भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है यानी विघ्नों को हरने वाले। ऋग्वेद में भी कहा गया है की गणेशजी प्रथम पूज्य हैं, अर्थार्थ उनकी पूजा सबसे पहले होनी चाहिए। किसी भी पूजा में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा होती है या किसी भी शुभ कार्य से पहले भी उन्ही को पूजा जाता है।

ऐसी कई चीज़ें है जिन्हें गणेशजी को अर्पित करके प्रसन्न किया जा सकता है:
१. मोदक

गणेश भगवान् को मोदक बहुत प्रिय हैं। भोग या प्रसाद के रूप में मोदक को भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है। मोदक चावल के आटे से बनाए जाते हैं और इसके अन्दर नारियल के बुरादे का भरावन किया जाता है। क्योंकि भगवान् गणेश को मोदक बहुत प्रिय हैं इसलिए उन्हें मोदक-प्रिय भी कहा जाता है। भगवान गणेश को मोदक बहुत प्रिय हैं इसके पीछे भी एक कथा है। कथा इस प्रकार है:
एक बार की बात है कि भगवान् शिव और माँ पार्वती ने अपने दोनों बेटों, गणेश और कार्तिकेय के लिए मोदक बनाये और उन्हें दोनों में बराबर बाँटने का सोचा। इस मोदक को खाने वाला कला और साहित्य लेखन में निपुण हो जाता। परन्तु दोनों ने इन मोदको को बांटने से साफ़ मना कर दिया तो माँ पार्वती ने इन दोनों में एक प्रतिस्पर्धा करवाई।
उन्होंने कहा कि जो प्रतिस्पर्धा का विजेता होगा उसे पूरे मोदक मिलेंगे। प्रतिस्पर्धा ये थी कि दोनों बालकों को जल्द से जल्द ब्रम्हांड का चक्कर लगा के वापस आना था। कार्तिकेय ने अपना वाहन उठाया और चल दिए ब्रम्हांड का चक्कर लागने। परन्तु भगवान् गणेश ने चतुराई दिखाई और अपने माता पिता की परिक्रमा कर डाली। उनके इस स्नेह से प्रसन्न होकर माँ पार्वती ने गणेश जी को सारे मोदक दे दिए। बस तभी से भगवान् गणेश को मोदक बहुत प्रिय हैं।
सीखिये मोदक रेसिपी और आप भी कर लीजिये गणेशजी को प्रसन्न
२. दूर्वा
यह एक तरह की घास होती है। ऐसा माना जाता है कि दूर्वा को अर्पित करने से भगवान गणेश को प्रसन्न किया जा सकता है। एक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव ने गणेशजी को एक असुर को हराने के लिए कहा। जब भगवान गणेश को वह असुर मिला तो उस असुर ने उनका मजाक उड़ाया।
इसके बाद भगवान ने क्रोधित होकर उस असुर को निगल लिया। परन्तु कुछ ही समय में उनके उदर में काफी जलन होने लगी तो उन्हें दूर्वा खिलाया गया। उस समय से उन्हें दूर्वा अर्पित किया जाता है।
३. शंख
ऐसा माना जाता है कि शंख से जो ध्वनि निकलती है वो भगवान गणेश को पूजा में आमंत्रित करती है। इसलिए गणेश पूजा में शंख का बहुत महत्त्व है।
४. केला

भगवान गणेश का पसंदीदा फल केला है। इसलिए पूजा में विशेषकर केले का भोग लगाया जाता है।
५. अर्क के फूल
अर्क के फूल नकारात्मकता को दूर करते हैं। इसे भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है। यह एक औषधीय पौधा है जिसे ‘मदार’ के नाम से भी जाना जाता है।
तो यह थे गणेशजी को प्रसन्न करने के पांच तरीके। परन्तु, यह कभी मत भूलिए कि इन सबसे ऊपर है सच्ची श्रद्धा भावना – ईश्वर भी भक्त के प्यार के उतने ही भूखे हैं, जितना कि भक्त ईश्वर के प्यार का। अगर आप श्रद्धापूर्वक गणेशजी का ध्यान करेंगे, तो वो वैसे भी प्रसन्न होंगे।
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