…और बताओ कब करने जा रही हो शादी? 20 साल की होते ही सवालों की फायरिंग का यह ओपनिंग शॉट ज्यादातर यंग लड़कियों ने जरूर झेला होगा।
इसका दूसरा कॉम्प्लीमेंट्री सवाल है- लव मैरिज या अरेंज्ड? यह सवाल पूछनेवाला इसका जवाब इतना आसान समझता है मानो बस इतना भर पूछा हो कि चाय पिओगे या कॉफी?
पढ़ाई, करियर और फिर सेविंग्स के बैलेंस शीट पर अपने वॉर्डरोब और शादी के लहंगे से ज्यादा फोकस करनेवाली आज की प्रोग्रेसिव और मॉर्डन करियर ओरिएंटेड वुमन के लिए लव मैरिज अब आजादी का उदाहरण नहीं रह गया है। उन्हें अपनी शादी में अब सम्मान और स्पेस की जरूरत है। फिर चाहे वह उन्हें लव मैरिज में मिले या अरेंज्ड में।
वैसे करियर से लेकर इंवेस्टमेंट तक का अपना हर फैसला खुद लेने वाली लड़कियां भी शादी जैसे फैसलों के लिए पैरेंट्स और रेलेटिव्स को ज्यादा डिपेंडेबल मानती हैं। या यूं कहें कि शादी जिसे ब्लाइंड गेम कहा जाता है, उसमें बाजी लगाने से बेहतर लड़कियां उसकी जिम्मेदारी अपने पेरेंट्स पर डालने में ज्यादा कम्फर्टेबल हैं।
वैसे भी शादी के बाद नए रिश्तों और नए परिवार को हैंडल करते वक्त लड़कियों को मॉरल सपोर्ट की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में अगर उनके मम्मी पापा उनके साथ होते हैं तो चीजें काफी आसान हो जाती हैं। वरना अपनी पसंद के लड़के की फैमिली के साथ एडजेस्ट करते हुए भी उतनी ही मुश्किलें आती हैं जितनी अरेंज्ड मैरिज वाले में।
और लव मैरिज वाले में अगर परेशानी की पोटली आप अपने पेरेंट्स से शेयर करते हो तो जवाब मिलता है, “तुम्हारी ही पसंद है, अब भुगतो”।
देश में आज भी लगभग 74% लोग अरेंज्ड मैरिज करते हैं। हमारे देश में आज भी शादी को एक परमनेंट इंस्टीट्यूशन माना जाता है। परंपरा की बात करें तो शादी के लिए लड़के के साथ ही उसका परिवार भी निर्णय लेने से पहले काफी अहम होता है।
ऐसे में जब चुनने की बात आए तो लव से ज्यादा अरेंज्ड बेहतर ऑपशन होता है। इसमें मैट्रिमोनियल साइट्स बहुत ही मददगार साबित हो रही हैं या यूं कहें कि अरेंज्ड मैरिज का सबसे स्ट्रांग टूल यही साइट्स हैं। फिर आजकल के जमाने में तो लव के लिए भी एप और सोशल साइट्स की मदद ली जा रही है।
इन तीन उदाहरणों के जरिए पता चलता है कि क्यों लड़कियां आज लव से ज्यादा अरेंज्ड मैरिज को पसंद कर रही हैं।
1) सोनल के पाापा आर्मी में ऑफिसर हैं। उसके सभी कजिन्स की शादी आर्मड फोर्सेस से जुड़े परिवारों में ही हुई है। उसके लिए किसी और परिवार के साथ मैनेज करना नामुमकिन था।
यही वजह थी कि उसने अपने लिए लड़का चुनने की जिम्मेदारी अपने पापा को दी। पापा के ही एक कोर्समेट के बेटे से अगले महीने सोनल की शादी है। और दोनों परिवारों के साथ ही सोनल और उसके फियांसे की कंपेटेबिलिटी को लेकर अभी तक कोई दिक्कत नहीं आई है।
2) कृतिका का कॉलेज भी खत्म नहीं हो पाया था कि उसने अपने ही साथ काम करने वाले एक लड़के से शादी का फैसला किया। अलग कल्चर, स्टेटस और उम्र में काफी ज्यादा अंतर होने के चलते उसके माता पिता इस शादी के लिए कभी तैयार नहीं थे।
बेटी की जिद के आगे शादी तो कर दी लेकिन 1.5 साल में ही कृतिका वापस घर लौट आई। कृतिका की छोटी बहन अवंतिका अब फैसला कर चुकी है कि अपना दिमाग या दिल लगाने से बेहतर है वह अपने पेरेंट्स की पसंद और फैसले पर भरोसा करे।
3) अजीता तीन साल की थी जब उसके मम्मी पापा का तलाक हो गया था। उनकी अरेंज्ड मैरिज थी। उसके बाद अजीता ने कभी अपने पिता को नहीं देखा।
वो अपनी मम्मी के साथ नाना-नानी के घर रहने चली आई। सिंगल पेरेंट बतौर मम्मी ने अजीता को काफी अच्छे ढंग से पाला। इसके अलावा नाना-नानी और मामा-मामी के बीच उसने कभी अपने पिता को याद नहीं किया।
यही नहीं, उनके सपोर्ट के चलते अजीता की मम्मी ने अपने करियर पर दोबारा ध्यान देना शुरू किया और आज वह शहर की जानीमानी बुटिक ओनर हैं। अजीता फैसला कर चुकी है कि उसकी शादी का फैसला मम्मी और नानी ही करेंगी। वह कहती है उसके लिए अपनों का साथ सबसे ज्यादा जरूरी है।
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