कैल्शियम एक महत्त्वपूर्ण खनिज है। हमारे शरीर की हाड़ियाँ और दाँत मज़बूत बनाने के लिए इसका उपयोग होता है.आपके दिल और अन्य मांसपेशियों को ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम की भी आवश्यकता होती है। जब आपको पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है, तो आप ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोपेनिया और कैल्शियम की कमी यानी हाइपोकैल्सीमिया जैसी विकारों को बढ़ा देता हैं।
कैल्शियम की कमी के कारण कोई भी लक्षण शुरुवात में दिखाई नहीं देते। लेकिन जैसे-जैसे कैल्शियम की मात्रा शरीर से कम होती जायेगी,वैसे-वैसे कुछ लक्षण दिखाई देंगे। गंभीर स्वरुप से हाइपोकैल्सीमिया के दौरान भ्रम या स्मृतिभ्रंश, मांसपेशियों की ऐंठन यानी स्पॅज़म, हाथ, पैर और चेहरे में सुन्नता और झुनझुनी महसूस होना, नैराश्य, दु:स्वप्न यानी हैलूसिनेशन, कमज़ोर नाखून और दांत, कमज़ोर हड्डियां जिनमें आसानीसे फ्रैक्चर हो सकता है ।यह लक्षण दिखाई देते हैं।
कैल्शियम की कमी शरीर के सभी हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप बालों की वृद्धि कम होती है तथा त्वचा नाजुक और पतली हो जाती है। कैल्शियम दिमाग़ से जुड़े न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज और मांसपेशी संकुचन इन दोनों क्रियाओंमें भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसीलिए कैल्शियम की कमी के कारण स्वस्थ लोगों को भी मिरगी यानी एपिलेप्सी जैसे झटके आ सकते है।
कैल्शियम की कमी का एक ही उपाय है-शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाना। इसके लिए डॉक्टर्स अक्सर कैल्शियम कार्बोनेट, जो कम से कम महंगा है और इसमें सबसे अधिक मौलिक कैल्शियम है, कैल्शियम साइट्रेट, जो सबसे आसानी से शर्रेर में सोख लिया जाता है और कैल्शियम फॉस्फेट का उपयोग करते हैं।
मानव शरीर में, उम्र के अनुसार कैल्शियम की मात्रा बदलती रहती है। कैल्शियम की सबसे ज़्यादा ज़रूरत युवा और वृद्धों को होती है। हाइपोकैल्सीमिया का उपचार करने के लिए आपको महंगी दवाइयां और ट्रीटमेंट लेने की ज़रूरत हमेशा नहीं होती। अक्सर आप अपने घर में ही ऐसी चीजें पा सकती हो जिनमें कैल्शियम की मात्रा काफी ज़्यादा होती है।
दूध और दूध से बने पदार्थ जैसे कि दही, छाछ, चीज़, पनीर इत्यादि कैल्शियम और विटामिन-डी से भरपूर होते हैं। अपने शरीर में कैल्शियम ठीक से अवशोषित हो जाए इसके लिए विटामिन-डी की भी आवश्यकता होती है।
सोयाबीन और सोयाबीन से बनाए हुए पदार्थ जैसे कि सोया मिल्क, ना सिर्फ़ कैल्शियम से भरपूर होते हैं, बल्कि इनमें प्रोटीन की भी मात्रा काफी ज़्यादा होती है। दिन में सिर्फ़ आधा कप सोयाबिन खाने से आपके पूरे दिन के कैल्शियम की ज़रूरत पूरी हो जाती है।
हरी सब्जियां जैसे कि पालक, सैलरी, मेथी, ब्रोकोली आदि कैल्शियम के अच्छे स्रोत है। इन्हें हर रोज़ अपने खाने का हिस्सा बनाने से आप की कैल्शियम की ज़रूरत पूरी हो सकती है।
बादाम, काजू, अखरोट, ब्राजील नट्स जैसा मेवा और तिल के बीज कैल्शियम से भरपूर होते हैं। अक्सर डॉक्टर दिन की शुरुआत इनके सेवन से करने की सलाह देते हैं।
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