वैज्ञानिक शोधों के अनुसार रतौंधी विटामिन ए की कमी से होता है। इस रोग में व्यक्ति को रात में दिखाई देना बंद हो जाता है।
आइये रतौंधी के लक्षणों और इसके कुछ घरेलू उपचारों के बारे में जानते हैं।
रतौंधी के लक्षण
1. रतौंधी के रोगी को दिन में तो साफ-साफ दिखाई देता है लेकिन रात में पास की चीजों को भी देखना मुश्किल हो जाता है। अगर समय पर इस बीमारी का उपचार नहीं किया जाए तो धीरे-धीरे रात में पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो सकता है।
2. इस रोग से ग्रस्त लोगों की आंखों की पलकों में कठोरता आ जाती है। पलकों में फुंसियां भी होने लगती हैं। रतौंधी से आंखों की पुतली की पारदर्शिता कम हो जाती है और कभी-कभी इसे ज्यादा नुकसान भी पहुंचता है।
3. रतौंधी के शिकार अधिकतर छोटे बच्चे होते हैं इसलिए बच्चों में पोषण का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक होता है। अगर इस बीमारी का जल्दी इलाज नहीं किया जाए तो आंखों को भारी क्षति पहुंचती है और औषधियां भी काम करना बंद कर देती हैं।
रतौंधी के घरेलू उपाय
1. यह रोग मुख्य रूप से विटामिन ए की कमी से होता है इसलिए विटामिन ए से भरपूर चीजों का सेवन करना इसका सबसे अच्छा उपचार है।
2. रीठा की गुठलि को स्त्री के दूध में घिसकर आंखों पर लगाया जाए तो यह रतौंधी में काफी फायदेमंद होता है।
3. गाजर या उसके रस का सेवन अधिक करना चाहिए। यह इस रोग में काफी फायदेमंद होता है।
4. नीम की जड़ और बबूल के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीना रतौंधी में लाभकारी होता है।
5. गौमूत्र में पीपल के कोमल कोपलों को पीस लें। अब इस लेप को आंखों पर लगाना रतौंधी में फायदा पहुंचाता है।
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