कि इश्क़ तुझसे कुछ ऐसा कर लिया है हमने
कि नजरों को तेरे सिवा
कुछ अच्छा नहीं लगता।
तेरा वह मासूम सा चेहरा छप गया है इस दिल पर ऐसे,
कि तेरे अलावा
अब कोई सच्चा नहीं लगता।
यूँ तो दूरी है हमारे दरमियान,
पर तेरे इश्क़ के आगे
इन दूरियों का इरादा अब पक्का नहीं लगता।
सच बतायें तो
तेरे अलावा कुछ अच्छा नहीं लगता।
तेरा मुझे देख कर मुसकुराना और फिर नजरें चुराना,
अच्छा लगता है।
मेरे चेहरे पर आती हुई झुलफ़ों का,
तेरा यूँ आहिस्ता से हटाना,
अच्छा लगता है।
मेरी बेवजह की बातों पर तेरा ठहाके लगाना,
अच्छा लगता है।
तेरा यूँ बच्चों के जैसे गुस्सा करके मेरी चिंता करना ,
अच्छा लगता है।
मुझसे ही लड़ना, फिर खुद मनाना,
तेरा मेरे सामने जानबूझकर हार जाना,
अच्छा लगता है।
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