एक अच्छी शारीरिक छवि हर कोई चाहता है। सिर्फ चेहरे के सुन्दर होने से ही बात नहीं बनती , और भी कई गुण ऐसे है, जो अगर इंसान में न हो तो उसे एक अजीब से कमी का एहसास हमेशा ही बना रहता है।
कद या ऊंचाई उन्हीं में से एक है। अच्छा कद होना सभी का स्वप्न होता है, खासकर उनका जिनकी ऊंचाई बहुत कम होती है। कुछ लोग तो ऐसे भी है, जिनमे सभी गुण मौजूद है, लेकिन कद छोटा होने के कारण उनमे हीन भावना उत्पन्न हो जाती है। क्योंकि दुनिया उन्हें उनके गुणों से नहीं बल्कि उनके कद से देखती है।
सिर्फ अच्छा दिखने के लिए ही नहीं बल्कि कई ऐसी सरकारी नौकरियाँ भी हैं, जहाँ अच्छा कद बहुत ज़्यादा मायने रखता है। इसलिए जिनकी भी कद काठी में कोई कमी होता है, वह हमेशा इसी कोशिश में रहते है,कि इसे बढ़ाने के लिए क्या किया जाये।
कई लोग तो महंगी महंगी दवाईयों के चक्कर में भी फँस जाते हैं, जो आपको कुछ दिनों में कद बढ़ाने की ग्यारंटी देते हैं। जिससे होता कुछ नहीं सिर्फ आपके पैसों और समय की बर्बादी होती है।
कई माँ बाप को यह चिंता रहती है, कि उनके बच्चों का कद कैसे बढ़ाया जाये, वो भी इन चक्करों में फँस जाते हैं। परिणाम न मिलने के कारण वह दूसरे उपायों पर गौर करने लगते हैं। जैसे कि अलग अलग तरह के घरेलु उपचार , कसरत , आसान और अन्य कई चीज़ें।
ऐसे में एक बात बहुत ही सामान्य तौर पर सुनाई देती है, कि स्किप्पिंग करने से यानि की रस्सी कूदने से बच्चों की हाइट बढ़ जाती है।
गौर करने वाली बात तो यह है, कि बच्चों की कद काठी काफी हद तक उनके माता पिता पर निर्भर करती है। क्यों कि यह अनुवांशिक होती है। परिवार वालों की हाइट पर यह निर्भर करता है, कि बच्चे की हाइट ज़्यादा होगी या कम होगी।
अगर परिवार में सभी का कद औसतन कम है, तो बच्चे का भी कद उसी प्रकार से होगा। कद का बढ़ना शरीर की रीढ़ की हड्डी के बढ़ने पर निर्भर होता है। अगर वह पूरी तरह से विकसित हो चुकी है, तो उसके बाद आप कितने भी आसान या कसरत कर लें इससे कुछ नहीं होगा।
कद का बढ़ना कई बातों पर निर्भर करता है, जिनमें सही खानपान भी एक है। सही खानपान , पर्याप्त नींद , पौष्टिक आहार। यह सब बातें भी मायने रखती है। केवल स्किप्पिंग करने से या कोई कसरत से कोई चमत्कार नहीं होगा. जिससे आपके बच्चे की हाइट बढ़ जाएगी।
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