भारत के लिए सोने की चिड़िया की उपाधि का प्रयोग होना तो शायद आपको मालूम ही होगा | पर क्या आप जानते हैं की ये नाम उसको किस वजह से दिया गया| अगर नहीं तो इस लेख में हम आपको बताएँगे कुछ ऐसी खास बातें जिसने भारत को ये महान उपाधि दिलवाई |
सोने की चिड़िया क्यूँ पड़ा नाम
पद्मनाभस्वामी मंदिर में मिले छुपे खजाने के बारे में तो सब जानते हैं | इसके इलावा कोहिनूर , मोर सिंघासन और ताजमहल में जड़े हीरे पन्नों की वजह से भारत के पास मोजूद उस वक़्त की धन संपदा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है |
सभी लोग जानते हैं की प्राचीन काल से ही भारत एक कृषिप्रधान देश के रूप में जाना जाता था | सच ये है की उस समय भारत में खेती का बहुत अहम् योगदान था और फसल भी इतनी घनिष्ठ उत्पन्न होती थी की भारत के किसान को पूरे साल किसी कमी का सामना नहीं करना पड़ता था |इसके इलावा भारत में खनिज की भी पुख्ता खदानें मोजूद थी जिस वजह से हथियार , सिक्के आदि बनाने में अति सहयोग मिलता था |
17 शताब्दी में भारत कपड़ा, मसाले, मोती, चीनी और लोहे के हथियार का एक बड़ा निर्यातक था | इस व्यापार के चलते भारत में धन की लगातार आवाजाही रहती थी | उस समय भी व्यापार के लिए समितियों का गठन किया गया था जो इस बात का ध्यान रखती थीं की कोई भी धंदे में गलत तरीकों का इस्तेमाल न कर सके |
अब आप जानना चाहेंगे की वो कौनसा साम्राज्य था जिसमें भारत ने उन्नति के शिखर को छुआ | तो इसका जवाब है गुप्ता साम्राज्य | आगे में आपको विवरण दूँगी कुछ ऐसी किताबों का जो आपको इस महान साम्राज्य की विशेषताओं का बखान करेंगी |
लेखक राम चरण शर्मा द्वारा लिखित ये किताब हड़प्पा सभ्यता के विश्लेषण से आगे बढ़ते हुए आपको प्राचीन भारत के सभी साम्राज्यों की एक झलक देगी | यही नहीं ये किताब आपके आई ऐ एस की परीक्षा की तैय्यारी करने के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी | पाठकों के मुताबिक इसमें मोजूद जानकारी आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाएगी और आपको प्राचीन सभ्यताओं के तथ्यों से वाकिफ भी कराएंगी |
दिलीप कुमार लाल की रचना ये किताब आपको चन्द्रगुप्त मौर्या के शासन काल में भारतीय समाज में आये व्यापक बदलावों को दर्शाती है | ये किताब आपको चन्द्रगुप्त मौर्य के बहमूल्य योगदान का अंदाज़ा लगाएगी और साथ ही साथ आप ये भी जान पाएंगे की क्यूँ लोग उन्हें भारत का निर्माता भी कहते हैं |
राजेन्द्र मोहन भटनागर द्वारा लिखी ये किताब उपन्यास के रूप में लिखी गयी है | तो अगर आप उन लोगों में से हैं जो इतिहास को भी कहानी रूप में पढना पसंद करते हैं तो ये किताब आपकी इस ज़रुरत को बेहतरीन रूप से पूर्ण कर पायेगी |
रजनी यादव के कलम से निकली ये किताब बड़े ही सरल ढंग से आपको उस समय में हुए विकास और उसकी प्रक्रिया का एक आवलोकन कराती है | यही नहीं ये किताब आपको मौर्य समाज की सत्यता और अखंडता का अंदाज़ा दिलाती है |
ये सभी किताबें आपको अमेज़न पर बड़ी सहजता से मिल जाएँगी | ये किताबें न सिर्फ आपको इस साम्राज्य की जानकारी देंगे बल्कि इन्हें पढ़कर आपको ये ज्ञात होगा की कैसे भारत एक समृद्द देश बना और इस पद को प्राप्त करने में किस किस का योगदान रहा | साथ ही साथ आपको ये भी मालूम पढ़ेगा की ये देश किस तरह से स्वतंत्र रूप से पूरे विश्व में अपनी प्रतिष्ठा बनाये हुआ था | ये तो तय है इन किताबों को पढ़कर आपको निश्चित रूप से ये गर्व होगा की आपने भारत देश में जन्म लिया है |
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Bharat ka naam sone ki chidiya kyu pada
Bharat ka naam sone ki chidiya kyu pada
Actual me bharat ko " sone ki chudiyan" es liye khte the kyon ki sona sbse jyada ensan ke liye swachh dhatu hoti hai, hmare desh me yog aur ayurved ki vjh se log bhot swasth hote the aur chidiya ka mtlb ye h ki chidiya sabse swasth prani mani jati h...chidiya ko kbhi jldi bimar hote nhi dekha jata h... Esliye sone ki chidiya khte hai.....
Yadvaji, waah! Aapne bahut hi behtarin tarike se is vishay ko approach kiya hai. Is vishay ko dekhne ka yeh ek bilkul fresh aur interesting angle hai!
V nice