डेंगू वायरस द्वारा फैलाया गया एक प्रकार का रोग है, इसके कारण कई लोगों की जानें भी गई है।
डेंगू बुख़ार एक जानलेवा बीमारी है, जिसका अगर सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह लाइलाज हो जाता है ।सही समय पर अगर डेंगू का पता चल जाता है, तो हो सकता है डेंगू से ग्रस्त रोगी को बचाया जा सके ।इसके लिए सबसे ज़्यादा यह जानना ज़रूरी है, कि डेंगू बुख़ार के क्या लक्षण होते हैं।और यह सामान्य बुख़ार से कितना अलग होता है। इस आर्टिकल में आपको डेंगू बुख़ार के संपूर्ण लक्षणों के बारे में पूर्ण तरह जानकारी मिल जाएगी।
डेंगू बुख़ार तीन प्रकार का होता है और उसके लक्षण उसी हिसाब से होते हैं। डेंगू बुख़ार के तीन प्रकार हैं :
- साधारण डेंगू बुख़ार ( क्लासिक)
- डी एच एफ ( डेंगू हेमरेजिक फीवर)
- डी एस एस ( डेंगू शॉक सिंड्रोम)
इन तीनों प्रकार में फर्क सिर्फ इतना है, कि जो साधारण डेंगू बुख़ार यानि कि क्लासिक डेंगू बुख़ार है, वह सामान्य स्थिति होती है जिसमें किसी मरीज की जान नहीं जाती है ।लेकिन अगर डेंगू हेमरेजिक या डेंगू शॉक सिंड्रोम अगर हो जाए और उसका इलाज तुरंत शुरू ना किया जाए ,तो यह जान के लिए घातक सिद्ध हो सकता है ।सबसे ज़रूरी यह है कि बीमारी के चरण के स्तर को पहचाना जाए ।
डेंगू बुख़ार के लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं.
1. अगर बहुत ज़्यादा तेज़ बुख़ार आए और साथ में ठंड का भी अनुभव हो.
2. मांसपेशियों , सर , जोड़ो में दर्द होने लगे और बदन दर्द करे ।
3. मुंह में कड़वापन लगना या किसी भी चीज़ का स्वाद कड़वा लगने लगे।
4. बार बार उल्टी होने जैसा मन करे।
5. गले में दर्द होने लगे।
6. दिनभर कमज़ोरी महसूस हो।
7. भूख में अचानक कमी आ जाये।
8. शरीर पर रैशस होने लगे ।
9. लाल या गुलाबी रंग के दाने निकल आये।
अगर बुख़ार सामान्य है और पहले चरण पर है तो इसका उपचार अगर साधारण पध्दति से भी किया जाए तो भी यह ठीक रहेगा ।साधारण डेंगू बुख़ार में कोई भी पेरासिटामोल टैबलेट को लिया जा सकता है ।और अगर बुख़ार ज़्यादा बढ़ता जा रहा हो, तो माथे पर ठंडी पट्टी रख कर उसे कम किया जा सकता है।लेकिन अगर कुछ दिनों तक यही लक्षण रहते हैं, तो तुरंत उपचार के लिए जाना चाहिए .थोड़ी सी भी देर जानलेवा साबित हो सकते हैं. इसीलिए हमेशा सावधानी बरतें और अपने आसपास हमेशा साफ सफाई रखें . गंदगी को पनपने न दें. डेंगू के मच्छर से बच के रहें।घर के बाहर जाते समय फुल बाहों वाले कपड़े पहन कर ही जाये। घर के आस पास गन्दगी न होने दें । शाम के वक़्त खिड़कियो को बंद रखें।
हमारी सावधानी ही हमे कोई भी रोग से बचा सकती है।
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