हम में से अधिकांश महिलाएं अमूमन इस बात को लेकर परेशान रहती हैं कि अच्छी ख़ासी आमदनी होने के बावजूद भी कोई बचत नहीं हो पाती। पैसा जैसे आता है, वैसे ही चला जाता है। यहाँ हम आपको यह बताना चाहेंगे कि इस समस्या के मूल में आपकी कम आमदनी नहीं है, वरन इसका मूल कारण है कुशल वित्तीय प्रबंधन का अभाव।
चलिए जानते हैं वित्तीय प्रबंधन के कुछ ऐसे प्रभावी टिप्स के बारे में जिन्हें अपना कर आप निश्चित ही बेहतर ढंग से आर्थिक प्रबंधन कर पाएंगी एवं अपने और अपने परिवार के लिए एक सुखद भविष्य सुरक्षित कर सकेंगी।
सर्वप्रथम अपनी आर्थिक स्थिति का आकलन करें:
सबसे पहले आपको अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करना होगा जिससे कि आप निरंतर अपनी आर्थिक प्रगति का लेखा-जोखा ले सकें। इसके लिए सबसे पहले आपको यह पता लगाना होगा कि आपकी संपत्ति का कुल मूल्य कितना है और आपकी कितनी देनदारी है। यह आपको अपने खर्चों का हिसाब किताब रखने में मदद करेगा जिससे आप यह पता लगा सकती हैं कि आप कहां खर्च कर रही हैं और इस प्रकार आप अपनी खर्च करने की आदत को बेहतर ढंग से व्यवस्थित कर सकती हैं ।
अपने खर्चों और आमदनी को बेहतर जानें:
हमें अपनी आमदनी के विषय में तो स्पष्ट रूप से पता होता है, लेकिन यदि हमसे पूछा जाए कि हमारा औसत मासिक व्यय कितना होता है तो हम में से शायद बहुत कम लोग इस प्रश्न का उत्तर सही सही दे पाएंगे ।
अपना मासिक खर्च जानने के लिए 1 माह तक प्रति दिन अपने दिन भर में हुए हर खर्चे के विषय में एक रजिस्टर में लिख ले। अपने क्रेडिट कार्ड से किए गए खर्चे के बारे में भी लिखें।
अब उस महीने की कुल आमदनी में से महीने का कुल खर्च घटा दें।
अब ध्यान दें – यदि उत्तर में नेगेटिव संख्या आती है, इसका अर्थ है कि आपने आमदनी से ज्यादा व्यय किया।
इस स्थिति में क्या करें?
आपको अपना व्यय कम करना होगा।
यदि उत्तर में पॉजिटिव संख्या आती है, इसका तात्पर्य है कि आपने आमदनी से कम खर्च किया। इस स्थिति में क्या करें?
यह एक आशाजनक स्थिति है। आप अपनी किस्तों में कटने वाली रकम बढ़ा सकती हैं या अधिक बचत करना आरंभ कर सकती हैं।
अपनी आमदनी और व्यय की स्पष्ट तस्वीर देखने के बाद अब आपको वित्तीय प्रबंधन के लिए कुछ पुख्ता कदम उठाने होंगे।
बजट बनाएं:
बजट हमारी आय और व्यय का संक्षिप्त अनुमानित विवरण होता है। बजट हमारी आर्थिक स्थिति का आईना भी कहा जा सकता है जो कि कुशल वित्तीय प्रबंधन की आधारभूत शर्त है ।
बजट लिए गए कर्ज को चुकाने और भविष्य के खर्चों के लिए बचत की शुरुआत करने का पहला कदम है। यह हमारे वित्तीय जीवन में संतुलन लाता है और हमारी आर्थिक चिंताओं पर विराम लगाता है ।
अतएव अपनी कुल आय और अनुमानित खर्चों का ब्यौरा लिख कर अपना बजट बना लें।
बजट का निरंतर उपयोग करें:
आपने अपना बजट तो बना लिया लेकिन यदि पूरे माह में एक बार भी उसे नहीं खोला तो यह बेकार साबित होगा। किसी भी मद पर खर्च करने से पहले अपना बजट अवश्य देखें। जैसे-जैसे आप महीने में खर्च करती हैं, इसे आवश्यकतानुसार अपडेट करती रहें। पूरे महीने के दौरान आपको यह स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए कि आप कितना पैसा खर्च कर रही हैं।
नियमित रूप से बचत करें:
हर माह अपने बैंक में कुछ पैसे जमा करने की आदत आपको कुछ ही समय में एक बड़ी धनराशि का फायदा दे सकती है। प्रतिमाह एक निश्चित राशि बचत करने के लिए आप बैंक में रिकरिंग अकाउंट भी खुलवा सकती हैं।
अपना कर्ज उतारें:
यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड है और पैसों की कमी से आपके ऊपर उसका कर्ज चढ़ गया है तो उसका बिल हाथ में आते ही न्यूनतम राशि चुकाने का प्रयास करें। और पैसों का इंतजाम होते ही कुछ सप्ताह बाद कुछ और राशि का भुगतान कर दें।
इस प्रकार पूरा कर्ज उतार दें।
अनावश्यक खर्चों में कतर ब्योत करें:
अपने सभी गैरजरूरी ऐसे खर्चों में कटौती करें जिनकी वजह से आपके जीवन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आपातकालीन फंड बनाएं:
अपने अनअपेक्षित खर्चों के लिए सदैव एक आपातकालीन फंड बनाएं जिसमें एक बड़ी राशि बैंक में जमा करें। इस राशि को केवल आकस्मिक संकट की स्थिति में छूएं ।
अपनी आमदनी की 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत राशि सेवानिवृत्ति के लिए बचाएं:
सेवानिवृत्ति के लिए जितना जल्दी पैसे बचाना शुरू कर सकें, उतना बढ़िया रहेगा। अपनी वार्षिक आय का 10% भी यदि आप हर वर्ष बचाती हैं तो सेवानिवृत्ति की उम्र तक आपके पास बढ़िया सेवानिवृत्ति फंड जमा हो जाएगा। इससे आप अपनी वृद्धावस्था बिना किसी मानसिक तनाव के बिता पाएंगी।
दैनिक खर्चों में कटौती करें:
सोचें, कौन से ऐसे दैनिक खर्च हैं जिनमें आप कटौती कर पैसे बचा सकती है। आप अंग्रेजी और हिंदी दोनों समाचार पत्र लेती हैं लेकिन क्या आप दोनों पढ़ पाती हैं? यदि नहीं तो एक समाचारपत्र बंद कर दें। ऐसे बहुत से खर्च निकल आएंगे जिनमें काट छांट की जा सकती है।
अपने कर्ज पर कम ब्याज अदा करें:
ऐसे कर्ज जिनकी ब्याज दर उच्चतम है उन्हें सबसे पहले अदा करें ।
अपने सभी कर्ज़ों पर न्यूनतम मासिक राशि का निरंतर भुगतान करते रहें ।
शीघ्रता से धन बचाने के लिए स्पष्ट लक्ष्य रखें:
मान लें कि आपको अपने बेटे के इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए एक बड़ी रकम 5 वर्षों बाद चाहिए। तो उस राशि को इकट्ठा करने के लिए आप बैंक में एक निश्चित राशि हर माह जमा करें। इससे 5 वर्ष बाद आपको निर्धारित राशि उपलब्ध हो जाएगी।
अपनी आमदनी के अनुरूप बजट सीमित करें:
धन को खुशियों का पर्याय न समझें। धन से कतई खुशियां नहीं खरीदी जा सकती। अपनी आमदनी के अनुरूप ही खर्च करें। अमूमन लोग किसी पड़ोसी या रिश्तेदार की देखा देखी सामाजिक रुतबा बनाने के लिए बड़ी गाड़ी या बड़ा मकान किस्तों पर खरीद लेते हैं । जब उन्हें उनकी किस्तें चुकानी पड़ती है उन्हें बहुत दिक्कत है आती हैं।अतः सदैव अपनी आमदनी के अनुरूप खर्च करें।
अपनी बड़ी खरीद के लिए पैसे पहले से जुटा लें:
कभी-कभी कुछ बड़ी चीजें जैसे गाड़ी, एसी आदि खरीदना आवश्यक हो जाता है। यदि आप इनकी पहले से योजना बना लेती हैं तो इन्हें खरीदते वक्त इन के लिए कर्ज लेने से बचा जा सकता है। बिना कर्ज लिए ऐसी बड़ी खरीद करने के लिए आपको प्रतिमाह कितनी बचत करनी चाहिए यह आप इस फार्मूले से निर्धारित कर सकती हैं:
कुल आवश्यक रुपए \ कितने महीने बाद रुपयों की आवश्यकता होगी = इतने रुपयों की बचत आवश्यक
सुनिश्चित करें कि आप हर चीज कम से कम मूल्य पर खरीद रही हैं:
बड़ी-बड़ी साइट्स और निजी दुकानें समय-समय पर विभिन्न स्कीम के अंतर्गत अपने सामान बड़ी छूट पर बेचती हैं । कोई भी सामान खरीदने से पहले उनके दुकान और ऑनलाइन विभिन्न साइट्स पर उपलब्ध मूल्यों की तुलना करें और फिर उसे न्यूनतम मूल्य पर ही खरीदें। इस तरह छूट पर सामान खरीद कर आप बहुत पैसा बचा सकती हैं।
क्रेडिट कार्ड से खरीददारी की आदत पर अंकुश लगाएं:
ऐसी कीमती चीजें जिन्हें आप कैश से खरीदने की सामर्थ्य नहीं रखतीं और जो आपके लिए बहुत आवश्यक भी नहीं हैं, उन्हें क्रेडिट कार्ड से खरीदने के लालच से बचें। हमारे बजट के गड़बड़ाने के मूल में बहुत हद तक क्रेडिट कार्ड से ऐसी चीजों की खरीददारी होती है।
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