पुराने ज़माने में आज की तरह एलोपैथिक डॉक्टर नहीं मिला करते थे, ना ही जगह-जगह आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हुआ करती थी. उस समय हमारे देश में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार रोगी का इलाज किया जाता था.
आयुर्वेदिक चिकित्सक जिन्हें वैद कहा जाता है, वो रोगी की नाड़ी देखकर और रोग के लक्षणों के आधार पर इलाज करते थे. रोगी को खान-पान और दिनचर्या के विषय में कुछ निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता था और जड़ी-बूटियों से निर्मित दवाएं दी जाती थीं.
अक्सर हमारे घर और खासकर हमारी रसोई में ऐसी असंख्य चीज़े मौज़ूद होती हैं, जिनमे बीमारियों को दूर करने के गुण होते हैं| बहुत सारे भारतीय घरों में ऐसे कई नुस्खे आज़माये जाते हैं ,जो कुछ ख़ास बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुकूल और असरदार हैं. इन नुस्खों को दादी-माँ के नुस्खे कहा जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी छोटी-मोटी बीमारी होने पर अक्सर दादी-माँ के घरेलू नुस्खे ही काम आते हैं.
चलिए जानते हैं ऐसे ही 10 प्रभावी नुस्खों के बारे में
• सर्दी-जुकाम या नाक बंद होने पर थोड़ी अजवाइन पीस लें और इसे पतले कपड़े में बांधकर रोगी को बार-बार सूंघने के लिए दे दें.
• अगर घर के किसी सदस्य में मलेरिया के लक्षण दिखें तो आप नीम के कुछ पत्ते जमा करके इन्हें पानी में उबाल लें. उबालने पर जब पानी लगभग आधा हो जाए तो इसे छान लें. इस पानी को रोगी को दिन में तीन बार पिलायें.
• बहुत ज़्यादा कफ हो तो एक-दो बूँद लौंग का तेल बताशे पर डालकर इस बताशे को चूसते रहें. ऐसा करने से जमा हुआ कफ ढीला होकर बाहर निकल जाएगा.
• दांतों में दर्द होने पर रूई के फाहे को लौंग के तेल में भिंगोकर दर्द वाली जगह पर दबाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें. तेल उपलब्ध नहीं होने पर लौंग को पीसकर भी लगा सकते हैं.
• गले में टोन्सिल की समस्या या छाले हो जाएँ तो 20 ग्राम मेथी के दाने आधे लीटर पानी में अच्छी तरह उबाल लें. यह पानी जब हल्का गुनगुना हो जाए तो इसे छान लें और नमक मिलाकर रोगी को 5-10 मिनट तक गरारे करवाएं.
• किसी को लकवे का अटैक पड़े तो उसे 50-100 ग्राम तिल का तेल गुनगुना करके तुरंत पिला दें. उसे कच्चा लहसुन भी चबाने के लिए दे दें.
• पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के लिए महिलाओं को ठन्डे पानी में दो-तीन नीम्बू निचोड़कर पीना चाहिए.
• मुँह में बहुत बदबू हो रही हो तो मुँह में दो-चार दालचीनी के टुकड़े रख लें.
• बालों का झड़ना कम करने के लिए चायपत्ती के उबले पानी से बालों को धोना चाहिए.
• घुटने के दर्द की समस्या भी एक आम समस्या है. सिर्फ बूढ़े लोग ही नहीं, आजकल तो जवान भी इस समस्या से ग्रस्त होने लगे हैं. अगर सुबह-सुबह खाली पेट अखरोट की तीन-चार गिरियाँ खायी जाएँ,तो कुछ ही दिनों में घुटने के दर्द से राहत मिल जायेगी|
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