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जुलरी से होने वाली एलर्जी के कारण और इस एलर्जी से बचने के कुछ उपाय

आभूषण महिलाओं के सबसे अच्‍छे मित्र माने जाते हैं। भारतीय परंपरा में गहनों का विशेष महत्‍व है, फिर चाहे वो गले में हार या मंगलसूत्र, कानों में बाली या हाथों में चूडि़यां हो। लेकिन महिलाओं को आभूषण पहनने से एलर्जी की शिकायत भी हो जाती है। इसके लक्षण, त्‍वचा पर रैशेज, सूजन, खुजली व दर्द हो सकते हैं।

ओरिजनल व आर्टिफिशियल ज्‍वेलरी से होने वाली एलर्जी मुख्‍य रूप से निकल (nickel) नामक धातु के कारण होती है। कई महिलाओं को गोल्‍ड व सिल्‍वर से भी एलर्जी होती है। एलर्जी किसी को भी व किसी भी उम्र में हो सकती है। प्‍योर गोल्‍ड व सिल्‍वर धातु बहुत सॉफ्ट होते हैं, जिस कारण इन्‍हें गहनों की आकृति में ढालना मुश्किल होता है। इसलिए इनमें निकल, जिंक व कॉपर को मिलाया जाता है ताकि यह थोड़ा कठोर हो जाए और हम मन चाहा आकार पा सकें। जिंक व कॉपर तो हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन हमारी त्‍वचा निकल के प्रति काफी संवेदनशील होती है। इसलिए एलर्जी आभूषणों से नहीं, बल्कि इनमें मौजूद निकल धातु से होती है।

100% शुद्ध सोने की जुलरी असल में होती ही नहीं है। आप चाहे कितने भी केरेट सोने से बने आभूषण पहन लें, काफी हाई चांस है की उस गोल्‍ड में निकल की कुछ न कुछ मात्रा होगी। जितने कम कैरेट का गोल्‍ड होगा, उसमें निकल की मात्रा उतनी ही ज़्यादा होती है, इसलिए हमेशा अधिक कैरेट की गोल्‍ड ज्‍वेलरी ही पहनना चाहिये। इसी प्रकार सिल्‍वर को भी कठोरता और स्थायित्व प्रदान करने के लिए निकल व कॉपर मिलाया जाता है। आर्टिफिशियल ज्‍वेलरी में लेड मिलाया जाता है, जो और भी ज़्यादा हानिकारक होता है।

एलर्जी का एक और कारण पसीना भी होता है। लंबे समय तक आभूषण पहने रहने से पसीने व गहनों में मौजूद निकेल संपर्क में आते हैं और निकेल सॉल्‍ट का निर्माण होता है। यह सॉल्ट जैसे ही त्‍वचा के संपर्क में आता है, एलर्जी की समस्‍या शुरू हो जाती है।

गहनों की एलर्जी से बचने के कुछ उपाय

  1. नहाते समय या किसी अन्‍य कार्य के दौरान साबुन व पानी के कुछ अंश अगर गहनों, खासतौर पर बाली व अंगूठी में रह जाएं, तो त्‍वचा की सुरक्षा कवच को नुकसान पहुँचता है और स्किन निकल के सीधे संपर्क में आ जाती है। इसलिए शरीर को अच्‍छी तरह से सूखा रखना बहुत ही जरूरी है।
  2. एलर्जी से बचने के लिए ज्‍वेलरी पहनने से पहले टेलकम पाउडर लगा लीजिये ताकि नमी को सोखा जा सकें। ज्‍यादा टाइट ज्‍वेलरी न पहनें; ताकि हवा का प्रवाह सुचारु रहे। समय-समय पर आभूषणों को बदलते रहें तथा इन्‍हें साफ व सूखा रखें।
  3. गहनों के पीछे पारदर्शी नेल पोलिश की कई परतों को लगाकर भी एलर्जी की समस्‍या से बचा जा सकता है। इसके अलावा आभूषणों पर पैलेडियम धातु की कोटिंग कराकर भी त्‍वचा को निकल धातु के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है।

शिखा जैन

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