विटामिन ए शरीर के सर्वांगीण विकास में महती भूमिका निभाता है. क्या हैं इसके फायदे-नुक़सान तफ़्सील से बता रहीं हैं ‘चारु देव’.
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम बहुत कुछ करते हैं. खाने-पीने का ध्यान, नियमित व्यायाम और साफ-सुथरी दिनचर्या का पालन करने से बहुत हद तक हम स्वस्थ रह सकते हैं. लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा योगदान और महत्व हमारे खान-पान और उसमें शामिल न्यूट्रिशियस तत्वों का है इनमें विटामिन सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं.
भोजन में किसी प्रकार की अनियमितता से अगर विटामिन्स की कमी हो तो शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं. सम्पूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अलग-अलग विटामिन की जरूरत होती है. शरीर में हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती और आँखों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए विटामिन ए की आवश्यकता होती है.
विटामिन ए का आविष्कार 1931 में हुआ था. आसानी से जल, तेल और वसा में घुलने वाला विटामिन ए मुख्य रूप से रेटिनॉइड और कैरोटिनॉइड के रूप में पाया जाता है. ज़्यादातर विटामिन ए गहरे रंग वाली सब्जियों और फलों में पाया जाता है और इसी कारण इन सब्जियों का गहरा और चमकीला रंग होता है. लगभग 600 प्रकार के कैरोटिनॉइड में से बीटा-कैरोटीन, अल्फा-कैरोटीन और बीटा-जिन्थोफिल अधिक महत्वपूर्ण हैं. इसी कारण इन्हें प्रोविटामिन ए कहा जाता है.
विटामिन ए मुख्य रूप से दो रूपों में पाया जाता है. एक्टिव विटामिन ए और बीटा कैरोटेने. एक्टिव विटामिन ए (जिसे रेटिनॉल भी कहा जाता है) का स्रोत पशु-प्रधान है. दूसरा विटामिन ‘प्रो विटामिन ए’ जो फलों और सब्जियों से प्राप्त होता है ‘कैरोटिनॉइड ‘कहलाता है.
विटामिन ए का मुख्य स्रोत सब्जियों और फल हैं. इन सब्जियों में गाजर, चुकंदर, टमाटर आदि सभी गहरे रंग की सब्ज़ियां, लाल रंग की सब्जियाँ, मटर, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, धनिया, तरबूज आदि हरी सब्जियाँ और इसके अलावा शलजम, शकरकंद, कद्दू, साबुत अनाज, और फलों में गिरीदार फल, पीले या नारंगी रंग के फल, आम, पपीता, चीकू आदि में विटामिन ए पाया जाता है. इसके अतिरिक्त विटामिन ए पनीर, सरसों, राजमा, बींस, अंडा और मछली के तेल आदि में भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
आँखों और मांसपेशियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विटामिन ए अत्यावश्यक माना जाता है लेकिन इसके और भी अनेक फायदे हैं जो इस प्रकार हैं:
• विटामिन ए शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है.
• आँखों की रोशनी तेज़ होती है और मांसपेशियाँ भी मजबूत बनती हैं.
• आँखों के रेटिना में पिगमेंट उत्पन्न करता है.
• हृदय रोग, अस्थमा और मधुमेह जैसे रोगों से बचाव करता है.
• शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है.
• त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है.
• शरीर की सभी हड्डियों को ताकत और मजबूती प्रदान करता है.
• स्नायु तंत्र और मांसपेशियों को ताकत देता है.
• दांतों और मसूड़ों को रोगों से बचा कर मजबूती देता है.
• प्रजनन तंत्र और पुरुषों में स्पर्म का उचित मात्रा में निर्माण करता है.
• विटामिन ए भ्रूण के सामान्य व्रद्धि और विकास के लिए जरूरी है.
• शरीर को ऊर्जा देने वाली सभी कोशिकाओं के निर्माण के लिए भी विटामिन ए की जरूरत होती है.
• गुर्दे की पथरी पाउडर बन कर शरीर से बाहर आ जाती है.
यह सभी जानते हैं कि खान-पान में पोषक तत्वों की कमी से शरीर में अलग-अलग रोग जन्म ले लेते हैं. इसलिए बहुत जरूरी है की हमें सभी पोषक तत्वों की पूरी जानकारी हो. विटामिन ए की कमी से शरीर को क्या नुकसान हो सकता है, आइये देखें:
• विटामिन ए की कमी से किसी भी व्यक्ति को फेफड़े और श्वास संबंधी रोग हो सकते हैं.
• सर्दी-जुकाम और नाक-कान के रोग भी विटामिन ए की कमी से होते हैं.
• हड्डियाँ और दाँत कमजोर हो सकते हैं, दांतों का इनेमल नष्ट हो जाता है और दांतों में गड्ढे हो जाते हैं.
• त्वचा की चमक चली जाती है और स्किन खुरदरी होकर पपड़ी की तरह उतरने लगती है.
• आँखों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है जिससे रतौंधी जैसे रोग हो सकता है और आँसू सूख जाते हैं.
• लीवर में या मूत्राशय में पथरी बन सकती है.
• शरीर का वजन तेजी से घटने लगता है.
• नाखून खराब होकर तेज़ी से और सरलता से टूटने लगते हैं.
• स्त्री-पुरुषों के जननांग शिथिल होने लगते हैं और सहवास की इच्छा शिथिल हो जाती है.
• तपेदिक जैसे रोगों का जन्म लेना.
• कील-मुहांसे आदि चर्म रोग पनप जाते हैं.
• साइनस, नथुने, नाक, कान और गले, शिराओं, पतली रक्त वाहिनियों, माथे की रक्त वाहिनियों के संक्रमण आदि की संभावना रहती है.
• बच्चों के विकास पर बुरा असर होता है.
• सिर के बाल कमजोर होकर गिरने लगते हैं.
• मौसमी एलर्जी हो जाती है.
कोई भी पोषक तत्व लेते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसे उचित मात्रा में ही लिया जाए. जरूरत से ज्यादा लेने पर वह फायदे की जगह नुकसान कर सकता है. इसी प्रकार विटामिन ए की खुराक अगर शरीर में आवश्यकता से अधिक हो जाती है तो निम्न नुकसान हो सकते हैं:
• हर समय सिर में दर्द बने रहना.
• दृष्टि में परिवर्तन आ जाना.
• बिना कारण के थकावट का महसूस होना.
• दस्त हो जाना.
• बालों का तेज़ी से गिरना और झड़ना.
• स्किन का खराब हो जाना.
• हड्डी और जोड़ों में दर्द का होना
• युवतियों में मासिक धर्म में अनियमितता
• गर्भ के शिशु को नुकसान होना
• लीवर खराब होना
दरअसल, सेहतमंद बने रहने के लिए सेहत के अनिवार्य तत्वों की जानकारी होना नितांत आवश्यक है. किसी भी एक तत्व की कमी से जहाँ शरीर में रोग हो जाते हैं तो वहीं दूसरी ओर जरूरत से ज्यादा सेवन भी नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि जो भी न्यूट्रिशियस तत्व शरीर को पोषण देने के लिए लिया जाये उसे संतुलित मात्रा में ही लेना चाहिए. जैसे विटामिन ए शरीर के विकास के लिए बहुत जरूरी है लेकिन अगर सही मात्रा में न लिया जाए तो यही विटामिन ए शरीर के स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता है.
तो शरीर के बेहतर विकास के लिए विटामिन्स का उचित मात्रा में ही सेवन करें और स्वस्थ रहे.
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