मेथी के फायदों के बारे में तो आपने काफी सुना होगा, लेकिन इससे होने वाले नुकसान भी कम नहीं हैं। स्वाद और सेहत के लिए इस्तेमाल होने वाली मेथी यदि अत्यधिक मात्रा में सेवन की जाए, तो यह काफी नुकसान भी पहुंचा सकती है।
मेथी के फायदे
1) मेथी का उपयोग उदर संबंधित बीमारियों के लिए किया जाता है।
2) मेथी मुंह के अल्सर व ब्रोंकाइटिस आदि बीमारियों में भी काफी कारगर है।
3) मेथी के उपयोग से डैंड्रफ व एक्जिमा जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
4) मेथी का स्वाद थोड़ा कड़वा जरूर होता है, लेकिन यह खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही त्वचा की सूजन को भी दूर करने में सहायक है।
मेथी के नुकसान
1) मेथी के इस्तेमाल से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। हाइपोग्लाइसीमिया में ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है जिससे मस्तिष्क को क्षति पहुंचती है और कई बार यह मौत का कारण भी बन जाती है।
2) मेथी के इस्तेमाल से लोगों को एलर्जिक रिएक्शन्स भी हो सकते हैं। रैशेस, सांस फूलना और चक्कर आना जैसी समस्याएँ भी देखने को मिल सकती हैं।
3) मेथी का अधिक मात्रा में सेवन त्वचा संबंधी परेशानियों जैसे सूजन या दर्द का कारण बन सकता है। मेथी दाना की तासीर काफी गर्म होती है। इसी कारण कभी -कभी यह जलन, खुजली आदि परेशानियां भी खड़ी कर सकता है। इसलिए इसका सेवन हमेशा एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
4) मेथी शरीर में आयरन के अब्जॉर्प्शन (अवशोषण) को भी बाधित करती है। अर्थात जो लोग आयरन की कमी या अनेमिया से जूझ रहे हैं उन्हें मेथी के सेवन से परहेज करना चाहिए।
5) इसके अलाव प्रेगनेंसी में भी मेथी के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि मेथी यूटेराइन कॉन्ट्रक्शन को बढ़ाता है जिससे डिलीवरी समय से पहले हो सकती है।
6) गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों की माताओं को मेथी के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इससे दस्त की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
7) कुछ लोगों को इसे खाने से पेट संबंधी समस्याएं जैसे गैस, खट्टी डकार आदि का सामना करना पड़ता है।
आयुर्वेद में किसी भी चीज का एक सीमित मात्रा में उपयोग की नसीहत दी गयी है। यही नियम मेथी पर भी लागू होता है। इसीलिए यदि मेथी के प्रयोग के बाद आपको ऊपर बताये गई किसी भी तकलीफ का सामना करना पड़े तो उचित यही होगा कि आप इसका सेवन बंद कर दें और किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें।
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