हम भारतियों के लिए सोना हमेशा से ही एक बहुमूल्य धातु से बढ़कर रहा है। आभूषणों की बात हो या निवेश के लिए, सोना हमेशा से ही हमारी पहली पसंद में शामिल है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि जो सोना आप खरीद रहे हैं क्या वह शुद्ध है, या फिर जितना दाम आप दे रहे हैं क्या उतना ही सोना आपको मिल रहा है। कहीं आपसे सोने की कीमत ज्यादा तो नही वसूली जा रही है, क्योंकि प्रतिदिन सोने का एक नया भाव होता है। और यह ऐसा बाजार है जहाँ हम भाव कम भी नही करवाते।
यहाँ पर हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जिससे आप जब अगली बार सोना खरीदने जाएँगे तो किसी भी प्रकार की ठगी से बच जाएंगे।
● सोने की शुद्धता: सोने की शुद्धता का प्रमाण मापा जाता है उसके कैरट से। 24 कैरट वाला सोना सबसे ज्यादा शुद्ध अर्थात जिसमे 100 प्रतिशत सोना और कोई भी मिलावट नहीं होती लेकिन यह इतना नरम होता है जिससे कि आभूषण नही बन सकते है। 24 कैरट में केवल सिक्के, बिस्किट और ईट बनाई जाती है। आभूषणों के किए सबसे अच्छा 22 कैरट होता है जिसमे 22 भाग सोने के और 2 भाग किसी अन्य धातु के मिलाए जाते है। इसी प्रकार 18 ओर 14 कैरट सोना भी बाजार में मिलता है।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भी आप सोना खरीदते हैं तो यह अवश्य ध्यान दें कि वह कितने कैरट का है। कहीं आप 24 कैरट के कीमत देकर 22 कैरट वाला सोना तो नही ले रहे? मान लीजिए कि अगर 24 कैरट 1 ग्राम सोने का भाव अगर ₹ 3,564 है, तो 22 कैरट 1 ग्राम सोने का भाव होगा 3,564 × 22/24 = ₹ 3,267।
अगर आपको सोने की शुद्धता की जांच करनी है तो आप उस पर लगे उसे बी.आई.एस मार्क से चेक कर उसका फाइननेस नंबर (fineness number) देखे। यह रहे सोने के विभिन्न कैरट के फाइननेस नंबर।
22KT – 22K916
18KT – 18K750
14KT – 14K585
● दूसरा सबसे बड़ा ध्यान देने वाला विषय यह है कि आभूषणों में जो भी स्टोन लगाया जाता है उसकी शुद्धता का प्रमाण आपको नहीं दिया जाता, न ही उसके वजन को आपके आभूषण( सोने) से कम किया जाता है। इसका मतलब यह है कि साधारण दिखने वाले से स्टोन को भी सोने की कीमत में गिना जा रहा है। और जब आप ऐसे आभूषण बेचने जाते है तब यह स्टोन का वजन कम करके आपको कीमत दी जाती है। अगली बार जब आप ऐसे स्टोन जड़ित आभूषण ख़रीदें तो यह ध्यान दें कि वह स्टोन कितने कैरट का है, यहाँ कैरट स्टोन की शुद्धता को पहचानने के लिए नही बल्कि उसके वजन के लिए इस्तेमाल किया गया है। स्टोन को हमेशा कैरट में मापा जाता है और सोने की शुद्धता का मापदंड कैरट है इसलिए दोनों चीजे अलग है।
● बनवाई या मैकिंग चार्ज के लिए कोइ भी मापदंड तय नही किया गया है और इसलिए आपको हर ज्वेलर्स के पास इसका अलग अलग चार्ज मिलेगा। इस जरिये ज्वैलर्स अपने मन मुताबिक आपसे पैसा लेते है। इसलिए जब भी आप कोई सोने का आभूषण खरीदते है तो उस पर प्राइस टैग नही बल्कि एक प्रोडक्ट नंबर होता है और उसको फिर ग्राहक के पसंद आने के बाद उसकी कीमत बताई जाती है। अब सोना खरीदते समय ज्यादातर लोग मोल भाव नही करते इसलिए ज्वेलर्स अपने मन मर्जी के पैसे ग्राहकों से वसूल लेते है।
● वेस्टेज के नाम पर भी 5 से 7 प्रतिशत का चार्ज लगया जाता है जबकि कोई भी गहना बनाने के समय किसी प्रकार का वेस्टेज नही होता है। उस सोने को भी पिघलाकर दूसरे आभूषण बनाये जाते है।
● आभूषणों की पोलिश या उनकी सफ़ाई के लिए कुछ ज्वेलर्स कोई चार्ज नही लेते है, हमे लगता है कि यह सर्विस हमे फ्री मिल रही है लेकिन इस सर्विस के जरिए हमारे सोने के वजन में कमी आ जाती है। क्योंकि जिससे वह आभूषणों की सफाई करते है वह एक एसिड जिसे एक्वा रिगा कहते है उसमें आभूषणों को डाला जाता है जिसके जरिये सोने के कुछ अनुकण उस एसिड में मिल जाते है। यक़ीन न हो तो सफाई के पहले ओर बाद में आभूषण का वजन करवा कर आप खुद जांच सकते है।
● गोल्ड कॉइन या बिसकिट् अगर आप बैंक से खरीद कर किसी ज्वैलर्स के पास बेचते है तो 24 कैरट शुद्धता होने के बावजूद भी आपको उसका पूरा मूल्य नही मिलेगा। क्योंकि कहीं और से खरीदे हुए सोने के लिए हमेशा ही ज्वेलर्स ऐसा करते है। अगर आप उन्ही से खरीद कर उन्हें बेचे तो शायद आपको आपके सोने का सही दाम मिले।
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