वनस्पति तेलों में खाना पकाने के लिए मूँगफली के तेल का उपयोग भारतीय घरों में काफी आम है। इसकी स्वास्थ्य के लिए उपयोगिता इसमें उपस्थित विभिन्न प्रकार के फैटी एसिड के कारण बढ़ जाती है। पर इस तेल के अपने ही कुछ नुकसान भी हैं। आइये, जानते हैं मूँगफली तेल के फायदे और नुकसानों के बारे में।
बाज़ार में मूँगफली के तेल की उपलब्ध अनेक किस्मों में से रोस्टेड पीनट आयल सेहत के लिए सबसे अधिक लाभदायक होती है।
मूँगफली के तेल के दस फायदे
1. इस तेल में कोलेस्ट्राल की मात्रा नगण्य होने के साथ ही पहले से ब्लड में उपस्थित कोलेस्ट्राल के स्तर को भी कम करने की प्राकृतिक गुण विद्यमान होता है। मूँगफली के तेल में मौजूद फाइटोस्टेराल तत्व ब्लड में उपस्थित कोलेस्ट्राल को अवशोषित करने में सहायक होता है, जिसकी वजह से यह तेल दिल एवं हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए अन्य वनस्पति तेलों के मुकाबले कम नुकसानदायक होता है।
2. मूँगफली के तेल में विटामिन ई की प्रचुर मात्रा पाई जाती है,जो फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर झुर्रियाँ, दाग -धब्बे आदि के प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इससे त्वचा बढ़ती उम्र में भी जवान बनी रहती है।
3. डायबिटीज के रोगियों के लिए मूँगफली का तेल फायदेमंद होता है। यह पैन्क्रियाल के बीटा सेल्स को सक्रीय करने में सहायक होता है जिससे इन्सुलिन का उत्सर्जन ब्लड में होता है। इसके अतिरिक्त ब्लड में शर्करा की मात्रा को भी यह नियंत्रित करता है।
4. जोड़ों, माँसपेशियों एवं कमर दर्द में मूँगफली के तेल से मालिश करने से राहत मिलती है।
5. इस तेल में मौजूद प्रोटीन शुष्क एवं बेजान बालों को पोषण देने के साथ ही बालों को घना एवं मोइस्चराइज करने में सहायक होते हैं।
6. मूँगफली के तेल को गुनगुना करके लगाने और कम से कम दो घंटे बाद किसी हर्बल शैम्पू से बालों को साफ़ करने से रुसी की समस्या का निदान हो जाता है।
7. मूँगफली के तेल में मौजूद रेसवेराट्रोल नामक एंटीऔक्सिडेंट ब्लड में श्वेत रक्त कणिकाओं को बढाने में सहायक होता है, जिसके कारण शरीर की रोगों से लड़ने की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
8. बुढ़ापे में होने वाले डेमेनशिया (dementia) ,जिसमें जल्दी- जल्दी भूलने की बीमारी हो जाती है, की रोकथाम में भी मूंगफली का तेल सहायक होता है। मूंगफली के तेल का प्रयोग करते रहने से इसमें मौजूद रेस्वेराट्राल नामक एंटीऔक्सिडेंट न्यूरांस के क्षीण होने की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक होते हैं, जिससे इस समस्या से लम्बे समय तक बचा जा सकता है।
9.मूँगफली के तेल में कैल्शियम एवं विटामिन डी की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।
10.मूंगफली के तेल में मौजूद रेस्वेराट्राल नामक एंटीऔक्सिडेंट याददास्त को तेज करने में सहायक होता है।
मूँगफली के तेल के दस नुकसान
1. जिन लोंगो को मूंगफली से एलर्जी हो, उनकी सेहत के लिए मूंगफली का तेल नुकसानदायक होता है।
2. मूँगफली के तेल में फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा होने कारण इसके ज्यादा इस्तेमाल से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण मोटापा बढ़ने की शिकायत हो सकती है।
3. मूँगफली के रिफाइंड आयल का प्रयोग सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है। केवल मूंगफाली हीं नहीं, किसी भी वनस्पति का तेल, जो रिफाइंड प्रक्रिया से तैयार किया गया हो, सेहत के लिए नुकसानदायक होता है – क्योंकि रिफाइंड करने की प्रक्रिया में मूँगफली में उपस्थित प्रोटीन की मात्रा नष्ट हो जाती है। इसके फलस्वरूप इसमें मौजूद एंटीऔक्सिडेंट की मात्रा भी कम हो जाती है, जिसके कारण सेहत के लिए इसके लाभ का प्रतिशत कम हो जाता है।
4. गर्भवती महिलाओं एवं शिशु को स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए मूंगफली के तेल का ज्यादा सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है।
5. मूँगफली ग्रीन मोल्ड यानि एक प्रकार का फुफुन्द (कवक) से प्रभावित हो सकती है। ऐसी मूंगफली के तेल का यदि प्रयोग किया गया, तो यह शरीर में एफलेटोक्सिन नामक जहरीले पदार्थ का निर्माण करती है, जो स्वास्थ के लिए हानिकारक होता है।
6. यदि मूँगफली के तेल का उपयोग के करने के पश्चात भूख कम लगना एवं आँखों का पीला होना आदि लक्षण दिखे, तो हो सकता है फुफुन्द से ग्रस्त मूँगफली का प्रयोग तेल बनाने में किया गया हो, जिसके कारण लीवर प्रभावित होंने पर पीलिया की बिमारी की शरुआत हो गई हो। ऐसे में मूँगफली के तेल का प्रयोग बंद कर देना चाहिए।
7. मूंगफली के तेल की गुणवत्ता उसके संग्रहित स्थान के ऊपर निर्भर करती है। जैसे, यदि मूँगफली के तेल को निकालने से पूर्व मूँगफली को ज्यादा गर्म या नमी वाले स्थान पर संग्रहित किया गया होगा, तो हो सकता है कि ऐसी मूँगफली का तेल सेहत के लिए नुकसानदायक हो।
8. मूंगफली के दाने के छिलके में पोषक तत्व के अवशोषण को कम करने वाले तत्व विद्यमान होते हैं, जो भोजन में पाए जाने वाले पोषक तत्वों का शरीर में अवशोषण को बाधित करते हैं।
9. किसी रोग के निवारण हेतु प्रयोग किये जाने वाली दवाओं का सेवन कर रहे रोगियों को मूंगफली के तेल के प्रयोग से नुकसान संभव हो सकता है।
10. सोयाबीन, चना, मटर आदि फबसाए (fabaceae) समूह के अनाज एवं वनस्पति से एलर्जी वाले लोगों के लिए मूँगफली का तेल नुकसानदायक साबित हो सकता है।
अतः किसी भी गंभीर रोग से ग्रस्त होने पर भोजन में उपयोग किये जाने वाले तेल के विषय में डाक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।
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