आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी कि खाने-पीने के ज़बरदस्त शौक़ीन भारतीयों के खाने से विटामिन्स नदारद रहतें हैं. विटामिन्स,असल में वे यौगिक होते हैं जिन्हें शरीर खुद उत्पन्न नहीं कर सकता लेकिन ये शरीर के उचित विकास के लिए बहुत जरुरी होते हैं. इन्हीं में से एक आवश्यक विटामिन है-‘विटामिन ए’.
1. विटामिन ए के फायदे
आँखों को स्वस्थ रखने में विटामिन-ए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आँखों के साथ ही विटामिन ए,बालों, हड्डियों, त्वचा , ग्रंथियों और नाखूनों को भी स्वस्थ और मज़बूत बनाये रखने में बहुत योगदान देता है. आँखों के लिए इसकी अनिवार्यता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस विटामिन की कमी से ‘रतौन्धी’ नामक रोग हो सकता है, यहां तक कि आँखों में घाव भी हो सकतें हैं. विटामिन ए की कमी से बालों और त्वचा की चमक भी जा सकती है, साथ ही बच्चों में इसकी कमी उनके कद के विकास पर भी प्रभाव डालती है.
2. विटामिन ए पाने के स्रोत
विटामिन ए को दूध, दूध से बने उत्पादों, हरी सब्ज़ियों, फलों के साथ ही मीट, कॉर्नफ्लेक्स आदि में बहुतायात से पाया जाता है.
विटामिन ए में ‘रेटिनॉयड’ और ‘कैरोटिनॉयड’ ख़ास तौर से पाया जाता है, जो वसा में आसानी से घुल जाता है. सब्ज़ियों और फलों का रंग ‘कैरोटिनॉयड’ के कारण ही गहरा होता है. इन दोनों तत्वों के कारण विटामिन ए हमारी सेहत के लिए और भी जरुरी हो जाता है.
3. विटामिन ए की अधिकता करती है नुक़सान भी
कहते हैं कि अति हर चीज की बुरी होती है, सेहत के लिए बेहतरीन चीजें जैसे ‘विटामिन ए’ भी इसका अपवाद नहीं हैं.
जरुरत से ज्यादा विटामिन ए लेने से शरीर में कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं- बालों का गिरना और उनकी चमक नष्ट होना. सिरदर्द होना, नज़र कमज़ोर होना. हड्डियां कमज़ोर होना, जोड़ों में दर्द रहना आदि. यहाँ तक कि गर्भवती महिला द्वारा विटामिन ए का अधिक सेवन करना, गर्भस्थ शिशु के विकास को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिये सही मात्रा में विटामिन ए का सेवन करना ही श्रेयस्कर है.
तो ज़िन्दगी की तमाम व्यस्तताओ के बीच खाने-पीने पर जरूर ध्यान दें और अपने खाने में फलों और सब्ज़ियों को शामिल करें. सही खाएं और स्वस्थ रहे. कहा भी गया है-
पहला सुख निरोगी काया!!
बिन उसके क्या मोह क्या माया !!
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