“ वैष्णव जन तो तैने कहिये जै पीर पराई जाने रे” यह एक बहुत ही प्रसिद्ध भजन की कुछ पंक्तियाँ हैं। सिख धर्म की नींव को यह पंक्तियाँ सटीक रूप से दर्शाती हैं। इस धर्म की स्थापना ही इसलिए हुई थी औरों की पीड़ा और दर्द करने के लिए।
अगर हम इतिहास की ओर रुख करें तो देखेंगे कि सिख धर्मगुरुओं ने कैसे बलिदान देकर दूसरों की रक्षा की। हथियार अगर उठाये भी तो निहत्थे और कमज़ोर लोगों पर नहीं, बल्कि उन ज़ालिम लोगों पर जो इंसानियत भूल चुके थे।
आज हम आपको सिख धर्म की ऐसी 10 बातें बताने जा रहे है जो निश्चित ही सारे संसार के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
• लंगर
सभी लोगों के लिए, चाहे फिर वह किसी भी धर्म के अनुयायि हो, ऊंची जाति के हो या नीचली जाति के, अमीर हो या गरीब, सभी को एक साथ बैठकर एक ही प्रकार का प्रसाद चखना होता है। गुरुद्वारे का लंगर एक ऐसी जगह है, जहां सारा भेदभाव खत्म हो जाता है और हमें सिर्फ इंसानियत ही नज़र आती है। यहां पर कोई भी भूखा नहीं जाता – 24 घंटे गुरुद्वारे के लंगर के द्वार हमेशा सभी के लिए खुले रहते हैं।
• सेवा
सेवा करना सिख धर्म में ईश्वर की आराधना के सामान माना गया है।
आप अगर किसी भी गुरूद्वारे में जाकर देखेंगे तो अमीर से अमीर लोग आपको जूठे बर्तन धोते नजर आएंगे। जूता घर( जहाँ जूते चप्पल रखे जाते हैं) वहां अपने हाथो से उन्हें उठाकर पोलिश कर रखते हैं।
और यह सब निस्वार्थ सेवा है उस परम पिता वाहेगुरु की भक्ति करने का एक तरीक़ा ।
• बलिदान
बलिदान की अगर बात की जाए तो सिख धर्म में आपको ऐसे अनगिनत उदाहरण मिल जाएंगे जो बलिदान की एक नई मिसाल देते हुए दिखाई देंगे। चाहे फिर वह श्री गुरु अर्जुन देव सिंह जी हो, जो तपते तवे पर बैठकर शहीद हो गए या फिर श्री गुरु गोविंद सिंह जी जिन्होंने अपने पिता ,अपने चारों पुत्र और अपनी माता का बलिदान धर्म रक्षा के लिए दे दिया।
• खाना
इनके खाने में आपको एक संपूर्ण आहार की साफ झलक दिखाई देगी – जो पौष्टिक होने के साथ-साथ लजीज भी होता है। और इनके यहाँ की लस्सी तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
• आत्म रक्षा
यह अपनी आत्मरक्षा के लिए हमेशा अपने पास कृपाण रखते हैं। यह कृपाण किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि स्वयं की और निर्बल लोगों की रक्षा के लिए होती है। शस्त्र विद्या का संपूर्ण ज्ञान होता है।
• गुरबाणी
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी एक ऐसा ग्रंथ है जिसे 11वें गुरु की उपाधि दी गई है। यह अपने आप में सभी धर्मों और धर्म ग्रंथों की बातों को समेटे हुए है। जब भी कोई मुश्किल आती है या परेशानी होती है तो गुरुवाणी के स्मरण मात्र से ही वह दूर हो जाती हैं।
• हँस मुख स्वभाव
सिख धर्म के लोग हमेशा ही हँस मुख स्वभाव के होते हैं। चाहे इन पर कितने भी विपत्ति क्यों ना आ जाए, उनका चेहरा हमेशा हंसता हुआ ही दिखाई देता है। यह बहुत खुश मिज़ाज़ होते हैं।
अपने पर हंसने की क्षमता हर इंसान में नहीं होती, पर लगभग हर ‘सरदारजी’ में आपको यह गुण दिख जाएगा। यूं ही नहीं संता-बंता वाले जोक इतने मशहूर।
चित्र: jokescoff.com
• केश
सर पर सजी हुई पगड़ी को देखकर यह दूर से ही पहचान में आ जाते हैं। केश रखने का प्रमुख कारण यह है कि यह मानते हैं कि भगवान ने जो हमारी संरचना की है वह बहुत ही खूबसूरत है हम संरचना को चुनौती नहीं देंगे क्योंकि खूबसूरती बाहरी वेशभूषा से नहीं बल्कि अंतर मन से होती है।
• पहनावा
इनका पहनावा दूसरों से काफी अलग होता है स्त्रियों के लिए पटियाला सलवार और फुलकारी की हुई कुर्ती जिसके साथ एक बड़ा सा दुपट्टा होता है। उनके पहनावे में पारंपरिक कारीगरी की साफ झलक दिखाई देती है । यह स्टाइलिश होने के साथ साथ आरामदायक भी होते हैँ।
• भाईचारा
उनमें आपसी प्रेम बहुत होता है। चाहे किसी भी वर्ग के लोग हों, यह उनसे आसानी से घुल मिल जाते हैं।
Raj Prasad Gupta
me and wife have planned to convertbourself into Sikh religion and it’s a decision from heart
Deep sharan
Dalito sikh ban jao isi me sabi dalito k behan betiyo or pure dalit samjday K sath hue anyaayo julme balatkaro shoshankariyo se badla le sakte ho dalito aap 20 perscent ho sikh 2.5 present dono agar ek ho jaye to kaya ni kar sakte khud socho or is soch ko apne dalit bhaiyo or sikh bhaiyo tak pahuchao