अमूमन सर्दी के मौसम में खाए जाने वाले तिल तेल से भरपूर बेहद गुणकारी बीज होते हैं। तिल के लड्डू हों या तिलपट्टी, सर्दी के मौसम में गुड़ के साथ बने इन स्वादिष्ट व्यंजनों को खाने का अपना मजा तो है ही, इस तरह से आपको तिल के फायदे भी प्राप्त हो जाते हैं।
अमेरिका के कृषि विभाग (यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर) की वेबसाइट के अनुसार तिल के बीजों में भरपूर मात्रा में प्राकृतिक तेल, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, B विटामन्स और अन्य विटामिन्स होते हैं।
शोध के अनुसार तिल में सेसमीन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं की बढ़वार की रोकथाम करता है।
तिल के बीजों का नियमित सेवन ह्रदय रोग, डायबिटीज और अर्थराइटिस की आशंका को कम करता है।
इसके सेहत संबंधित फायदों का लाभ उठाने के लिए एक मुट्ठी तिल को रोज़ाना अपने भोजन में शामिल करें।
तिल तीन प्रकार के होते हैं- काले, सफ़ेद और लाल। आयुर्वेद के अनुसार तिलों की सभी किस्मों में काले तिलों को श्रेष्ठ माना गया है। सफ़ेद तिलों को मध्यम, और लाल तिलों को हीन गुणों वाला माना जाता है।
अब एक-एक कर देखते हैं तिल के गुण और तिल के फायदे:
तिल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एजिंग की रोकथाम करते हैं और त्वचा पर जवां निखार लाते हैं।
स्वस्थ पाचन के लिए महत्वपूर्ण फ़ाइबर तिल के बीजों में यथेष्ट मात्रा में होता है। फ़ाइबर कब्ज़ एवं डायरिया की समस्या में कमी लाता है, साथ ही कोलन का स्वास्थ्य बनाए रखता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों की आशंका से बचाता है।
फ़ाइबर धमनियों एवं रक्त वाहिकाओं से खतरनाक कोलेस्ट्रोल को निकाल देता है और इस प्रकार हृदय को हार्ट अटैक, स्ट्रोक और स्क्लेरोसिस से बचाता है।
तिल में मौजूद जिंक, फ़ौसस्फोरस और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज तत्व हड्डियों को फ़ौलादी ताकत प्रदान करते हैं। यह खनिज तत्व नया बोन मैटर बनाने और किसी चोट अथवा ऑस्टियोपोरोसिस से कमजोर हुई हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ उनकी मरम्मत की प्रक्रिया को गति देते हैं।
तिल में भरपूर मात्रा में खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसमें लौह, मैग्नीशियम, मैंगनीज, और फ़ौस्फ़ोरस की
उल्लेखनीय मात्रा पाई जाती है। साथ ही ये तांबे और कैल्शियम का उत्कृष्ट स्रोत होते हैं। तिल के बीजों में चूने की मात्रा बहुत अधिक होती है, अतः अपने बच्चों को यथेष्ठ मात्रा में तिल की चिक्की, गजक, रेवड़ी, अथवा तिल पपड़ी खाने के लिए दें।
तिलों का नियमित सेवन कैल्शियम की आपूर्ति करता है और दांतों को इतनी मजबूती प्रदान करता है कि वह वृद्धावस्था तक हिलते, दुखते या गिरते नहीं।
तिल के बीज ह्रदय के स्वास्थ्य में वृद्धि करते हैं। अनेक रिसर्च स्टडी के अनुसार तिल के बीजों का सेवन हाइपरटेंशन में कमी लाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो ब्लड प्रेशर कम करता है।
तिल के बीजों में मौजूद मैग्नीशियम की प्रचुर मात्रा टाइप 2 डायबिटीज की आशंका को कम करती है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के साथ-साथ इन्सुलिन सेंसटिविटी में भी सुधार लाता है।
तिल में मौजूद तांबे की प्रचुर मात्रा जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों के इन्फ़्लेमेशन में कमी लाता है और इस प्रकार अर्थराइटिस से जुड़े दर्द की प्रभावी रूप से रोकथाम करता है। तांबा रक्त वाहिकाओं, हड्डियों और जोड़ों को ताकत देता है। तिलों में मौजूद तांबा शरीर के रक्त प्रवाह को गति देता है ।
एक शोध के अनुसार तिलों के बीज में प्रोटीन का उच्च स्तर विद्यमान होता है जो खंडित होकर मानव शरीर के उपयोग हेतु उपयुक्त प्रोटीन के रूप में पुन: इकट्ठीत हो जाता है और इस प्रकार हमारी शक्ति, स्वस्थ सेल्युलर बढ़वार,, ऊर्जा का स्तर, और गतिशीलता में वृद्धि करने के साथ-साथ मेटाबॉलिक फंक्शन को गति प्रदान करता है।
तिल के फायदे आपके बालों के लिए भी हैं। यदि आप बालों के झड़ने और इनसे संबंधित अन्य समस्याओं से परेशान हैं तो तिलों के बीजों को नियमित रूप से अपने भोजन में शामिल करें। विटामिन बी कांपलेक्स से समृद्ध तिल बालों को स्वस्थ बनाने का प्रभावी विकल्प हैं।
अनेक विटामिन और खनिज तत्वों से समृद्ध तिल के बीजों में मौजूद हेल्दी फैट का उच्च स्तर इन्हें ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत बनाता है।
पुरुषों के लिए तिल के लाभ जानने जरूरी हैं! एक अध्ययन के अनुसार पुरुषों द्वारा तिलों का नियमित सेवन उनकी फर्टिलिटी में वृद्धि करने के साथ-साथ उनकी शुक्राणुओं (स्पर्म) की क्वालिटी को भी बढ़ाता है।
आजकल कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर शारीरिक इम्युनिटी के महत्व को कोई नकार नहीं सकता। पावर पैक्ड सेलेनियम, कॉपर, खनिज तत्व, विटामिन और जिंक के स्रोत तिल के बीजों का सेवन आपकी इम्युनिटी का स्तर ऊंचा करता है और इस प्रकार कोरोना के संक्रमण और विभिन्न अन्य संक्रमणों की आशंका को कम करता है।
तिल के बीजों का नियमित सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल एवं ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित करता है ।
तिल के बीजों में मौजूद मैग्नीशियम और फाइटेट शक्तिशाली ऐन्टी कैंसर विशेषताओं से परिपूर्ण हैं। अतः इनके सेवन से ब्रेस्ट, फेफड़े, पैंक्रियास, कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर की आशंका कम होती है।
तिल के बीज भरपूर प्रोटीन से समृद्ध होते हैं। तीन टेबलस्पून तिलों में 5 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। अतः यह शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ाते हैं, भूख को नियंत्रित करते हैं, अत्यधिक कैलोरीज़ के सेवन की रोकथाम करते हैं और इस प्रकार वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ध्यान रखें, जिन लोगों की पाचन शक्ति क्षीण हो अथवा जिन्हें किडनी में पथरी की शिकायत हो, ऐसे लोगों को तिल के बीजों का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
तिल के फायदे तो अब आप जान चुके हैं। आपके शरीर के लगभग हर हिस्सा तिल के सेवन से लाभान्वित होता है। सबसे अच्छी बात यह भी है कि तिल आपको आराम से आपके घर के नजदीक किसी दुकान में मिल जाएगा। तिल का सेवन शुरू करिए – स्वस्थ रहने का इससे सरल तरीके आपको कम ही मिलेंगे।
खूबसूरत और चमकता चेहरा पाने की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन चेहरे…
मेथी एक ऐसी चीज़ है जो दिखने में छोटी होती है पर इसके हज़ारों फायदे…
यूं तो नवरत्न अकबर के दरबार में मौजूद उन लोगों का समूह था, जो अकबर…
वैसे तो गहरे और चटकदार रंग के कपडे किसी भी मौसम में बढ़िया ही लगते…
डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जो आपके बालों को तो कमज़ोर बनाती ही है, साथ…
हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। यदि इसकी सही तरह से देखभाल नहीं की…