वर्ष 2020 में वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम करने के उद्देशय से भारत सरकार ने सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी। यह घोषणा पहले 21 दिन की थी, लेकिन बीमारी की बढ़ती रफ्तार ने इसे फिर से 19 दिन के लिए बढ़ाने को मजबूर कर दिया। इस लॉकडाउन के परिणाम स्वरूप सुबह से लेकर रात तक भागती-दौड़ती जिंदगी एकदम रुक गई और इस अचानक हुई घटना से प्रत्येक व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित हुआ।
इसके कारण मानसिक तनाव और अवसाद के मामलो के बढ्ने का भी संकट खड़ा हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लॉकडाउन और कोरोना वायरस के तनाव को कम करने के लिए योगासन विधि का सहारा लेने का सुझाव दिया है। वैसे तो जिन लोगों को योगासन करने का अभ्यास है वो थोड़े कठिन योग जैसे उश्टृक, विपरीतहानी आदि जैसे आसन भी कर सकते हैं। लेकिन यहाँ आपको कुछ ऐसे सरल योगासन बताए जा रहे हैं जिन्हें आप सरलता से करते हुए मानिसक तनाव में कमी ला सकते हैं:
1. शवासन:
योगासनों की पंक्ति में यह सबसे सरल और बेसिक योगासन माना जाता है।
कैसे करें:
किसी भी सख्त स्थान पर सीधे लेट कर आँखें बंद कर लें।
अपने शरीर को एक शव की भांति मानते हुए ढीला छोड़ दें।
थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर आँखें खोल दें।
लाभ:
शरीर में तनाव के कारण बढ़ने वाले ब्लड प्रेशर को कम करता है।
मस्तिष्क को शांत होने में मदद मिलती है।
शरीर में नयी ऊर्जा का संचार होता है।
2. वज्रासन:
इसे दिन के किसी भी समय, यहाँ तक की खाना या नाश्ता करने के बाद भी किया जा सकता है।
कैसे करें:
किसी सख्त जगह पर घुटनों के बल इस प्रकार बैठें कि आपके कूल्हें दोनों एड़ियों के बीच में स्थित हो जाएँ।
मुड़े हुए पैरों के अंगूठे भी आपस में मिलने चाहिएँ।
एड़ियाँ थोड़ी दूर रहें और आपस में मिलने न पाएँ।
शेष शरीर बिलकुल सीधा और तना हुआ होना चाहिए।
लगभग पाँच मिनट तक गहरी सांस भरते हुए इसी पोजीशन में बैठें।
लाभ:
डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक बना रहता है।
कब्ज़ से बचाव होता है।
शरीर के पिछले हिस्से जैसे रीढ़ की हड्डी, कमर आदि की मांसपेशियाँ नरम रहती हैं।
जांघों और घुटनों के जोड़ों में दर्द होने की संभावना नहीं होती है।
पैरों में ऊर्जा बनी रहती है।
आसान के दौरान गहरी सांस लेने से लंग्स में मजबूती बनी रहती है।
ब्लड सर्क्युलेशन ठीक रहता है।
3. प्राणायाम:
इस आसन के करने से सांस संबंधी तकलीफ़ों में आराम आता है।
कैसे करें:
फर्श पर चटाई या कोई मोटा कपड़ा बिछा कर पद्मासन की मुद्रा में सीधे बैठ जाएँ।
अब धीरे-धीरे ॐ बोलते हुए सांस अंदर की ओर खींचे।
जहां तक हो सके सांस अंदर रोक कर रखें।
अंदर रोकी हुई सांस धीरे-धीरे बाहर की ओर छोड़ दें।
लाभ:
तनाव और डिप्रेशन में भारी कमी होती है।
सांस को नियंत्रित रूप में अंदर लेने और बाहर छोड़ने से जुकाम और सर्दी-खांसी में लाभ होता है।
मस्तिष्क में शांति पहुँचती है।
ब्लड सर्क्युलेशन ठीक होता है।
4. भ्रामरी:
इस योगासन को भी प्राणायाम का एक प्रकार ही माना जाता है।
कैसे करें
पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएँ।
अपने हाथों के अँगूठों से दोनों कान पूरी तरह से बंद कर लें।
अब हाथों की दो उँगलियों को माथे पर रख लें।
शेष उँगलियों से आखें बंद कर लें।
अब सांस को अंदर लेते समय गले से भँवरे जैसी आवाज़ निकालें।
कुछ सेकेंड सांस अंदर रोकते हुए भी इस आवाज़ को जारी रखें।
अब धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ दें और इसके साथ ही आवाज़ भी बंद कर दें।
लाभ:
इससे सिर में होने वाला दर्द विशेषकर माइग्रेन, डिप्रेशन में तो आराम मिलता ही है साथ ही बेचैन दिमाग को भी आराम मिलता है।
5. अनुलोम विलोम:
अनुलोम विलोम आसन श्वास आधारित होने के कारण जुकाम और सर्दी-कफ आदि में मुख्य रूप से आराम देता है।
कैसे करें:
पद्मासन में बैठ जाएँ।
अब दायें हाथ से अपनी तर्जनी उंगली से नाक का दायीं नासिक छिद्र को बंद करें और बाईं नासिका छिद्र से सांस भरें।
अब अनामिका उंगली यानि छोटी उंगली से बाईं नासिका छिद्र को बंद कर दें।
इसके बाद दायीं नासिका को खोल कर वहाँ से सांस बाहर छोड़ दें।
इसके बाद पुनः दायीं नासिका को बंद करते हुए बाईं नासिका छिद्र से सांस अंदर लें और बाईं नासिका छिद्र से बाहर छोड़ दें।
लाभ:
श्वास संबंधी सभी प्रकार के रोगों में आराम मिलता है।
एलर्जी आदि परेशानियों से मुक्ति मिलती है
मानसिक तनाव में आराम आता है
पाचन प्रक्रिया में भी संतुलन बना रहता है।
इस प्रकार इन योगासनों को करने के लिए आपको न तो किसी विशेष उपकरण की जरूरत है और न ही विशेष समय की। आप अपनी सुविधानुसार इन आसनों को करके लॉकडाउन और कोरोना वायरस के कारण होने वाले तनाव से मुक्ति मिल सकती है।
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