स्वास्थ्य

हाथ धोते समय क्या करें, क्या न करें

कोविड -19 यानी कोरोना वायरस से आज पूरा संसार परिचित है। यह दुनिया के तमाम देशों में पहुँच चुका है। हमारा देश भी इसकी गिरफ्त में आ चुका है। यह वायरस संक्रमण के जरिए यानी इससे पीड़ित रोगी के संपर्क में आने से बहुत तेजी से फैलता है। इस वायरस से बचने का सबसे आसान और सबसे अच्छा तरीका है अपने हाथों को पर्याप्त समय तक अच्छी तरह से रगड़कर धोना। हैरानी की बात यह है कि ज़्यादातर लोग ऐसा नहीं करते। तो आइए जानें हाथों को धोने के सही तरीके पर एक्सपर्ट की राय।

विश्वभर के पब्लिक हेल्थ से जुड़े अधिकारी लोगों से सही ढंग से हाथ धोने की विनती कर रहे हैं। इस वायरस को फैलने से रोकने का सबसे कारगर इलाज यही है।

वहीं बीते दशकों में किए गए शोध से एक सच्चाई पता चलती है: वास्तव में लोगों को अपनी साफ़ – सफाई से संबंधित एक या दो ज़रूरी बातें सीखने की आवश्यकता है।

बहुत से लोग हाथ धोने की उपयुक्त तकनीक के बारे में नहीं जानते। वे या तो हाथ धोने में बहुत जल्दबाजी करते हैं या फिर हाथ धोते ही नहीं हैं।

रोग नियंत्रण तथा रोकथाम केद्रों के अनुसार सही ढंग से हाथ धोने मतलब है कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन और पानी से हाथों को रगड़कर धोना।

वर्ष 2013 में जर्नल ऑफ एन्वायरमेंटल हेल्थ में एक शोध प्रकाशित किया गया था जो कि एक कॉलेज के 3,749 छात्रों पर किया गया था। इसके अनुसार अभी तक मात्र 5% लोग ही टॉयलेट का प्रयोग करने के बाद 15 सेकेंड तक हाथ धोते हैं। वहीं 10% लोग तो हाथ धोते ही नहीं हैं।

हाथ कैसे धोने चाहिए

  1. सबसे पहले अपनी हथेलियों को गोल घुमाते हुए रगड़ें।
  2. अब हाथों को पीछे की तरफ से रगड़ें।
  3. इसके बाद उंगलियों को अंदर की तरफ से और नाखूनों को भी रगड़ें।
  4. अंत में उंगलियों को बीच में से रगड़कर साफ़ करें।

सच तो यह है कि हमारे हाथ ही हज़ारों कीटाणुओं का गांव होते हैं। इन्हीं कीटाणुओं में बैक्टीरिया और वायरस शामिल होते हैं। कोविड -19 जैसी संक्रामक बीमारी को फैलाने में दोस्तों से हाथ मिलाने की बड़ी भूमिका है। साथ ही खांसी और छींक के छीटें भी इस बीमारी के कीटाणुओं को फैलाने का काम करते हैं। दरवाजों के हैंडल, फोन आदि पर पड़े खांसी या छींक के छीटें भी इस बीमारी को फैलाने का काम करते हैं।

एमेरिटा नर्सिंग रिसर्च, कोलंबिया स्कूल ऑफ नर्सिंग के प्रोफेसर एलेन लार्सन कहते हैं कि हमें इस समय घबराने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। बस हमें अपनी साफ़ – सफाई का ध्यान रखना चाहिए। प्रोफेसर एलेन लार्सन ने हाथ धोने से संबंधित दिशा – निर्देश बनाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद की है।

इस नए वायरस कोरोना का भाग्य वास्तव में आपके हाथों में ही है। इसलिए अब वक्त आ गया है जब विज्ञान जो बता रहा है, उस पर अमल करने का।

साबुन का इस्तेमाल करना

क्या करें- हाथों पर साबुन लगाने से पहले हाथों पर पानी डालिए। अब साबुन लगाकर हाथों को अच्छी तरह से रगड़कर धोने से इन पर जमे कीटाणु आपके हाथों से धुलकर पानी के साथ बह जाएंगे। डॉ लार्सन हाथों में पहनी जूलरी को लेकर चिंतित होने के बजाय उसे भी धोने की सलाह देते हैं।

साबुन एक सरफेकटेंट (आर्द्रक) की तरह काम करता है। साबुन एक ऐसा तत्व होता है जो पानी के साथ प्रयोग किए जाने पर बैक्टीरिया को खत्म करता है। हालांकि कॉलेज के छात्रों पर किए गए अध्ययन के मुताबिक तीन में से दो लोग ही साबुन का इस्तेमाल करते हैं और बाकी अपने हाथों को केवल पानी से धो लेते हैं। डॉ. लार्सन आधी टीस्पून लिक्विड साबुन, तो बड़े हाथों के लिए थोड़े ज्यादा साबुन लेने की सलाह देते हैं। अध्ययन में यह बात स्पष्ट नहीं हुई है कि एंटीबैक्टीरयल तत्वों से युक्त साबुन से स्वास्थ्य से संबंधित लाभ होता है या नहीं या फिर ये साधारण साबुन से अधिक कीटाणुओं को हटाता है या नहीं। लेकिन यह तथ्य सही है कि सभी साबुन कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर सकते हैं जिससे यह वायरस आपको संक्रमित नहीं कर सकता।

क्या न करें?

स्वास्थ्य विशषज्ञों का कहना है कि ज्यादा मात्रा में साबुन का इस्तेमाल करने से त्वचा के प्राकृतिक तेलों को नुकसान पहुंचाता है जिनमें एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। इसलिए उचित मात्रा में ही साबुन लें।

वास्तव में यह कोरोना वायरस SARS-COV-2 एक गोल संरचना वाला कंटीला वायरस एक झिल्ली या लिफ़ाफे के समान होता है, जो रोगजनक अनुवांशिक तत्वों की रक्षा करता है। एक बार साबुन के संपर्क में आते ही यह लिफ़ाफा घुल जाता है और अपने पीछे हानिकारक प्रभाव डालने वाले वायरस छोड़ जाता है।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर जोनाथन अब्राहम का कहना है कि यह लिफ़ाफा एक मशीन है जो मनुष्य की कोशिकाओं में इस वायरस का प्रवेश करा देता है। इसके बिना यह वायरस मनुष्य को संक्रमित नहीं कर सकता।

हाथों के हर भाग को रगड़कर धोना

क्या करें:

अनेक शोधों से यह पता चल चुका है कि आमतौर पर अधिकतर लोग अपने हाथों को केवल छह सेकेंड तक धोते हैं। जबकि जरूरी है कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोना। समय मापने का एक आसान तरीका है – आप हाथ धोते वक्त हेप्पी बर्थडे वाले सॉन्ग को दो बार गुनगुना लीजिये। आप डॉ. लार्सन यह भी कहते हैं कि सिर्फ 20 सेकेंड तक ही हाथ धोना काफ़ी नहीं है बल्कि अच्छी तरह से धोना ज़रूरी है।

हाथों के महत्वपूर्ण भाग हैं उंगलियों का ऊपरी हिस्सा, उंगलियों के बीच का हिस्सा, हाथों का पिछला हिस्सा और नाखूनों का अंदरूनी हिस्सा। इन सब भागों को अच्छी तरह रगड़ना चाहिए। जिन लोगों के नाखून लंबे हैं, उन लोगों को नाखून साफ़ करते वक़्त खास सावधानी बरतनी चाहिए।

क्या न करें:

बहुत दवाब देकर हाथ न धोएं और बहुत जल्दी-जल्दी भी न रगड़ें। इससे त्वचा रूखी – सूखी हो जाती है और इसमें दरारें पड़ जाती हैं। हाथों की ये कटी – फटी त्वचा तथा इसमें आई दरारें कीटाणुओं को जमने की जगह देते हैं। इसीलिए डॉ. लार्सन हाथ धोने के बाद मॉइश्चराइजर लगाने की सलाह देते हैं।

अध्ययन से पता लगा है कि कीटाणुओं को हटाने में पानी का तापमान का कोई असर नहीं होता है। यह बात विशेषज्ञों द्वारा ज़रूर कही गई है कि ठंडा या हल्का गर्म पानी ठीक है लेकिन ज्यादा गर्म पानी त्वचा को नुकसान पहुँचा सकता है।

डॉ. अब्राहम कहते हैं कि साबुन लगाकर बहते हुए साफ़ पानी से रगड़कर हाथ धोते समय यह सुनिश्चित कर लें कि रोग पैदा करने वाले कीटाणु धुल गए हैं या नहीं। हाथों पर अगर थोड़ा साबुन लगा रह गया है तो यह आपके हाथों की नमी छीन सकता है इसलिए इन्हें अच्छी तरह से सूखने दें।

हाथों को पूरी तरह से सुखाना

क्या करें:

अब समय है हाथों को अच्छी तरह से सुखाने का। अगर हाथों को धोने के बाद अच्छी तरह से सुखाया न जाए तो बची हुई यह नमी जिंदा जीवाणुओं को जीवन देने और दूसरों तक फैलाने का मौका देती है। ऑटोमैटिक ब्लोअर और पेपर टॉवेल दोनों का उपयोग हाथ सुखाने के लिए किया जा सकता है।

हमारी सलाह है कि आप दिन में दो बार नल को भी साबुन पानी से अच्छे से धो लें।

क्या न करें:

अभी तक इस बात की पूरी तरीके से पुष्टि नहीं हुई है कि नल के नॉब आदि को छूने से कीटाणु एक – दूसरे में पहुंचते हैं या नहीं। कुछ विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पानी के नल को बंद करने के लिए पेपर टॉवेल का उपयोग करना चाहिए। वहीं कुछ लोग इसे पेपर टॉवेल का बर्बाद होना मानते हैं।

अल्कोहल से युक्त सेनेटाइजर का प्रयोग करना

क्या करें:

अगर आप यात्रा कर रहे हैं तो साबुन और पानी की जगह सेनेटाइजर अच्छा विकल्प है। ये सेनेटाइजर सभी तरह के वायरस जैसे नोरोवायरस को खत्म नहीं कर सकते लेकिन कम से कम 60% अल्कोहल से बने सेनेटाइजर आपके हाथों से कोरोना वायरस को खत्म कर सकते हैं। यहां तक कि साधारण अल्कोहल हाथों पर लगाना भी फ़ायदेमंद होता है लेकिन सेनेटाइजर अल्कोहल और इसमें प्रयुक्त सामग्री कीटाणुओं को मारने के साथ -साथ त्वचा को स्वस्थ रखने और नमी देने का काम भी करता है।

डॉ. लार्सन के अनुसार आधा से एक चम्मच टी स्पून सेनेटाइजर लेकर पूरे हाथों पर ठीक से लगाना चाहिए।

सेनेटाइजर केवल गीला रहने तक ही काम करता है, इसलिए विशेषज्ञ इसको अपने हाथों पर लगाने के लिए पेपर टॉवेल का इस्तेमाल करने के लिए किया जाता है। इस उत्पाद यानी सेनेटाइजर को अपना काम करने के लिए कम से कम 10 सेकेंड दीजिए। इसके बाद अपने हाथों को अच्छी एक साथ रगड़कर अच्छी तरह सुखा लीजिए।

क्या न करें:

आधे से एक टी स्पून सेनेटाइजर से कम न लगाएं। इसे लगाते समय बहुत जल्दबाजी न करें।

तो आप भी इन बातों पर अमल कीजिए और इस जानलेवा वायरस कोरोना से अपना और अपने चाहने वालों को सुरक्षित रखिए।

Kusum Lata

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