आज हम बात करने वाले हैं एक अद्वितीय महाग्रंथ महाभारत के बारे में, जो विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है। यह बात तो जग जाहिर है कि महाभारत की रचना महर्षि वेद व्यास ने की थी लेकिन इसके लेखक के संबंध में एक विषेश कहानी भी प्रचलित है।
जब महर्षि वेदव्यास महाभारत की रचना करने की तैयारी में थे, तब उन्हें एक ऐसे लेखक की तलाश थी जो उनकी सोचने की गति के साथ ताल मिला कर उसी गति से लिख सके। इसके साथ ही उनकी यह भी शर्त थी कि जो भी व्यक्ति लिख रहा होगा वह बीच में आराम नहीं कर सकता है, क्योंकि इससे उनकी लय टूट जाएगी और वे भूल जाएंगे कि उन्हें क्या लिखवाना है। ऐसे प्रतिभावान लेखक की महर्षि वेदव्यास ने बहुत तलाश की। उन्होंने अनेक स्थानों में पता लगाया लेकिन ऐसे किसी भी व्यक्ति का पता नहीं चल सका जो महर्षि द्वारा तय किए गए मानकों पर खड़ा उतर सके।
अंततः वेदव्यास थक हार कर भगवान शिव के पास पहंचे और अपनी समस्या बताई। उनकी पूरी बात सुनने के बाद भगवान शिव ने उन्हें अपने पुत्र श्री गणेश को इस कार्य का योग्य बताया और उन्हें साथ ले जाने का आग्रह किया। वेदव्यास ने अपनी शर्तों का उल्लेख पुनः गणेश जी के सामने किया। गणेश जी ने उनकी शर्तों का मान लिया और इस प्रकार से महाभारत की रचना पूर्ण हुई।
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महाभारत का अन्य भाषाओँ में अनुवाद
महाभारत एक बहुत ही प्राचीन ग्रंथ है, जिसका अनेक लेखकों ने अनेक भाषाओँ में अनुवाद किया है। महाभारत के कुछ महत्वपूर्ण अनुवादों के बारे में हम आपको बताते हैं। इसका अनुवाद अकबर के आदेश पर फैजी के द्वारा रज्मनामा के नाम से किया गया था। यह अनुवाद फ़ारसी भाषा में था। किसरी मोहन गांगुली ने इसका पहला अंग्रेजी अनुवाद किया है।
भारतीय अर्थशास्त्री विवेक देवराय ने भी इसका अनुवाद 10 भागों में करना शुरू किया है। देवदत्त पटनायक और अंकुर मित्तल ने महाभारत का हिंदी में सचित्र पुनर्कथन किया है। बच्चों के लिए यह एक बेहतरीन उपहार हो सकता है।
वेद व्यास
यह तो अधिकतर लोग जानते हैं कि वेद व्यास महाभारत के लेखक हैं, पर वेद व्यास के विषय में यह कुछ अनूठी बातें हैं, जिसका ज्ञान काम लोगों को ही है
१) व्यास महाभारत के केवल लेखक ही नहीं, बल्कि इस ग्रन्थ के एक महत्वपूर्ण पात्र भी हैं। धृतराष्टृ, पाण्डु और विधुर व्यास के ही पुत्र हैं, यानी कि वेद व्यास खुद कौरवों और पांडवों के दादाजी थे!
२) व्यास को सात चिरंजीवियों में से एक माना जाता है – यानी वो जो अजर-अमर हैं। क्या आप अन्य छः चिरंजीवियों के नाम जानते हैं?
Aditya yadav
Bahut achhiibaat likhii
Dhaneshwar koliyara
Wow..nice