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व्रत में कुट्टू का आटा क्यों प्रयोग में लिया जाता है?

व्रत का हमारे भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में ख़ास महत्व है। नवरात्र हो, जन्माष्टमी हो, शिवरात्रि हो या अन्य कोई धार्मिक दिवस हर दिन व्रत रखा जाता है। व्रत में अनाज की जगह कूटू  के आटे को खाया जाता है, इसके पीछे भी ख़ास कारण है। जानिए, व्रत में कूटू का आटा क्यों प्रयोग में लिया जाता है?

क्या है कूटू का आटा 

कूटू एक तरह का पौधा है, जिसके फूल में मौजूद बीज को पीस कर आटा बनाया जाता है। यह एक प्रकार का घास है, जिसका वनस्पति नाम फागोपिरम एस्‍कुलेंटम है। व्रत में अनाज ग्रहण नहीं किया जाता, इसीलिए कूटू के आटे को खाया जाता है, क्योंकि यह न तो अनाज है और न ही पौधे से बनता है, बल्कि इसे फूल के बीज से निकाला जाता है या कहा जाये तो इसे एक फल से बनाया जाता है। कूटू के पौधे को बकव्हीट भी कहा जाता है, और यह समान्यतया जंगलों में ही पाया जाता है।

क्यों ग्रहण किया जाता है इसे व्रत में 

व्रत में पूरा दिन बिना खाये रहना पड़ता है, ख़ास कर अनाज नहीं खाया जाता है। ऐसा माना जाता है, कि व्रत वाले पूरे दिन अनाज न ग्रहण करने से व्रत रखने वाले का तन,मन और आत्मा शुद्ध होती है, इसके साथ ही भगवान् का आशीर्वाद व स्नेह भी प्राप्त होता है। व्रत में अनाज की जगह कूटू के आटा का सेवन एक बेहतरीन विकल्प है। खाने में भी इसका स्वाद सामान्य अनाज की तरह ही होता है।

कूटू के आटे के कई लजीज व्यंजन बनाये जा सकते हैं, जैसे पूरियां, पकोड़े व इडली।

कूटू के आटे के स्वास्थ्य लाभ 

1. चिकित्सकों के अनुसार कूटू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है, इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम, जिंक और विटामिन B जैसे तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं।
2. कूटू के आटे में कार्बोहाइड्रेट्स भी भरपूर मात्रा में होता है, जो वजन कम करने में उपयोगी है।

कूटू का आटा गॉलब्लेडर की पथरी होने से भी रोकता है।
3. कूटू के आटे में फायबर की उचित मात्रा होती है, यह मधुमेह को संतुलित रखने में भी सहायक है, और इसके साथ ही कूटू का आटा ब्लड प्रेशर को भी संतुलित रखता है।

कूटू के आटे का सेवन करते समय बरते सावधानी 

कूटू के आटा बहुत जल्दी ख़राब हो जाता है, इसलिए इसके आटे को एक महीने से अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। हमेशा ताज़े कूटू के आटे का ही प्रयोग करें। बासी आटे में बैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे माइक्रोटाक्सिन बनता है, जिससे शरीर को बहुत हानि पहुँचती है। खराब आटे को खाने से कमज़ोरी आ सकती है, साथ ही फ़ूड पोइज़िनिंग भी हो सकती है। कूटू में आसानी से मिलावट की जा सकती है, इसलिए इसे खरीदते समय सतर्क रहना चाहिए। पिछले साल का बचा हुआ कूटू के आटे का सेवन भी न करें।

Anu Sharma

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