आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में लोगों की हड्डियां मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द की समस्या तो जैसे आम हो गई है। मनुष्य के शरीर की रचना के लिए जिन पोषक तत्त्वों की जरूरत होती है उनमें कैल्शियम भी एक है। कार्बन हाइड्रोजन और नाइट्रोजन की जरूरत जितनी शरीर को है उतनी ही जरूरत कैल्शियम की भी शरीर को है।
शरीर में सबसे ज्यादा कैल्शियम हड्डियां और दांतों में पाया जाता है और इसकी कुछ मात्रा हमारे खून में भी पाई जाती है।
कैल्शियम से हड्डियां तो मजबूत होती ही है उसके साथ साथ उक्त रक्तचाप, डायबिटीज और कैंसर यह सब खतरों से भी हमारे शरीर का बचाव होता है।
यह नर्वस सिस्टम के जरिए हमारे शरीर की मांसपेशियों को गतिशील बनाने में बहुत अहम भूमिका निभाता है। अगर आपके खून में निश्चित मात्रा में कैल्शियम घुला हुआ है तो इससे आपके शरीर की कोशिकाएं हर पल कार्य करने के लिए सक्रिय रहतीं हैं।
गर्भवती स्त्रियों को कैल्शियम से भरपूर पदार्थ जरूर खाने चाहिए। इसीलिए डॉक्टर गर्भवती स्त्रियों को आयरन और कैल्शियम की टैबलेट्स जरूर देते हैं।
जब बच्चों के दांत निकलते हैं तो उस समय उनको कैल्शियम की बहुत जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें दूध और उस से बनी चीजें उन्हें देनी चाहिए।
30 साल तक हमारे शरीर की सभी हड्डियों का विकास हो जाता है। परंतु ऐसा नहीं है कि इसके बाद हमें कैल्शियम की जरूरत नहीं है। उसके बाद भी हमारे शरीर को कैल्शियम की जरूरत होती है।
40 साल की ऊपर की महिलाओं को मेनोपॉज़ की अवस्था आ जाती है इस उम्र में उन्हें 1500 मिलीग्राम कैल्शियम रोजाना जरूर खाना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में आकर हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिसकी वजह से हमें घुटनों में दर्द, शरीर में दर्द की शिकायत अक्सर बनी रहती है।
कैल्शियम खाने के साथ-साथ हमें नियमित रूप से एक्सरसाइज भी जरूर करना चाहिए। कैल्शियम के स्रोत दूध में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है और उससे बनी हुई चीजों में भी कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है जैसे पनीर, दही, चीज आदि।
एक गिलास दूध में 300 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। सफेद रंग के जितने भी फल और सब्जियां होती हैं उनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है जैसे – केला, नारियल, अमरुद, गोभी, मूली आदि।
हम पूरे दिन में जितना भी कैल्शियम वाला भोजन लेते हैं उसमें से मात्र 30% मेटाबॉलिज़्म से कैल्शियम हमारे शरीर तक पहुंच पाता है और बचा हुआ कैल्शियम उत्सर्जन की प्रक्रिया के समय हमारे शरीर से पसीने के जरिए या मूत्र के जरिए बाहर निकल जाता है।
हमारे शरीर में कैल्शियम को पूरा करने के लिए और उसको पचाने के लिए फॉस्फोरस और विटामिन डी की भी जरूरत होती है। ज्यादातर सभी कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ में फॉस्फोरस पहले से ही मौजूद होता है इसलिए हमें अलग से कोई भी फॉस्फोरस युक्त पदार्थ को खाने की जरूरत नहीं पड़ती है। परंतु हड्डियों को और मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी के खाद्य पदार्थ की जरूरत हमें होती है।
विटामिन डी की प्राप्ति हमें ज्यादा से ज्यादा सूरज की रोशनी से मिलती है और रोजाना के दिनचर्या में संतुलित भोजन और पौष्टिक भोजन की पर्याप्त मात्रा में खाने से हमें कैल्शियम भी मिलता है।
कोशिश करें कि अगर आपको कैल्शियम की कमी है तो वह नैचुरल तरीके से पूरी हो। हालांकि कई लोग इस कमी को कैल्शियम टैबलेट्स के ज़रिये पूरा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इसके दुष्प्रभाव आपको बाद में देखने को मिल सकतें हैं।
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Sir, meri umra 19 sal hai but mere shareer ka pura Vikash nhi hua mujhe shareer kamjori hai.
Thodi si bat par mera dil jor se dhadkane lagta hai.
Sir mai kya Kru plz help me
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