क्या लाख कोशिश करने के बाद भी आपके व्यापार में मुनाफा नहीं हो पा रहा है? या आपके दुकान में कर्मचारी टिकते नहीं? या कमाई तो होती है, पर व्यापार में खर्चा भी अनाप-शनाप हो रहा है? यदि आप ऐसी ही किसी तकलीफ से गुज़र रहे हैं, तो हो सकता है, आपकी दुकान का वास्तु गलत हो।
आज हम आपको देने वाले हैं 22 ऐसे वास्तु टिप्स, जो न केवल आपकी दुकान को अधिक आकर्षक बनाएँगी बल्कि साथ ही आपके व्यापार को भी बढ़ाएंगी। आइये जानते हैं, इन टिप्स को।
1. दुकान का फ्रंट फेस हमेशा ही चौड़ा होना चाहिए। पीछे का भाग संकड़ा हो सकता है, लेकिन आगे से हमेशा चौड़ा ही होना चाहिये। ऐसी दुकान सिंह मुख की दुकान मानी जाती है और बहुत ही अच्छा प्रभाव देती है।
2. दुकान के निर्माण में एक बात ध्यान दें और वह यह कि कभी भी दुकान के द्वार की ओर ढ़लान नही होनी चाहिए। ऐसा होने पर यह आपके ग्राहकों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, और वास्तु की दृष्टि से भी यह ठीक नहीं होती है।
3. मालिक के बैठने के स्थान पर या दुकान के सामने किनारे पर छोटे गमलों में पौधे लगाकर रखने से भी एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह व्यापार के लिए शुभ माना जाता है ।
4. वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप अपनी दुकान के ईशान कोण में इष्ट देवी- देवताओं की प्रतिमा रखते हैं, तो यह आपकी दुकान के लिए शुभ माना जाता है। ऐसी कोई प्रतिमा के न होने पर आप इस स्थान पर जल भी रख सकते हैं, इससे आपकी दुकान की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
5. दुकान के मालिक को दुकान की पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए, मालिक का पश्चिम दिशा में बैठना व्यापार के लिए शुभ माना जाता है और कर्मचारियों का पश्चिम या दक्षिण दिशा में बैठना व्यापार के लिए शुभ होता है।
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6. आग्नेय कोण, मतलब की दक्षिण पूर्व दिशा। इस दिशा में अगर आप अपनी दुकान का मुख्य बिजली का बोर्ड, बिजली का मीटर आदि लगाते हैं तो यह भी वास्तु की दृस्टि से शुभ माना जाता है और व्यापर के लिए लाभदायक होता है।
7. दुकान के सामने कोई भी पेड़, किसी भी प्रकार का खम्बा या सीढ़ी नहीं होनी चाहिए। अगर ये होते हैं तो व्यापार को आर्थिक क्षति होने की संभावना होती है।
8. दुकान का निर्माण करते समय एक बाद का सदैव ध्यान रखनी चाहिए कि दूकान के मालिक के बैठने की जगह के ऊपर कोई बीम नहीं होना चाहिए। दूकान की तिजोरी के ऊपर से भी बीम का होना शुभ नहीं माना जाता है।
9. दुकान में कार्यरत कर्मचारियों का मुख अगर उत्तर दिशा या पूर्व दिशा की ओर होता है तो यह व्यापार के लिए बेहद लाभदायक होता है और इसके प्रभाव से ग्राहकों और मालिक के व्यवहार में सुधार आता है ।
10.अगर आपकी दुकान एक निश्चित आकार में है, तो यह वास्तु की दृष्टि से सबसे अच्छा है। अगर इसका आकार वर्ग या आयताकार है, तो यह आकार सबसे अच्छा माना जाता है। इस आकार की दुकान अधिक आर्थिक लाभ प्रदान करती है।
11. यदि दुकान में कार्य करने वाले कर्मचारियों का मुख पश्चिम या दक्षिण दिशा में होता है तो इसका प्रभाव नकारात्मक होता है ऐसे में धन का व्यय होना और कष्टदायी परिणाम भी आते हैं।
12. दुकान में टी.वी. रखने के लिए सबसे उत्तम दिशा है दक्षिण-पूर्व। अगर आप कम्प्यूटर भी रखना चाहते हैं, तो इसी दिशा में रखें। यह आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
13. एक बात का ध्यान सदैव रखें कि जब भी दुकान का निर्माण करें, दुकान के प्रमुख प्रवेश द्वार पर चौखट न बनाएं, इसका व्यापार पर बुरा असर पड़ता है।
14. अपनी तिजोरी और अपनी मुख्य खाता-बही में धन कुबेर यंत्र जरूर रखें। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आपकी केश की तिजोरी कभी भी पूरी तरह से खाली न हो।
15. आप जिस गद्दी पर बैठते हैं, उस पर कभी भी भोजन न करें और न ही उस पर सोयें। ऐसा करना आपके व्यापार के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
16. दुकान में अगर आप शौचालय बनवाने वाले हैं तो बहुत सोच समझकर ही उसके स्थान का निर्णय करें हमेशा उत्तर पूर्व के कोने में , शौचालय का बनवाने से बचें अन्यथा यह आपको आर्थिक और शारिरिक क्षति पहुंचा सकता है।
17. दुकान में एकाउंट्स का कार्यालय उत्तर दिशा में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है और यह दिशा इस कार्य के साथ-साथ सभी प्रकार के लिखा-पढ़ी वाले कार्यों के लिए उपयुक्त है। दुकान में अगर मुनीमजी या क्लर्क हैं तो उन्हें भी इसी दिशा में बैठना चाहिए।
18. मालिक और सम्पूर्ण प्रसाशन यानी कि एडमिन का मुख अगर पूर्व में हो तो यह व्यापार के लिए लाभदायक होता है।
19. दुकान में कई बार भोजन बनाने के उपकरण भी रखने पड़ते हैं या रसोई घर बनाना पड़ता है। ऐसे में दक्षिण पूर्व दिशा ऐसे उपकरणों को रखने के लिए या फिर कर्मचारियों के टिफिन को रखने के लिए भी सबसे बेहतर दिशा होती है।
20. आजकल दुकान के निर्माण में शीशे का प्रयोग बढ़ गया है। अगर आप भी अपनी दुकान में शीशे लगवाना चाहते हैं तो दुकान के पूर्व और उत्तर दिशा में शीशे के प्रयोग करना सबसे उचित होता है।
21. दुकान में जो भी बिक्री का सामान है या सामान रखने के शोकेश, आलमारी, रेक,केस काउंटर आदि का उत्तर पश्चिम दिशा में होना सबसे शुभ माना जाता है और यह दिशा ग्राहकों पर एक सकारात्मक प्रभाव भी डालती है।
22. दुकान खोलने के तुरंत बाद और शाम के वक्त कभी भी दान नहीं देना चाहिए और साथ ही दान देते समय दान फेंककर न दें।
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Aap ki ye baate muje baahut pasand aayi hai ye bahu hi acchi baate hai