हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट…नाम सुनकर आप सोच रहे होंगे कि आपने तो अभी तक स्किन के लिए बोटॉक्स सुना था, ये बालों के लिए बोटॉक्स आखिर है क्या? स्किन के लिए बोटोक्स यानी बोटुलिनम टॉक्सिन उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्याएं जैसे झुर्रियां, त्वचा में कसावट कम होना, महीन रेखाएं दिखाई देना आदि को कम करने पर फोकस करता है, वहीं बोटोक्स हेयर ट्रीटमेंट बहुत अलग है। बालों के लिए बोटोक्स में वास्तव में बोटुलिनम टॉक्सिन कम्पाउंड नहीं होता है और यह एक इंजेक्टेबल प्रोसिज़र नहीं है।
इसकी बजाय यह केवल डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट के लिए “बोटॉक्स” नाम का इस्तेमाल करता है। क्या आपको हेयर बोटोक्स को लेकर कंफ्यूज़न हैं? आइए इस ट्रेंडी हेयर ट्रीटमेंट के बारे में सबकुछ जानें।
हेयर बोटॉक्स एक कॉस्मेटिक, एंटी-एजिंग हेयर ट्रीटमेंट है जो डैमेज बालों को ठीक कर सकता है और इसे स्मूथ, सॉफ्ट और फ्रिज़-फ्री बालों में बदल सकता है। यह डीप-कंडीशनिंग की प्रक्रिया के साथ डिहाइड्रेशन, फ्रिज़ीनेस और स्प्लिट-एंड्स जैसी समस्याओं का ट्रीटमेंट करता है। हेयर बोटॉक्स पहले से डैमेज बालों को हेल्दी बनाता है, जिससे आपके बाल शाइनी बनते हैं।
केराटिन और अन्य हेयर ट्रीटमेंट के विपरीत, इस प्रक्रिया में आपके बालों को ऐसे प्रोडक्ट्स से कोट किया जाता है, जिनमें कम केमिकल होते हैं और आपके डैमेज बालों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हालांकि इस प्रक्रिया में स्ट्रेटनिंग हो सकती हैं, लेकिन यह उतना स्ट्रेट नहीं होगा जितना कि दूसरे स्ट्रेटनिंग हेयर ट्रीटमेंट्स में होता हैं। यह निश्चित रूप से आपके बालों को डीप कंडीशनिंग के साथ रिपेयर करने में मदद करता है।
हर कोई अपने बालों को स्मूथ और हेल्दी देखना पसंद करता है। हालांकि अगर आप बालों की इन समस्याओं से परेशान हैं तो आप इस ट्रीटमेंट को ले सकते हैं। ड्राई और डैमेज हेयर, फ्रिज़ी हेयर, कलर्ड, हाइलाइटेड या ब्लीच्ड हेयर, कर्लड या स्टाइल्ड हेयर, स्प्लिट एंड्स, कम वॉल्यूम वाले हेयर, डिहाइड्रेटेड हेयर, डल दिखने वाले हेयर के लिए यह ट्रीटमेंट सही है।
बोटॉक्स ट्रीटमेंट बालों को प्रोटीन और विटामिन बी 5, विटामिन ई, आर्गन ऑयल, नारियल तेल, कोलेजन कॉम्प्लेक्स, ग्लाइऑक्सिलिक एसिड और अमीनो एसिड जैसे सक्रिय तत्वों से भर देता है। स्किन के बोटॉक्स ट्रीटमेंट के विपरीत, हेयर बोटॉक्स बालों में टॉक्सिन बोटुलिनम को इंजेक्ट नहीं करता है। इसके बजाय, बालों पर एक प्रोटीन युक्त कंडीशनिंग एजेंट लगाया जाता है।
ट्रीटमेंट की शुरूआत बालों को क्लैरिफाइंग शैम्पू से धोने और बालों के क्यूटिकल्स को खोलने से शुरू होती है। इसके बाद बोटॉक्स क्रीम को बालों में जड़ से सिरे तक लगाया जाता है और मसाज की जाती है। बालों को लगभग 30 मिनट से 90 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। फिर इसे ब्लो-ड्राय किया जाता है और स्ट्रेट किया जाता है। इसके साथ स्मूथ, स्ट्रेट और फ्रिज़-फ्री बाल मिलते हैं और इसका नतीजा तुरंत दिखाई देने लगता है।
किसी भी हानिकारक केमिकल या टॉक्सिन नहीं होने के कारण हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। सामान्य स्मूदनिंग और स्ट्रेटनिंग क्रीम में फार्मेल्डीहाइड और पैराबेंस होते हैं जिनके ज़्यादा संपर्क में आने से कैंसर हो सकता है। हेयर बोटॉक्स फार्मेल्डीहाइड और पैराबेंस से मुक्त है। हालांकि, प्रोफेशनल्स बोटॉक्स ट्रीटमेंट को साल में तीन या चार बार से ज़्यादा करने की सलाह नहीं देते हैं। इससे बालों का टूटना, बेजान और पतला होना शुरू हो जाएगा। हेयर बोटॉक्स को सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह किसी भी दूसरे हेयर ट्रीटमेंट की तुलना में कम सख्त होता है।
हेयर बोटॉक्स का प्रभाव कितने समय तक रहेगा, यह व्यक्ति पर भी निर्भर करता है। आमतौर पर यह 2 से 4 महीने के बीच रहता है। ट्रीटमेंट बाद में फिर से किया जाता है। आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो यह ट्रीटमेंट लंबे समय तक टिकेगा। ट्रीटमेंट के 72 घंटे बाद ही बाल धोएं। आप इसके बाद भी जितने कम बाल धोएंगे, उसका प्रभाव उतना ज़्यादा रहेगा। सल्फेट-फ्री और सोडियम क्लोराइड-फ्री शैम्पू इस्तेमाल करें।
हाइड्रोलाइज्ड प्रोटीन, प्लांट एक्स्ट्रैक्ट और नेचुरल सीड ऑयल्स वाला कंडीशनर इस्तेमाल करें। बोटॉक्स हेयर को खारा पानी और क्लोरिन वाला पानी आसानी से डैमेज कर देता है और डल बना देता है। सप्ताह में एक बार डीप कंडीशनिंग हेयर मास्क लगाना फायदेमंद साबित होगा।
बिगड़े मौसम में बाहर निकलते समय अपने बालों को सिल्क स्कार्फ से कवर कर लें। रात को सोते समय अपने बालों की ऐसी हेयर स्टाइल रखें ताकि जड़ों और स्ट्रैंड के बीच घर्षण को कम किया जा सके।
आपको यह देखना होगा कि आपके रोज़ाना के रूटीन में आपके बालों को और कोई नुकसान न हो। यह ट्रीटमेंट सभी के लिए एक जैसे नतीजे का वादा नहीं करते हैं। बालों के प्रकार के आधार पर, लोग अपने बालों पर अलग-अलग नतीजे देखते हैं।
बोटोक्स ट्रीटमेंट के ठीक बाद अपने बालों को डाई करने की सलाह नहीं दी जाती है। अपने बालों को डाई करने से पहले कम से कम दो सप्ताह का इंतज़ार करें। परमानेंट डाई में मौजूद केमिकल बालों के क्यूटिकल्स को परेशान कर सकते हैं और बोटॉक्स ट्रीटमेंट के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
केराटिन ट्रीटमेंट और हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट में यूँ तो कई समानताएं हो सकती हैं, लेकिन इसमें खास फर्क भी है। केराटिन ट्रीटमेंट केमिकल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करता है जिसमें अक्सर फार्मेल्डीहाइड होता है। फार्मेल्डीहाइड का इस्तेमाल आपके बालों के स्ट्रैंड्स को एक स्ट्रेट पोजिशन में “लॉक” करने के लिए किया जाता है ताकि उन्हें स्मूथ रखने में मदद मिल सके।
हेयर बोटॉक्स की कीमत 11000-23000 रुपये के बीच हो सकती है, केराटिन ट्रीटमेंट बहुत सस्ता है। केराटिन ट्रीटमेंट की कीमत 4000-8000 हो सकती है, लेकिन इसमें बालों के बोटॉक्स ट्रीटमेंट की तुलना में केमिकल्स ज़्यादा शामिल होते हैं।
तो चलिए, अगर बेजान, रूखे बालों में जान डालने की सोच रहे हैं, तो हेयर बोटॉक्स के बारे में एक बार सोच सकते हैं। आप स्ट्रेटनिंग इफेक्ट पाने के लिए इस ट्रीटमेंट के लिए आगे बढ़ सकते हैं। यदि आप स्मूथ, सिल्की और खूबसूरत बाल पाना चाहते हैं, लेकिन बोटॉक्स और केराटिन जैसे अन्य हेयर ट्रीटमेंट के बीच चयन नहीं कर पा रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपको सही फैसला लेने में भी मदद करेगा।
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