियों के दिन अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आते हैं, जो लापरवाही करने पर नासूर भी बन सकती हैं. इनसे कैसे बचें,बता रही हैं ‘अनु शर्मा’
तो गर्मी के मौसम में कौन सी बीमारी होने का खतरा अधिक है? आइये, जान लेते हैं ताकि हम सतर्क रख सकें, और खुद को और अपने परिवार को इन संक्रमणों से सुरक्षित रख सकें.
गर्मी का मौसम तरह-तरह की बीमारियां ले कर आता है. गर्मी में लू, पानी की कमी या डिहाइड्रेशन, बुखार या पेट की बीमारियां जैसी समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है. ऐसे मौसम में स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है. अगर समय रहते इन बीमारियों का उपचार न किया जाये तो इनके परिणाम भयंकर हो सकते हैं.
पीलिया
गर्मियों में पीलिया होने का खतरा अधिक होता हैं. यह गंदे और दूषित पानी या खाने से हो सकता है. पीलिया में रोगी की आंखे व नाखून पीले हो जाते हैं और पेशाब भी पीले रंग की होता है. इस रोग से बचाव के लिए अपने खाने पीने का ध्यान रखें. बाहर का खाना न खायें, इन्फेकशन से दूर रहें और पानी को उबाल कर ही पीना सबसे कारगर सावधानी है.
लू लगना या हीट स्ट्रोक
लू लगना या हीट स्ट्रोक एक जानलेवा बीमारी है और यह तेज़ धूप की वजह से होती है. इस बीमारी में चक्कर आना, उलटी आना, रक्तचाप कम हो जाना, बुखार आदि हो सकता है. इससे बचने के लिए धूप में जितना हो सके कम जायें और अगर जाना पड़े तो सिर ढक कर ही बाहर निकलें. जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पियें. लस्सी, छाछ या आम पन्ना इत्यादि का सेवन भी इस रोग से बचाने में कारगर है.
टायफाइड
टायफाइड एक ऐसी बीमारी है जो गर्मी के मौसम में अधिक होती है. इस बीमारी में लगातार बुखार रहना, भूख कम लगना, उल्टी होना और खांसी-जुकाम हो जाता है. इससे बचने के लिए गन्दा पानी व गंदे खाने की चीज़ों से दूर रहें. कुछ भी खाने पीने से पहले हाथों को अच्छी तरह से जरूर धोएं. तरल पदार्थो का अधिक सेवन करें और आसपास साफ़ -सफाई रखें.
चिकनपॉक्स
चिकनपॉक्स वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी है. इसमें बुखार का आना, एलर्जी, निमोनिया और मस्तिष्क में सूजन जैसे समस्याएं हो सकती हैं. इससे बुखार आता है और शरीर पर दाने हो जाते हैं. गर्मियों में चिकनपॉक्स बड़ी तेजी के साथ फैलती है.
डिहाइड्रेशन और फूड प्वाइजनिंग
डिहाइड्रेशन का मतलब है शरीर में पानी की कमी होना. इससे बचने के लिए जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों जैसे जूस, लस्सी, छाछ, आमपन्ना या नारियल पानी का सेवन करें. फ़ूड प्वाइजनिंग गंदे खाने या गंदे पानी से हो जाती है. इससे बुखार, उल्टी, दस्त, चक्कर आना और शरीर में दर्द और कमज़ोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इस बीमारी में भी साफ़ सुथरा और पोषक खाना खायें और गंदगी से दूर रहें.
खसरा या मीज़ल्स
यह रोग साँस के द्वारा फैलता है. गर्मियों में यह रोग काफी तेजी से फैलता है. इस बीमारी में शरीर पर छोटे-छोटे लाल रंग के दाने हो जाते हैं और साथ में बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखों का लाल होना जैसी परेशानियां भी होती हैं. इस रोग से बचने के लिए बच्चो को एमएमआर के टीके लगवाएं और सफाई का समुचित ध्यान रखें. संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना ही श्रेयस्कर है.
गर्मियों में होने वाली बीमारियां अक्सर दूषित पानी, खाने और गंदगी से होती हैं. इसलिए साफ़ सफाई का ख़ास ख़्याल रखें और तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें.
प्रातिक्रिया दे