वर्तमान समय में लोगों की जीवनशैली काफी ज्यादा व्यस्त हो गई है। भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास खुद के लिए सोचने का समय तक नहीं है। और अगर आप महिला हैं तो घर की देखभाल, बच्चों का लालन-पालन और माहवारी जैसी कई समस्याएं आपकी कमर तोड़ सकती हैं। व्यस्तता से भरे जीवन में सबसे ज्यादा प्रभावित होती है हमारी कमर। अक्सर देखा गया है कि कमर दर्द से महिलाएं पीड़ित होती हैं।
कमर दर्द या बैक पेन की समस्या से आपको निजात दिलाने में योगासन काफी मदद कर सकते हैं। योग भारत को विरासत के तौर पर मिला है तथा इसने विश्व भर में लोकप्रियता हासिल कर ली है। आज देश-विदेश में कई लोग योगासन के जरिए तरह-तरह की समस्याओं से निजात पा रहे हैं। ऐसे में अगर आप कुछ योगासनों को नियमित तौर पर करते हैं तो आप कमर दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। योगासन के जरिए आपको तुरंत परिणाम हासिल होंगे, ऐसा नहीं है। लेकिन अगर आप पूरी शिद्दत से रोजाना योगासन करते हैं तो आपको इस समस्या से छुटकारा जरूर मिलेगा।
शलभासन (Locust or Grasshopper Pose)
शलभासन दो शब्दों के मेल से बना है जिसमें पहले शब्द यानी कि ‘शलभ’ का मतलब होता है टिड्डा या कीट तथा दूसरे शब्द आसन का मतलब होता है मुद्रा। यानी कि शलभासन का पूरा नाम हुआ ‘टिड्डे के समान मुद्रा’। नाम से तो आपको यह स्पष्ट हो गया होगा कि यह आसन किस तरह का होगा। इस आसन की अंतिम मुद्रा देखने में एकदम टिड्डे जैसी ही लगती है इसलिए यह इस नाम से प्रसिद्ध है। आइए जानते हैं इसे करने की विधि क्या है:-
शलभासन की विधि
- इस आसन को करने के लिए आप अपने पेट के बल लेटें और अपनी हथेलियों को अपनी जांघों के नीचे रख दें।
- आप अपने दोनों पैर की एड़ियों को आपस में जोड़ लें और धीरे-धीरे अपने पैरो को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- इस आसन को करने के दौरान अपनी श्वसन क्रिया को भी नियंत्रित रखें। जब आप अपने पैरो को ऊपर की ओर ले जाएं तब सांस लें और जैसे ही पैर नीचे लाए, तब सांस छोड़ दें। इसी प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराएं।
शलभासन के क्या लाभ है?
अगर आपका कमर दर्द काफी लंबे समय से चला आ रहा है तो इस आसन के नियमित अभ्यास से आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। इस आसन का दूसरा लाभ यह है कि आप कमर दर्द से छुटकारा पाने के साथ ही अपने पेट और कमर की चर्बी से भी छुटकारा पा लेते हैं।
उष्ट्रासन (Camel Pose)
उष्ट्रासन शब्द भी दो शब्दों के मेल से बना है, पहले शब्द का अर्थ होता है ऊंट तथा दूसरे शब्द आसान का अर्थ मुद्रा होता है, यानी कि ऊंट जैसी मुद्रा। आइए जानते हैं उष्ट्रासन कैसे करें?
उष्ट्रासन करने की विधि
- सबसे पहले आप घुटनों के बल बैठ जाएं। ध्यान रहे, घुटनों की लंबाई आपके कंधों के बराबर हो तथा तलवे फैले हुए आसमान की तरफ हो।
- अब अपनी रीड की हड्डी को पीछे की तरफ चुका है और दोनों हाथों से एड़ियों को छूने की कोशिश करें।
- आसन को करते समय ध्यान रखें कि आपकी गर्दन पर ज्यादा दबाव ना पड़े और आपकी कमर का हिस्सा का सीधा रहे।
उष्ट्रासन करने के लाभ
उष्ट्रासन नियमित रूप से करने से आप कमर दर्द से मुक्ति पा सकते हैं। यह आपके कंधे, छाती और कमर को भी मजबूत बनाता है। और शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है। इस आसन के दौरान आपको पांच से छह बार गहरी सांसे लेनी पड़ती है जिससे आपके फेफड़े भी खुल जाते हैं। महिलाओं को मासिक धर्म में होने दर्द के दौरान यह आसन करना चाहिए, इससे उन्हें राहत हासिल होगी।
एक पाद राज कपोतासन (One-Legged King Pigeon)
कपोतासन को कबूतर मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन कमर दर्द को कम करने के साथ ही रीढ़ की हड्डी को भी मजबूत करता है। आइए जानते हैं इस आसन को करने का तरीका क्या है?
एक पाद राज कपोतासन करने की विधि
- सबसे पहले किसी भी योगा मैट या फिर दरी पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब ज़मीन पर अपने दोनों हाथों को रखें और उन पर जोर देते हुए अपने शरीर को ऊपर उठा लें।
- ध्यान रहे जब आप अपने शरीर को ऊपर उठाएं तब आपका मुंह सामने की तरफ हो। इसके बाद धीरे-धीरे एक पैर को आगे की ओर मोड़ें।
- अपने दूसरे पैर को सीधा रखें और अपनी जांघों को फर्श पर लगाए रखें।
एक पाद राज कपोतासन करने के लाभ
इस आसन को करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आपके शरीर के निचले हिस्से के दर्द को कम करने के साथ ही मूत्र से संबंधित विकारों को भी दूर करता है।
अधोमुख श्वानासन (Downward Facing Dog Pose)
यह आसान भी आपके कमर दर्द को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही इस आसन को नियमित रूप से करने से आपके शरीर को मजबूती मिलती है। आइए जानते हैं इस आसन को किस तरह करना है।
अधोमुख श्वानासन करने की विधि
- सबसे पहले घुटनों के बल बैठे और अपने हाथों को जमीन में टिका लें।
- अब अपने हाथों के बल उठे और धीरे-धीरे करके अपनी टांगो को पीछे लेकर जाएं।
- अपनी एड़ियों को जमीन पर टिकाए रखें और कूल्हों को ऊपर की ओर ले जाएं।
- ध्यान रहे कि आपके हाथों के बीचोबीच आपका सर रहे तथा आपके दोनों कान कोहनियों से लगे रहे।
अधोमुख श्वानासन करने के लाभ
इस आसन को करने से कमर दर्द में कमी होने के साथ ही कई अन्य लाभ भी होते हैं, जैसे कि अगर आप इस आसन को नियमित तौर पर करते हैं तो इससे आपके पेट के नीचे की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। यह आपके शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है तथा पाचन तंत्र में सुधार लाता है। इसके साथ यह एंग्जायटी को नियंत्रित करने में भी काफी मदद करता है।
भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन, ‘भुजंग’ शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है सांप। कहा जाता है कि यह आसन देखने में फन फैलाए हुए एक सांप की तरह दिखता है इसीलिए इसे भुजंगासन के नाम से जाना जाता है। आइए भुजंगासन करने का तरीका जानते हैं:-
भुजंगासन करने का सही तरीका
- सबसे पहले योगा मैट या किसी दरी में अपने पेट के बल लेट जाएं।
- पैरों के तलवों को आसमान की तरफ़ रखें और अपने हाथों को धड़ की लंबाई के साथ सीधा रखें।
- इसके बाद ही हाथों को आगे की तरफ लाकर सिर के पास रखें और हाथों पर जोर डालते हुए छाती को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
- ध्यान रहे आपके पेट का निचला हिस्सा जमीन से लगा हुआ होना चाहिए और आपका शरीर पैरो की उंगलियों पर टिका हो।
- आप अपने शरीर के ऊपरी भाग को जितना हो सके ऊपर उठाएं। लेकिन ध्यान रहे इसे जबरदस्ती मोड़ने की कोशिश ना करें।
भुजंगासन करने के लाभ
भुजंगासन करने के कई लाभ होते हैं, यह आपकी रीड की हड्डी को मजबूती प्रदान करता है जिससे आपको कमर दर्द में राहत मिलती है। इसके साथ यह आसन पेट, कंधों, छाती और फेफड़ों में खिंचाव लाता है। इससे तनाव और थकान दूर होने में मदद मिलती है।
इन योगासन को लगातार करते रहें। हालांकि इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपको कमर दर्द से तुरंत निजात नहीं मिलेगा बल्कि इसके लिए कुछ समय जरूर लगेगा इसीलिए पूरे मन से रोजाना इन योगासन को दोहराते रहें।
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