मधुमेह(डायबिटीज) हमारे शरीर में ग्लूकोस की मात्रा में गड़बड़ी आने के कारण होने वाली बीमारी है. इस बीमारी में लोगो के शरीर में इन्सुलिन बनना बहुत कम हो जाता है या फिर इन्सुलिन बनना बंद हो जाता है या फिर इन्सुलिन ढंग से इस्तेमाल नहीं हो पाता.
हमारे शरीर में इन्सुलिन पैंक्रियास के द्वारा बनता है ,जो हमारे शरीर में चीनी को ऊर्जा बनने में मदद करता है.
डायबिटीज ३ प्रकार की होती है – टाइप १, टाइप २ और गेस्टेशनल डायबिटीज. शुरुवात के समय डायबिटीज को कंट्रोल करना आसान होता है, यह कुछ दवाइयों से कंट्रोल की जा सकती है. लेकिन कुछ समय बाद अगर इसका लेवल बढ़ता है और फिर मरीज़ को इंजेक्शन के द्वारा इन्सुलिन लेना पड़ता है.
डायबिटीज होने पर इसे पहचानना इतना आसान नहीं होता. इसलिए ज़रूरी है, के हम इनके लक्षण को अच्छे से जान ले.
टाइप १ डायबिटीज
टाइप १ डायबिटीज के लक्षण बहुत जल्दी नज़र आने लगते है, लेकिन कई बार लोग इसे साधारण फ्लू समझ के अनदेखा कर देते है. यह लक्षण हमारे शरीर में चीनी की मात्रा बढ़ने से बनते है. इसके लक्षण कई होते है जैसे –
- ज़्यादा पेशाब लगना क्योकि हमारी किडनी हमारे खून से ज़्यादा चीनी निकलने की कोशिश करती है, जिसकी वजह से ज़्यादा पेशाब लगता है.
- शरीर से ज़्यादा पानी बाहर जाने की वजह से ज़्यादा प्यास लगती है.
- बिना किसी मेहनत के वज़न घटने लगता है.
- शरीर पूरी कैलोरी को इस्तेमाल नहीं कर पाता इसलिए ज़्यादा भूख लगने लगती है.
- कम दिखाई देने की समस्या होने लगती है.
- ज़्यादा थकान महसूस होने लगती है.
टाइप २ डायबिटीज
टाइप २ डायबिटीज के सिम्पटम्स जल्दी पहचान में नहीं आते. इसे पहचानने में कई बार कई साल लग जाते है. इसके लक्षण कुछ टाइप १ डायबिटीज जैसे ही होते है, लेकिन कुछ में फ़र्क़ होता है –
- ज़्यादा पेशाब लगना, ज़्यादातर रात में बहुत ज़्यादा प्यास लगना
- बहुत ज़्यादा थकावट महसूस होना
- बिना किसी वजह के वज़न घंटा
- खुजली होना
- जल्दी जल्दी इन्फेक्शन होना
- घाव का देर से भरना
- कुछ जगह पर त्वचा का काला पड़ना
बीरेंद्र सिहं
आप मधुमेह से बचने का प्रयास करेंगे । यह मेरी मनोकामना है ।
OPVerma
You have given a good advice