ॐ- कहा जाता है कि जब ब्रह्मांड में कुछ भी नही था, अर्थात किसी भी जीवन के पहले यह जो ध्वनि मौजूद थी, वो है ॐ और आगे भी कब कुछ नही बचेगा, तब भी यह ध्वनि निरंतर सुनाई देगी क्योंकि इस शब्द का आरंभ तो है लेकिन अंत नही। ॐ अनंत है। इस जीवन के जो रचियता हैं, उसका समावेश जिस एक शब्द या मंत्र में है वह है ॐ ।
यह संसार से जुड़ा है। किसी एक धर्म से नहीं। तभी तो केवल हिन्दू धर्म मे ही नहीं, सिख, जैन और बौद्ध धर्म मे इसे पारंपरिक तरीके से इस्तेमाल किया जाता रहा है। किसी भी हवन में कोई में मंत्र के शुरुवात में उच्चारण करने वाला शब्द है ॐ। आज का यह लेख इस एक शब्दिय सबसे शक्तिशाली मंत्र को लेकर है जो आपको इसकी शक्ति के बारे में गहराई से बताएगा ।
ॐ मंत्र के उच्चारण से केवल आत्मिक शांति नही मिलती अपितु इसके चिकित्सीय, मनोवैज्ञानिक और अन्य कई लाभ हैं।
खूबसूरत और चमकता चेहरा पाने की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन चेहरे…
मेथी एक ऐसी चीज़ है जो दिखने में छोटी होती है पर इसके हज़ारों फायदे…
यूं तो नवरत्न अकबर के दरबार में मौजूद उन लोगों का समूह था, जो अकबर…
वैसे तो गहरे और चटकदार रंग के कपडे किसी भी मौसम में बढ़िया ही लगते…
डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जो आपके बालों को तो कमज़ोर बनाती ही है, साथ…
हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। यदि इसकी सही तरह से देखभाल नहीं की…