अगर आपने बाबा रामदेव के घरेलु नुस्खों पर हमारी पहली श्रृंखला नहीं पढ़ी है, तो यहां क्लिक करें। अब मैं बाबा रामदेव के और घरेलू नुस्खे बता रहा हूँ जिससे आप घर पर ही बहुत सी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हो।
वैसे तो हम सब बाबा रामदेव को जानते ही है जिन्होंने योग के साथ-साथ आयुर्वेद में भी अच्छा नाम किया हुया हैं। आयुर्वेद में पतंजलि नाम की एक कंपनी बनाई गयी है जिसका संचालन आचार्य बालकृष्ण जी करते हैं। अब रामदेव जी की कंपनी से ही कुछ नुस्खे नीचे लिख रहा हूँ – शायद आप सबके काम आ जाए।
1. डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज संभव है। इसके लिए आपको गिलोय, गेहूँ का ज्वारा और एलोवेरा का जूस सेवन करें। आपके प्लेटलेट्स की संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी।
2. हरड़ के पत्तों का रस पीने से पीलिया जैसी बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
3. दाँत और मसूड़ों संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए नियमित रूप से दिव्य दंतकांति पेस्ट का उपयोग करें।
4. शरीर में कहीं भी गाँठ हो तो चुटकी भर हल्दी गुनगुने पानी के साथ नियमित लेने से गाँठ का घुलना शुरू हो जाता है।
5. किसी लड़की के स्तनों का विकास नहीं हो रहा हो तो शतावर का प्रयोग करने से विकास होना शुरू हो जाता है।
6. महिलाओं का मासिक धर्म समय पर और नियमित रूप से नहीं आ रहा हो तो प्याज के रस के साथ गुड का सेवन करने से ये समस्या हल हो जाती है।
7. पुरुषों में कोई शीघ्रपतन का शिकार हो तो बाबा रामदेव की आयुर्वेदिक औषधि दिव्य योनामित्र वटी का सेवन करने से ये समस्या हल हो जाती है।
8. सर्वाइकल दर्द से छुटकारा पाने के लिए दिव्य एकांगवीर रस का सेवन करें। इसके सेवन करने से पीठ की अकड़न के दर्द से भी छुटकारा मिल जाता है।
9. गोरा रंग की चाह रखने वाले बेसन के अंदर गुलाबजल मिला कर अपने चेहरे पर लगाएँ, असर आना दिख जाएगा।
10. बहरेपन की समस्या से निजात पाने के लिए दालचीनी के तेल में नींबू का रस मिला कर कान में डालें।
11. लीवर की गर्मी को दूर करने के लिए मुलेठी की जड़ को पीस कर पाउडर बना कर इसे उबलते पानी में डालें फिर उसे छान कर पिये।
12. किडनी और पिते की पथरी का उपचार के लिए दिव्य अश्महीर रस का प्रयोग करें। यह एक औषधि है।
बाबा रामदेव के बहुत सारे घरेलू नुस्खे है जिससे हम बहुत सी समस्याओं का निवारण कर सकते है। इससे और ज्यादा नुश्खे आज ही बता दूंगा तो आप को बदहजमी हो सकती है, इसलिए अपनी कलम को यहीं पर विश्राम देता हूँ। स्वस्थ रहिये, सुखी रहिये।
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