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वाटर बर्थ डिलीवरी -क्या और कैसी होती है ?

मातृत्व के सुख को परमसुख माना गया है। पर इस सुख की अनुभूति के लिए एक महिला को कई कष्टों से गुजरना पड़ता है। प्रसव पीड़ा सहना आसान नहीं होता। कई लोग प्रसव पीड़ा से बचने के लिए सिजेरियन डिलीवरी करवा लेते है, जिसके दुष्परिणाम उन्हें सारी उम्र झेलने पड़ते हैं। इस पीड़ा से बचने के लिए मेडिकल साइंस में एक नयी तकनीक से प्रसव करवाया जा रहा है। आइये विस्तार से जानते है इस तकनीक के बारे में :

वाटर बर्थ डिलीवरी प्रसव करवाने का एक प्रकार है, जैसे सिजेरियन या नार्मल डिलीवरी में होता है। यह भी कहा जा सकता है, कि वाटर बर्थ डिलीवरी नार्मल डिलीवरी का ही एक आधुनिक प्रकार है, जिसके जरिये प्रसव के दौरान होने वाली पीड़ा को कम किया जा सकता है। कहते हैं, कि एक प्रसव के दौरान उतना दर्द होता है, जितना की हमारे शरीर की सारी हड्डिया एक साथ टूटने पर होगा।

इसलिए यह तकनीक को अपना गया है, कि प्रसव के समय माँ को पीड़ा कम हो। एक अध्यन में यह पाया गया है, कि वाटर बर्थ डिलीवरी में नार्मल डिलीवरी से ४० % कम पीड़ा होती है। इसी के साथ साथ माँ और शिशु दोनों को ही इन्फेक्शन होने का ख़तरा बहुत कम हो जाता है।

इससे जो योनि में खिचाव या टारिंग होती है, वो भी कम हो जाती है , क्योंकि गरम पानी के संपर्क में आने से टिश्यू बहुत सॉफ्ट हो जाते हैं। वाटर बर्थ डिलीवरी के समय महिला गरम पानी में रहती है, जिसकी वजह से शरीर में तनाव भी कम हो जाता है।

वाटर बर्थ डेलिवरी का अर्थ यह है, कि प्रसव के दौरन माँ के शरीर को गर्म पानी के एक टब में रखा जाता है और शिशु का जन्म भी उसी गर्म पानी में होता है।

इस प्रक्रिया के लिए एक गुनगुने पानी का बर्थिंग पूल बनाया जाता है। और इस पुरे पूल का तापमान एक जैसा रखने के लिए इसमें कई उपकरण भी लगे रहते हैं। जैसे कि इन्फेक्शन को रोकने के लिए , वाटर प्रूफ उपकरण इत्यादि। बर्थिंग पूल की क्षमता लगभग ४०० लीटर होती है।

यह पूल तकरीबन ढाई से तीन फ़ीट का हो सकता है। यह महिला के शरीर के अनुसार एडजस्ट हो सकता है। प्रसव पीड़ा शुरू होने के तीन से चार घण्टे के बाद महिला को इसमें ले जाया जाता है।

शिशु का जन्म भी पानी के भीतर होता है।

गरम पानी के भीतर होने के कारण माँ के शरीर में एंड्रोफिन हार्मोन रिलीज़ ज़्यादा मात्रा में होता है। जिसके कारण पीड़ा बहुत कम हो जाती है। जिससे एनेस्थीशिया और अन्य पेन किलर देने की ज़रूरत लगभग आधी हो जाती है।

इतना ही नहीं गर्म पानी के कारण एंग्जायटी भी नहीं होती और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है।वाटर बर्थ के लिए माँ का फिट होना भी अत्यंत आवश्यक है। अगर महिला पूरी तरह से स्वस्थ है, तो किसी भी महिला विशेषज्ञ द्वारा वाटर बर्थ डिलीवरी करवाई जा सकती है।

Jasvinder Kaur Reen

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